दालचीनी के 16 फायदे,नुकसान और औषधीय उपयोग। Side Effects and Benefits of Cinnamon in Hindi
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दालचीनी के 16 फायदे,नुकसान और औषधीय उपयोग। All About Cinnamon in Hindi

Main points

Cinnamon in Hindi. क्या आपने Cinnamon का नाम सुना है। अगर नहीं तो बता दें Cinnamon को Hindi में दालचीनी (Dalchini) कहा जाता है। Dalchini Ke Fayde आयुर्वेद से लेकर विज्ञान तक माने जाते हैं। भारतीय रसोई में दालचीनी का उपयोग बहुत लंबे समय से किया जा रहा है। दालचीनी के फायदे बताने वाले लोग इसकी तारीफ करते थकते नहीं है। विज्ञान तो यहां तक बताता है कि दालचीनी, लौंग के बाद दूसरा ऐसा मसाला है जिसमें सबसे ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। दालचीनी पाउडर का उपयोग भी चाय से लेकर बहुत सी अन्य खाद्य सामग्री में किया जाता है। आज हम आपको Cinnamon यानी  दालचीनी से जुड़ी सभी जानकारी देंगे। अगर आप दालचीनी के लाभ, उपयोग, पेड़ और इससे जुड़ी तमाम जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख पर अंत तक बने रहें।

क्या है दालचीनी – What is Cinnamon in Hindiक्या है दालचीनी - What is Cinnamon in Hindi

दालचीनी जिसे अंग्रेजी में Cinnamon भी कहा जाता है। यह एक मसाला है जिसका उपयोग बहुत से व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने और रंग देने के लिए किया जाता है। इसके अलावा दालचीनी को एक औषधी के तौर पर भी देखा जाता है, इसके जरिए बहुत सी दवाईयां बनाई जाती हैं। दालचीनी की छाल बेहद पतली और खुशबूदार होती है। दालचीनी के फुल बेहद छोटे होते हैं, यह हरे या सफेद रंग के हो सकते हैं। दालचीनी पाउडर का उपयोग चाय के अंदर भी किया जाता है। 

दालचीनी का वैज्ञानिक नाम Cinnamomum Verum है। दालचीनी के पेड़ को True Cinnamon Tree के नाम से जाना  जाता है। यह पेड़ लैरेसिई परिवार से संबंधित है। दालचीनी को तैयार करने  के लिए पेड़ की छाल को निकाल कर सुखाया जाता है। सूखने के बाद यह लंबी और गोल किसी डंडी की तरह हो जाती है। इसी को हम सभी दालचीनी के नाम से जानते हैं। 

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दालचीनी का इतिहास – History of Cinnamon in Hindi

दालचीनी का इतिहास काफी पुराना और हैरान कर देने वाला है। इतिहासकार की माने तो वास्को डी गामा और क्रिस्टोफर कोलंबस ने दालचीनी की खोज में ही यात्रा शुरू की थी। आपको बता दें कि दालचीनी सबसे पहले श्रीलंका में हुई थी। इतिहास की माने तो दालचीनी सबसे पहले 2000 – 5000 ई.पू दालचीनी का उपयोग किया गया था। 

दालचीनी की तासीर

दालचीनी की तासीर बेहद गर्म होती है। इसलिए इसका सेवन केवल सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए। ऐसे लोग जिनकी तासीर गर्म रहती है उन्हे बहुत ही सावधानी से दालचीनी का उपयोग करना चाहिए। दालचीनी के फायदे कफ एवं वात रोगों में देखे जाते हैं। 

दालचीनी के पेड़ की पहचान – True Cinnamon Tree in Hindi

दालचीनी के पेड़ सबसे पहले श्रीलंका में पाए गए थे। इनकी लंबाई अधिकतम 18 मीटर तक ही होती है। पेड़ की छाल के जरिए ही दालचीनी तैयार की जाती है। पेड़ की छाल का रंग लाल होता है और सूखाने के बाद इसकी छाल गोल हो जाती है। दालचीनी के फलों को तोड़ने पर इनमें से तारपीन जैसी महक आती है। वहीं इसकी पत्तियों को हाथो पर मलने से इसकी तीखी महक आती है। 

