बवासीर के 10 इलाज, 12 घरेलू उपाय, 5 लक्षण, 6 कारण और बचाव। Information About Piles in Hindi meaning
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बवासीर के 10 इलाज, 12 घरेलू उपाय, 5 लक्षण, 6 कारण और बचाव। Information About Piles in Hindi

Main points

Information About Piles in Hindi > Meaning of Piles हिंदी में होता है बवासीर। जबकि English me Piles or Hemorrhoids भी कहते हैं। आज लाखों लोग बवासीर जैसी दर्दनाक बीमारी से जूझ रहे हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी चपेट में लगभग 60 प्रतिशत लोग आते ही हैं। इसलिए आज हम आपको Bawaseer Ka Ilaj, Bawasir Ke Lakshan, बवासीर का घरेलू उपाय के बारे में बताएंगे। 

कुल मिला कर आज आपको हमारे इस लेख में बवासीर से जुड़ी हर तरह की जानकारी मिल जाएगी। अगर आपके परिवार में किसी को यह बीमारी है तो आपको अधिक सावधान रहना होगा, क्योंकि ऐसे में बवासीर या Piles आपको भी हो सकती है। चलिए जानते हैं बवासीर के इलाज केले से और हल्दी से, घरेलू उपाय, लक्षणों के बारे में संपूर्ण जानकारी।

क्या होती है बवासीर – What is Piles (Bawasir) in Hindiक्या होती है बवासीर - What is Piles (Bawasir) in Hindi

बवासीर एक बहुत ही तकलीफ देह बीमारी है जिसके बारे में लोग बताते हुए भी शर्माते हैं। इस होने वाला व्यक्ति ना तो एक जगह बैठा रह सकता है और ना ही बैठ कर कुछ काम कर सकता है। डॉक्टर ने बवासीर क्या होती है इसका जवाब दिया है। डॉक्टरों की मानें तो यह एक ऐसी बीमारी है जो एनस या मलाशय के अंदर या बाहर होती है। 

इस बीमारी के होने पर एनस पर या मलाशय के अंदर या बाहर सूजन आ जाती है और मस्से निकल आते हैं। यह मस्से कभी अंदर रहते हैं तो कभी बाहर निकल आते हैं। यह बीमारी परिवार की हिस्ट्री की वजह से भी हो सकती है। बवासीर के इलाज और घरेलू उपाय और लक्षणों से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए हमारे इस लेख पर बने रहें।  

बादाम खाने के फायदे कब्ज में

बवासीर के प्रकार – Types of Piles (Hemorrhoids) in Hindi

बवासीर की बीमारी होने पर बहुत से लोग इसका मजाक भी उड़ाते हैं। बिना इस बीमारी की गंभीरता को समझे हुए। इस बीमारी का इलाज समय पर करना बेहद जरूरी है। अगर समय पर इसका इलाज ना कराया जाए तो यह बहुत ज्यादा गंभीर होने लगती है। इस बीमारी के दो प्रकार होते हैं, एक खूनी बवासीर, दूसरा बादी बवासीर।

बादी बवासीर 

इस तरह की बवासीर जब किसी को होती है तो उसे पेट से संबंधित समस्या होती है, जैसे कब्ज और गैस आदि। इस बवासीर के होने पर मस्सों से शुरू में खून नहीं निकलता। इसमें मस्से बाहर की ओर होते हैं और आसानी से देखे जा सकते हैं। इन मस्सों के अंदर खुजली और जलन की समस्या अधिक रहती है।  

शुरुआती समय में इनमें ना तो दर्द होता है और ना ही इनसे खून निकलता है। लेकिन लंबे समय तक इन्हें नजरअंदाज करने से स्थिति बिगड़ जाती है। खराब खान पान और कब्ज की वजह से यह फूल जाते हैं और इनमें खून जमा होने लगता है। खून जमा होने पर यह बहुत ही दर्द देने लगते हैं। मल त्यागते वक्त यह अधिक समस्या पैदा करते हैं। इसके अलावा बादी बवासीर होने पर लोग ना तो ठीक से चल पाते हैं और ना ही बैठ पाते हैं। समय रहते इसका इलाज कराना आवश्यक होता है।

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खूनी बवासीर 

खूनी बवासीर के अंदर भले ही किसी प्रकार का दर्द ना होता हो, लेकिन इसमें खून निकलता है। यह अक्सर तब होता है जब व्यक्ति मल त्याग रहा हो। इसमें मल त्यागते हुए मल के अंदर खून लगा होता है। इसके अलावा कई बार जब समस्या गंभीर हो जाती है तो मल त्यागने के दौरान खून की पिचकारी भी निकल सकती है। लेकिन जब मल त्याग देते हैं तो मस्से अपने आप अंदर भी चले जाते हैं। लेकिन इसे साधारण समझ कर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बल्कि इसका समय पर उपचार करना बेहद जरूरी है।

