Plasma क्या है? प्लाज्मा थेरेपी और प्लाज्मा से डोनेशन के बारे में जाने। Plasma in Hindi
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Plasma क्या है? प्लाज्मा थेरेपी और प्लाज्मा से डोनेशन के बारे में जाने। Plasma in Hindi

Plasma in Hindi>> Plasma Kya Hai ? कोरोना के इस दौर में हम सभी ने एक शब्द बहुत सुना है वह प्लाज्मा। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि प्लाज्मा क्या है ? इसके अलावा आपने Plasma Therapy के बारे में भी बहुत सुना होगा। लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि प्लाज्मा थेरेपी क्या है ? और इससे कोरोना के मरीज किस तरह ठीक हो सकते हैं। इसके अलावा प्लाज्मा काम कैसे करता है। इसे देने की प्रक्रिया में प्लाज्मा डोनर को कोई खतरा तो नहीं है। क्या प्लाज्मा हर व्यक्ति डोनेट कर सकता है। इसलिए आज हम आपको प्लाज्मा थेरेपी क्या है और इससे जुड़ी तमाम जानकारियां देंगे। अगर आप भी प्लाज्मा थेरेपी से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें। 

क्या है प्लाज्मा – Plasma Kya Hai ?क्या है प्लाज्मा - Plasma Kya Hai ?

कोरोना जैसी बीमारी जो अब तक लाखों लोगों को मौत की नींद सुला चुकी है। वही इस वायरस से रिकवर होने वाले ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके इम्यून सिस्टम ने इस बीमारी को हरा दिया है। इन लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बन चुकी हैं। अब इन्ही लोगों के खून में प्लाज्मा मौजूद है जो ऐसे मरीजों की सहायता कर सकता है जो इस बीमारी की चपेट के कारण अपनी आखिरी सांसे गिन रहे हैं। इसी के चलते अब सरकारे प्लाज्मा बैंक शुरू कर चुकी हैं जहां कोरोना को हरा चुके लोगों के शरीर से प्लाज्मा लिया जाएगा और प्लाज्मा थेरेपी के जरिए उनकी जान बचाई जाएगी। अब शायद आप समझ गए होंगे कि Plasma Kya Hai

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Main points

प्लाज्मा थेरेपी क्या है – What is Plasma Therapy in Hindiप्लाज्मा थेरेपी क्या है - What is Plasma Therapy in Hindi

दोस्तो जैसे कि हमने आपको बताया कि जब कोई व्यक्ति कोरोना को हरा देता है तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती हैं। इस दौरान मरीज को 28 से 30 दिन के भीतर प्लाज्मा डोनेट करने की सलाह दी जाती है। इसके बाद मरीज के खून में से प्लाज्मा का सैपरेट करके उस व्यक्ति के शरीर में डाला जाता है जो कोरोना के कारण मरने की स्थिति पर पहुंच गया है। इसके बाद धीरे धीरे मरीज के शरीर में एंटीबॉडी पहुंच जाती है जिसके बाद मरीज की हालत सुधरने लगती है। अगर आपको भी कोरोना हुआ है तो आप भी प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। इससे आपको कोई खतरा नहीं है। बल्कि आपके द्वारा दिए गए प्लाज्मा की वजह से एक व्यक्ति की जान बच सकती है।

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किस तरह काम करती है प्लाज्मा थेरेपी – How Plasma Therapy Work in Hindi

दोस्तों अब तक आपने जाना कि प्लाज्मा क्या है और प्लाज्मा थेरेपी क्या है। अब हम बताते हैं कि प्लाज्मा थेरेपी काम कैसे करती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना की कुल मिलाकर तीन स्टेज होती है। कोरोना की पहली स्टेज के दौरान यह शरीर में प्रवेश करता है। दूसरी स्टेज में कोरोना फेफड़ों को डैमेज करना शुरू करता है। वही इसकी अंतिम स्टेज में जो कि सबसे खतरनाक है यानी तीसरी स्टेज है। इस स्टेज में कोरोना वायरस शरीर के विभिन्न अंगों में पहुंचकर उन्हें नुकसान पहुंचाता है और उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। इसलिए विशेषज्ञ प्लाज्मा थेरेपी को दूसरी स्टेज में ही आजमाते हैं। इसके जरिए आसानी से मरीज को बचाया जा सकता है। साथ ही मरीज प्लाज्मा थेरेपी की वजह से तीसरी स्टेज में जाने से बच जाता है। 

कौन कर सकता है प्लज्मा डोनेट – Who Can Donate Plasma in Hindi
कौन कर सकता है प्लज्मा डोनेट - Who Can Donate Plasma in Hindi