दालचीनी के अलग अलग भाषाओं में नाम – Dalchini Name in Different Languages

  • Cinnamon in Marathi Name– दालचीनी
  • Cinnamon in Bengali Name – दारुचीनी 
  • Cinnamon in Sanskrit Name–, तनुत्वक्, दारुसिता, चोचम, वराङ्ग, भृङ्ग, उत्कट
  • Cinnamon in Kannada Name – लवङ्ग चक्के , तेजदालचीनी
  • Cinnamon in Hindi Name–  दालचीनी, दारुचीनी, दारचीनी
  • Cinnamon in Gujarati Name – दालचीनी , तज
  • Cinnamon in Punjabi Name– दाचीनी , किरफा 
  • Dalchini in English Name – ट्रु सिनैमोन , सीलोन सिनामोन 
  • Cinnamon in Urdu Name – दारचीनी
  • Cinnamon in Oriya Name – दालोचीनी , दारूचीनी 
  • Cinnamon in Tamil Name – लवंग पत्तै 
  • Cinnamon in Telugu Name – लवंगमु 
  • Cinnamon in Malayalam Name – एरिकोलम , वरनम 

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दालचीनी के प्रकार – Cinnamon Types in Hindiदालचीनी के प्रकार - Types of Cinnamon in Hindi

आप में से ज्यादातर लोगों को तो शायद इस बात का अंदाजा भी ना हो कि दालचीनी केवल एक ही तरह की नहीं, बल्कि कई तरह की होती है। अगर कुल मिला कर देखा जाए तो चार प्रकार की दालचीनी होती है

  1. सीलोन दालचीनी (मैक्सिकन दालचीनी)
  2. साइगॉन दालचीनी (वियतनामी दालचीनी)
  3. कोरंटजे दालचीनी (इंडोनेशियाई दालचीनी)
  4. कैसिया दालचीनी (जंगली या चाइनीज दालचीनी)

आपको यह तो पता चल गया कि दालचीनी कितने प्रकार की होती है और इन्हे किस किस नाम से जाना जाता है। इससे पहले हम आपको दालचीनी के फायदों से जुड़ी जानकारी दें। पहले इन चार प्रकार की दालचीनी में क्या खास है। यह तो जान लीजिए।

कैसिया दालचीनी

कैसिया दालचीनी को चाइनीज या जंगली दालचीनी के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खेती मुख्य रूप से दक्षिणी चीन के अंदर की जाती है। यह थोड़ी कम स्वादिष्ट होती है और इसकी छाल अधिक मोटी होती है। इसकी बनावट अधिक खुरदुरी होती है जिसकी वजह से इसे कुचलने में काफी परेशानी आती है। कैसिया दालचीनी का उपयोग अधिकतर दवाईयों में किया जाता है। 

सीलोन दालचीनी

इसे मैक्सिकन दालचीनी के नाम से भी जाना जाता है। इस दालचीनी का उत्पादन सबसे ज्यादा श्रीलंका में होता है और यह रेतीली मिट्टी में सबसे बेहतर होती है। इस दालचीनी के अंदर कूमेरिन की मात्रा सबसे कम होती है। सीलोन दालचीनी में कूमेरिन की मात्रा कम होने के कारण ही इसका उपयोग सबसे अधिक किया जाता है। इसके अधिक उपयोग के चलते ही यह बाजार में महंगी मिलती है। 

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साइगॉन दालचीनी 

इस दालचीनी को वियतनामी दालचीनी के नाम से भी जाना जाता है। यह बाकी अन्य दालचीनी के मुकाबले ना केवल महंगी बल्कि यह उनसे काफी अलग भी है। इसकी खुशबू और स्वाद के लोग दीवाने हो जाते हैं। यह वियतनाम के पहाड़ी जंगलों में सबसे अधिक पाई जाती है। इसमें सबसे उच्चतम गुणवत्ता की छाल क्विंग एनगई प्रांत से निकलती है। साइगॉन को वसंत मौसम के दौरान ही काटा जाता है। 

कोरंटजे दालचीनी

यह इंडोनेशियाई दालचीनी के नाम से भी पहचानी जाती है। दुनिया में दालचीनी की मांग का 70 प्रतिशत भाग की पूर्ति इंडोनेशिया ही करता है । इस दालचीनी का उपयोग केक, कुकीज, चटनी, करी और सूप बनाने में किया जाता है। यह बाकी दालचीनी के मुकाबले आपको थोड़े कम दामों में मिल सकती है। भारत में भी इस दालचीनी का उपयोग बेहद कम ही किया जाता है। 

दालचीनी की कीमत – Cinnamon Price in Hindi

अगर आप दालचीनी का पाउडर ना खरीद कर सीधा इसकी छाल को ही खरीदना चाहते हैं तो बता दें कि यह आपको 552 रुपए किलो तक भी मिल सकती है। हालांकि ऑनलाइन इसकी कीमत बढ़ती घटती रहती है। यह कीमत आज की है यानी जिस दिन यह लेख लिखा गया है। 

वही आज के दिन 100 ग्राम दालचीनी पाउडर की कीमत 145 रुपए है। आप चाहें तो इसका उपयोग भी कर सकते हैं। 

दालचीनी के फायदे – Dalchini Ke Fayde
दालचीनी के फायदे - Dalchini Ke Fayde

Cinnamon या दालचीनी का उपयोग भले ही ज्यादातर लोग केवल रसोई में ही करते हों। लेकिन दालचीनी के लाभ सेहत पर बहुत अधिक है। एक लंबे अरसे से दालचीनी का उपयोग ना केवल औषधि के तौर पर किया जा रहा है, बल्कि इसे कई एलोपैथिक दवाईयों में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। चलिए जानते हैं दालचीनी के औषधीय उपयोग और फायदे।

एचआईवी में दालचीनी के लाभ

एचआईवी से संक्रमित लोगों की जिंदगी कितनी ज्यादा कठिन हो जाती है। एचआईवी की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति के लिए का यूं तो डॉक्टर से ही इलाज करना सही रहता है। लेकिन हाल ही में हुए शोध में एनसीबीआई ने बताया है कि दालचीनी के अंदर ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो एंटी – एचआईवी -1 गतिविधि दर्शाते हैं। दरअसल इसके अंदर प्रोजोनिडिन पॉलीफेनोल होता है, जो शरीर में एचआईवी के वायरस को  फैलने से रोकता है। 

वजन निंयत्रित करे दालचीनी

बढ़ता वजन आज हर दूसरे व्यक्ति लिए गंभीर समस्या बन गया है। लेकिन दालचीनी के औषधीय गुण इसमें भी फायदेमंद है। आपको बता दें कि दालचीनी के अंदर पॉलीफेनॉल्स होता है। जो एक तरह एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह आपके शरीर में इंसुलिन को बढ़ाता है। इंसुलिन के जरिए ही खून में ग्लूकोज नियंत्रित करने में मदद करता है। ऐसे में अगर शरीर के अंदर इंसुलिन की मात्रा संतुलित ना हो तो इससे डायबिटीज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसी के चलते मोटापा एव अन्य समस्याएं भी बढ़ने लगती है।  इसके अलावा कई महिलाएं पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग से पीड़ित होती हैं। दालचीनी के सेवन से इसके प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। 

दालचीनी है एंटीऑक्सीडेंट 

कोरोना काल से लेकर अब तक भारतीय रसोई में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों के गुण को लेकर आज विश्व चर्चा कर रहा है। दरअसल हाल ही में एक रिसर्च की गई जिसमें करीब 26 मसालों को लिया गया। इनमे से दालचीनी के अंदर सबसे ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि दिखाई दी। 