अब तक आपने प्लाज्मा के इलाज की प्रक्रिया को समझा अब जानते हैं कि प्लाज्मा कौन व्यक्ति डोनेट कर सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो जो भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हुआ है और वह ठीक हो चुका है। वह प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। लेकिन इससे जुड़ी कुछ शर्तें और निर्देश हैं जिसका पालन करके ही आप प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। 

प्लाज्मा डोनेट करने के लिए शर्त 

  1. ऐसा व्यक्ति जो कोरोना को मात दे चुका हो और उसे 28 दिन बीत चुके हों, वह प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। 
  2. प्लाज्मा डोनेट करने वाले व्यक्ति की उम्र 18 साल से लेकर 60 साल के बीच ही होनी चाहिए। 
  3. अगर कोई प्लाज्मा डोनेट करना चाहता है तो उस व्यक्ति का न्यूनतम वजन 50 किलो जरूर होना चाहिए। 
  4. प्लाज्मा डोनेट करने वाला व्यक्ति उस समय या पहले से किसी गंभीर बीमारी का शिकार नहीं होना चाहिए। 
  5. एक व्यक्ति हर 10 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। लेकिन इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेनी आवश्यक है।
  6. एक व्यक्ति के प्लाज्मा से दो मरीजों की जान बचाई जा सकती हैं। हालांकि इस पर अभी कुछ रिसर्च होनी बाकी है। 

खून से प्लाज्मा अलग करने का तरीका – How  Plasma Separate in Hindi

अगर आपको ऐसा लग रहा है कि ब्लड डोनेशन की तरह ही प्लाज्मा लिया जाता है तो बता दें कि आप थोड़ा गलत हैं। दरअसल इसमें कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर से कुछ ब्लड लिया जाता है और एक मशीन के माध्यम से इनमें से प्लाज्मा अलग कर दिया जाता है। इसी प्लाज्मा को मरीज के शरीर में डाला जाता है। 

क्या प्लाज्मा के जरिए मरीज ठीक हो जाता है

इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी कोई पहली बार उपयोग नहीं की जा रही। बल्कि इससे पहले 1890 में इसकी शुरुआत हुई थी। जिसमें मरीज को किसी बीमारी से बचाने के लिए प्लाज्मा दिया गया था। जिसके परिणाम भी सकारात्मक आए थे। लेकिन हर व्यक्ति पर प्लाज्मा थेरेपी उतनी ही कारगर हो यह कहा नहीं जा सकता। 

प्लाज्मा कितने दिन में दिखाता है असर 

अब आपके जेहन में जरूर यह सवाल चल रहा होगा कि आखिर कितने दिन में प्लाज्मा असर दिखाता है। डॉक्टरों की माने तो एक डोनर से 400 से 500 एमएल प्लाज्मा लिया जाता है। इसके 200-200 एमएल के दो डोज मरीज को दिए जाते हैं। बहुत से मरीजों को इसके पहले डोज पर ही असर होने लगता है। वही अगर पहले डोज पर कोई असर ना हो तो मरीज को दूसरा डोज दिया जाता है। अगर मरीज इसमें भी ठीक ना हो तो यह तकनीक भी मरीज की जान नहीं बचा सकती। 

निष्कर्ष – Conclusion

Plasma in Hindi. दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको बता दिया है कि Plasma Kya Hai। इसके अलावा Plasma Therapy से जुड़ी तमाम जानकारी देदी है। अब अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। आपका एक शेयर कोरोना से कई लोगों की जान बचा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. क्या प्लाज्मा डोनर को प्लाज्मा डोनेट करने पर कमजोरी महसूस होती है?

    नहीं, यह मात्र एक मिथ है। प्लाज्मा डोनर को किसी तरह की कमजोर महसूस नहीं होती।

  2. प्लाज्मा ठीक होने के कितने समय बाद डोनेट किया जा सकता है?

    ऐसा व्यक्ति जिसे कोरोना से ठीक हुए 28 दिन बीत चुके हैं, वह प्लाज्मा डोनेट कर सकता है।

  3. एक प्लाज्मा डोनर कितनी बार प्लाज्मा डोनेट कर सकता है?

    विशेषज्ञों के अनुसार एक मरीज हर 15 दिन में प्लाज्मा डोनेट कर सकता है।

  4. क्या प्लाज्मा डोनेट करने वाले व्यक्ति का स्वस्थ रहना जरूरी है?

    हां, अगर आप प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं तो आपका स्वस्थ रहना जरूरी है।

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