दिल के लिए लाभ दालचीनी के

आज के समय में दिल से जुड़ी बीमारियां कभी भी व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले सकती है। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल लेवल का अधिक होना भी बेहद आम सा हो गया है। लोगों की यह लापरवाही उनकी जान तक ले लेती है। लेकिन दालचीनी के उपयोग से कोलेस्ट्रॉल की समस्या से राहत पाई जा सकती है। दरअसल हाल ही में एक रिसर्च कई गई थी, जिसमे पाया गया कि जो भी व्यक्ति रोजाना से 6 से 7 ग्राम तक दालचीनी का सेवन करता है। उसके शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित होने लगती है। ज्ञात हो कि कैसिया दालचीनी के अंदर सिनामलडिहाइड और सिनामिक एसिड होते हैं। यह कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। इसी के कारण दालचीनी हृदय रोग से संबंधित समस्याओं को रोकने में सक्षम होती है। 

कैंसर से बचाव में दालचीनी

कैंसर आज के समय की उन भयंकर बीमारियों में शामिल है जो समय रहते इलाज ना होने पर व्यक्ति की जान तक ले लेती है। जबकि कई बार कैंसर की वजह से लोगों को अपने शरीर के अंगों तक हाथ धोना पड़ता है। लेकिन दालचीनी के जरिए कैंसर से बचाव संभव है। आपको बता दें कि दालचीनी के अंदर एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और अन्य कई गुण होते हैं। यह गुण शरीर में कीमोप्रेंटिव एजेंट की तरह काम करते हैं और शरीर में कैंसर को फैलने से रोकते हैं। इसके अलावा हुए कई शोध इस बात का भी दावा करते हैं कि दालचीनी के अंदर कई ऐसे गुण हैं जो स्किन कैंसर से बचाव करते हैं। 

एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन करे कम

एक लंबे समय से औषधीय पौधों पर कई शोध चल रहे थे। इन पौधों की सूची में दालचीनी का पेड़ भी था। इस शोध से पता चला है कि दालचीनी के अंदर अधिक मात्रा में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह गुण शरीर के अलग अलग अंगों में आई सूजन को कम करने के लिए जाने जाते हैं। इसके लिए दालचीना के तेल या दालचीनी के पानी के अर्क का भी उपयोग किया जा सकता है। 

डायबिटीज बचाव में लाभ दालचीनी के 

डायबिटीज या मधुमेह एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसकी चपेट में करोड़ों लोग आ चुके हैं। इस बीमारी की सबसे खतरनाक बात यह है कि इसके होने से किडनी, और आंखें तक प्रभावित हो सकती है। कुल मिलाकर यह शरीर में बीमारी पैदा करने की एक मशीन है। लेकिन दालचीनी के सेवन से डायबिटीज से बचा जा सकता है। दरअसल दालचीनी को लेकर कुछ समय पहले शोध किए गए हैं। यह शोध इशारा करते हैं कि दालचीनी के अंदर एंटी डायबिटिक गुण होते हैं। साथ ही इसमें पॉलीफेनॉल्स सीरम होता है जो इंसुलिन की मात्रा को कम करके मधुमेह के खतरे से बचा सकता है। 

बालों का ध्यान रखने में फायदे दालचीनी के

दालचीनी ही नहीं बल्कि इसके पेड़ की पत्तियां भी आपका ध्यान रख सकती है। अगर आप गंजेपन या हेयर फॉल की समस्या से परेशान हैं. तो दालचीनी के पेड़ की पत्तियों का पेस्ट आपके लिए एक रामबाण इलाज हो सकता है। हालांकि अब तक इस पर शोध नहीं हुआ है। लेकिन जानकारों का मानना है कि इसके जरिए बालों को स्वस्थ रखा जा सकता है। 

फंगल इंफेक्शन में Dalchini Ke Fayde

स्किन पर होने वाले फंगल इन्फेक्शन में फायदे दालचीनी के देखे गए हैं। कई शोध बताते हैं कि दालचीनी के अंदर बहुत से गुण पाए जाते हैं, जो एंटी फंगल हैं। इसके लिए दालचीनी के तेल का उपयोग किया ज सकता है।

स्किन का ध्यान रखे

आपने बाजार में बहुत से ऐसे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट देखे होंगे जिनमें दालचीनी का उपयोग किया जाता है। दालचीनी के अंदर ऐसे कई गुण होते हैं जो स्किन पर आने वाले पिंपल्स को ठीक करने में मदद करते हैं। इसके अलावा दालचीनी के अंदर पाए जाने वाले अन्य गुण स्किन के कोलेजन को नष्ट होने से बचाते हैं, और स्किन में लचीलापन बनाए रखती है। इसके अलावा उम्र के कारण स्किन पर होने वाले प्रभाव को भी दालचीनी के जरिए कम किया जा सकता है। 

सांस संबंधित समस्या करे दूर

ऐसी कई बीमारियां होती हैं जिसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगती है, जैसे  निमोनिया और  कैटरर्हालिस बैक्टीरिया। यह बीमारियां क्रोनिक ब्रोंकाइटिस नाम की एक नई समस्या को भी पैदा कर देती है। इन समस्याओं से बचे रहने के लिए दालचीनी का उपयोग किया जा सकता है।  दालचीनी के तेल और इससे ली जाने वाली भांप ब्रोंकाइटिस से बचाए रखने में कारगर होती है। 

मस्तिष्क के लिए  

मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में Dalchini Ke Fayde देखे गए हैं। बीते काफी समय से दालचीनी को लेकर चल रही रिसर्च से  पता चला है कि यह ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है जिससे मस्तिष्क स्वस्थ रहता है। एक अन्य अध्ययन बताता है कि दालचीनी के अंदर पाए जाने वाले गुण  याददाश्त को बढ़ा सकता है। इसके अलावा दालचीनी में बहुत से फाइटोकेमिकल्स होते हैं।  यह ग्लूकोज का उपयोग कर दिमाग की क्षमता बढ़ाने का कार्य करते हैं। 

ओरल हाइजीन मे फायदे दालचीनी के

हाल ही में दालचीनी को लेकर एक अध्ययन की रिपोर्ट सामने आई है जो बताती है कि इसके जरिए निकाले गए तेल से स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स नामक बैक्टीरिया की गतिविधि को रोकने का काम करता है। यही बैक्टीरिया मुंह में कैविटी के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसके अलावा दालचीनी फेशियल कंडीशन को भी नियंत्रित करने का कार्य करता है। बता दें कि यह भयंकर दर्द होता है जो जबड़े, मुंह और पूरे चेहरे को प्रभावित करता है। इसके अलावा दालचीनी के तेल में मौजूद  एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं जो मुंह को बूरे बैक्टीरिया से बचाने का कार्य करते हैं।

पेट को स्वस्थ रखने में 

आज के समय में उल्टा सीधा खाना और खराब  जीवनशैली की वजह से पेट से संबंधित समस्याओ होने लगती हैं। कई बार यह बेहद खतरनाक हो जाती हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति की जान भी जा सकती है। लेकिन दालचीनी के अंदर पाए जाने वाले बहुत से गुण इस समस्या को समाप्त करने का कार्य करते हैं। यह आपकी पाचन क्रिया और आपकी आंत के लिए भी फायदेमंद रहती है। 

हड्डियों की मजबूती के लिए दालचीनी 

बढ़ती उम्र और खराब खानपान की वजह से बहुत से लोगों की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। लेकिन हड्डियों को मजबूत बनाने में भी दालचीनी के लाभ देखे गए हैं। आपको बता दें कि हड्डियों के लिए कैल्शियम और मैग्नीशियम दोनों ही बेहद जरूरी होते हैं। और यह दोनों ही तत्व आपको दालचीनी के अंदर प्रचुर मात्रा में मिल जाते हैं। वही हड्डियों और जोड़ों के दर्द में भी दालचीनी के तेल का उपयोग किया जाता है।

गुड़ खाने के बाद खाएं या करें इस तरह सेवन तभी होगा फायदा 

चर्बी घटाने में कारगर है दालचीनी

भारतीय रसोई के अंदर तैयार किए जाने वाले पकवानों के अंदर अधिक मात्रा में फैट होता है। अगर आप एक्सरसाइज या कोई शारीरिक कार्य नहीं करते तो यह आपको मोटापा देने लगता है। लेकिन दालचीनी में मौजूद फाइबर और विटामिन सी इन दोनो ही समस्याओं का अंत करने के लिए काफी हैं। हालांकि इसके लिए एक्सरसाइज या योगा का सहारा लेना जरूरी है।

दालचीनी में पोष्टिक तत्व – Cinnamon Nutrition in Hindiदालचीनी में पोष्टिक तत्व - Cinnamon Nutrition in Hindi

दोस्तों अब तक आपने दालचीनी के बहुत से फायदे और इससे जुड़े इतिहास के बारे में जाना , अब हम आपको इसकें अंदर मौजदू कुछ खास पोषक तत्वों के बारे में बताने वाले हैं। नीचे दिए गए टेबल में न्यूट्रीशन वैल्यू 100 ग्राम पर बताई गई है।

Cinnamon NutrientsNutrition Value per 100gm
प्रोटीन3.99 ग्राम
कैल्शियम1002 एमजी
ऊर्जा247 केसीएल
आयरन8.32 ग्राम
मैग्नीशियम60 एमजी
फास्फोरस64 एमजी
पोटेशियम431 एमजी
जिंक1.83 एमजी
मैगनीज17 एमजी
विटामिन सी3.8 एमजी
विटामिन बी 60.158 एमजी
विटामिन ई2.32 एमजी

दालचीनी के कुछ अन्य फायदे – Few More Cinnamon Benefits in Hindiदालचीनी के कुछ अन्य फायदे - Few More Cinnamon Benefits in Hindi

दोस्तों अब तक आपने दालचीनी के कुछ फायदे जाने। लेकिन अगर आपको ऐसा लग रहा है कि इसके इतने ही फायदे हैं तो बता दें कि आप गलत हैं। इसके अन्य भी कुछ लाभ हैं जिसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।

कुछ अन्य लाभ दालचीनी के 

  1. सर्दी लगने पर दूध के साथ दालचीनी का उपयोग फायदेमंद रहता है। 
  2. मासिक धर्म ना होने पर महिलाएं दालचीनी का सेवन कर सकती हैं। इससे पीरियड्स की समस्या नहीं होगी।
  3. शिशु को जन्म देने के बाद जिन महिलाओं को दूध कम उतरता है या नहीं उतरता वह दालचीनी का सेवन कर सकती हैं। इससे दूध अधिक मात्रा में आने लगेगा। 
  4. दालचीनी के जरिए बालों को काला और घना किया जा सकता है। 
  5. डैंड्रफ की समस्या से जूझने वाले लोगों के लिए दालचीनी का उपयोग फायदेमंद रहता है। 
  6. रसोई में व्यंजनों को बेहतर रंग और स्वाद देने के लिए दालचीनी का उपयोग किया जा सकता है। 
  7. याददाश्त बेहतर करने के लिए दालचीनी का उपयोग फायदेमंद माना जाता है। 
  8. मुंह से आने वाली बदबू को दूर करने के लिए आप एक गिलास पानी में चुटकी भर दालचीनी डालकर पी सकते हैं। इसे मुंह की दुर्गंध दूर हो जाएगी।
  9. दांत या जाड़ के दर्द को ठीक करने में दालचीनी को लाभदायक माना गया है।

दालचीनी का उपयोग – Uses of Dalchini in Hindiदालचीनी का उपयोग - Uses of Dalchini in Hindi

दोस्तों अब तक आपने जाना कि दालचीनी के लाभ क्या हैं और कितने हैं। अब हम आपको बताएंगे कि दालचीनी का उपयोग कैसे और कितनी मात्रा में कर सकते हैं। आइए जानते हैं दालचीनी के उपयोग के बारे में

उपयोग दालचीनी के

  • दालचीनी का उपयोग चाय के अंदर किया जा सकता है। इससे आपको फायदा भी होगा और चाय का स्वाद भी बेहतर हो जाएगा। 
  • आप दालचीनी का सेवन सुबह के समय गर्म पानी में डाल कर पी सकते हैं। 
  • आप चाहें तो दालचीनी और शहद के जरिए फेस पैक बना कर उपयोग कर सकते हैं।
  • दालचीनी का सेवन दूध में डाल कर भी किया जा सकता है। इससे दूध की ताकत अधिक बढ़ जाएगी।
  • दालचीनी का उपयोग आप बहुत से अन्य व्यंजनों में कर सकते हैं। 

दालचीनी कितनी खाएं

अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो ध्यान रहे कि यह भले ही कोई दवाई नहीं है। लेकिन यह एक औषधी और मसाले के रूप में ही प्रयोग की जाती है। ऐसे में अगर आप दालचीनी का सेवन करते हैं तो केवल 0.1एमजी से ज्यादा ना करें। अन्यथा यह आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकती है।

कब खाएं दालचीनी 

दालचीनी का सेवन आप किसी भी समय किसी भी व्यंजन के  जरिए कर सकते हैं। बस आपको ध्यान इस बात का रखना होगा कि आप इसका अधिक मात्रा में सेवन ना करें। 

चलिए एक नजर दालचीनी के जरिए होने वाले नुकसानो पर भी डाल सकते हैं। 

दालचीनी के नुकसान – Side Effects of Cinnamon in Hindiदालचीनी के नुकसान - Side Effects of Cinnamon in Hindi

दोस्तों दालचीनी से जुड़े फायदे तो आपने जान लिए अब बारी है इससे जुड़े नुकसान के बारे में जानने की। जिस चीज के फायदे हों उसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। लेकिन यह व्यक्ति और दालचीनी के सेवन की मात्रा पर अधिक निर्भर करता है। 

नुकसान दालचीनी के

  • दालचीनी के अंदर पाए जाने वाले तत्व यूं तो फायदेमंद हैं, लेकिन इसके अधिक सेवन से आपको पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 
  • अगर आप दालचीनी का सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम हो सकती है। जिससे आप ऊर्जा हीन महसूस कर सकते हैं। 
  • लिवर संबंधित समस्याओं से जूझने वाले लोगों को डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
  • अगर आप दालचीनी का सेवन अधिक करते हैं तो इससे आपको कोई एलर्जी हो सकती है। 
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को दालचीनी का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे शिशु की जान भी जा सकती है।
  • ऐसे लोग जो खून पतला होने की दवाई का सेवन करते हैं उन्हें दालचीनी के सेवन से बचना चाहिए। 

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों हमने आपको Cinnamon in Hindi (Dalchini Ke Fayde aur Nuksan) के बारे में विस्तार से बता दिया है। अब अगर आप चाहें तो दालचीना का उपयोग कर सकते हैं। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. क्या दालचीनी की तासीर ठंडी होती है?

    नहीं, दालचीनी की तासरी गर्म होती है।

  2. दालचीनी का उपयोग बालों के लिए किया जा सकता है?

    हां, बालों को घना और हेयरफॉल की समस्या में दालचीनी का उपयोग किया जा सकता है।

  3. क्या दालचीनी का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है?

    हां, अगर आप दालचीनी का अधिक उपयोग करते हैं तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है।

  4. दालचीनी कितने प्रकार की होती है?

    दालचीनी चार प्रकार की होती है।

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