बवासीर होने का कारण और बचाव  – Causes and Precautions of Piles in Hindiबवासीर होने का कारण और बचाव  - Causes and Precautions of Piles in Hindi

अगर किसी बीमारी के होने वाले कारणों को समझ लिया जाए और सावधानी बरती जाए तो आप बीमारी से बचे रहते हैं। ऐसा ही हो सकता है बवासीर (Piles) के मामले में भी। बवासीर को आय़ुर्वेद में अर्श कहा जाता है। यह समस्या वात पित्त और कफ दोष के कारण शरीर में पैदा होती है। यही कारण है कि इसे  त्रिदोषज रोग भी कहा जाता है। अब अगर आपको बवासीर की समस्या से बचना है तो आपको इसके कारणों को ध्यान से पढ़ना होगा। जिनके बारे में हम विस्तार से बता रहे हैं।

तला मिर्च मसाला बवासीर का कारण

आज कल की जीवनशैली और बेकार का खान पान बवासीर के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है। ऐसे में अगर आप अधिक मिर्च मसालों वाला खाना रोजाना खाते हैं, तो यह यकीनन आपको मुसीबत में डाल सकता है। बवासीर का शिकार बहुत से लोगों की जीवनशैली में अधिक मिर्च मसालों का सेवन देखा गया है।

फाइबर की कमी है बवासीर का कारण

हमारे शरीर को बहुत से पोषक तत्वों और खनिज पदार्थों की आवश्यकता होती है। जब हम इनका सेवन नहीं करते तो शरीर में समस्याएं पैदा होने लगती हैं। बवासीर की समस्या ज्यादातर तब पैदा होती है, जब आप फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते। इसलिए अपनी डाइट में फाइबर युक्त खाद्य सामग्री को जरूर शामिल करें।

कब्ज है बवासीर होने का मुख्य कारण

कब्ज एक ऐसी गंभीर समस्या है जो हमारे शरीर में बहुत सी बीमारियों को जन्म देती है। कब्ज के दौरान व्यक्ति को मल त्यागने में अधिक जोर लगाना पड़ता है, जिसकी वजह से ब्लड वैसल्स पर जोर पड़ता है और वह फूल कर ढीली पड़ जाती हैं। इन्हे मस्सा कहा जाता है। कब्ज से बचे रहने के लिए आपको रोजाना फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

आलस है बवासीर होने की वजह

बड़े बुजुर्ग अक्सर शरीर को मशीन की तरह इस्तेमाल करने की सलाह दिया करते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप आलस में रहते हैं और कम शारीरिक गतिविधि करते हैं तो यह समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए रोजाना एक्सरसाइज या सैर पर जरूर जाएं।

नशा बवासीर को देता है दावत

नशे का सेवन करने वाले लोगों के शरीर के अंदर की कार्यक्षमता बुरी तरह प्रभावित होने लगती है। अगर आप भी शराब या धूम्रपान अधिक मात्रा में करते है तो भी आपको बवासीर हो सकती है। बवासीर होने का कारण नशा भी है।

तनाव है बवासीर की वजह

कहते हैं कि तनाव आपके शरीर को ना केवल हानि पहुंचाता है, बल्कि कई बार तो यह आपको ऐसी लाइलाज बीमारियों में डाल देता है,जिसके कारण आपकी मृत्यु तक हो जाती है। बवासीर होने का एक बड़ा कारण तनाव या डिप्रेशन भी हो सकता है।

मल त्यागने में देरी

अगर आप मल त्यागने में ढील बरतते हैं या फिर ठीक से फ्रेश नहीं होते तो यह भी बवासीर होने का एक प्रमुख कारण हो सकता है।

प्रसव के दौरान हो सकता है बवासीर

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की ना केवल इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, बल्कि वह शरीर में अतिरिक्त बोझ भी धारण किए होती हैं। ऐसे में जब प्रसव का समय आता है तो उन्हे अधिक जोर लगाना पड़ता है। जिसकी वजह से उन्हे बवासीर की समस्या हो सकती है।

अधिक समय खड़े होने पर

अगर किसी व्यक्ति का काम अधिक समय तक खड़े रहने का हो तो उन्हें भी बवासीर हो सकती है। ज्यादातर यह समस्या बस कंडक्टर, ट्रैफिक पुलिस, बावर्चियों में देखी जाती है। ऐसे में इन लोगों को थोड़े थोड़े समय में बैठने या चलते रहना चाहिए। इससे वह बवासीर से बचे रहेंगे।

फैमिली हिस्ट्री बन सकती बवासीर की वजह

ऐसा कई बीमारियों में देखा जाता है, जब किसी परिवार के व्यक्ति को हुई बीमारी अगली पीढ़ी में भी पहुंच जाए। बवासीर की समस्या भी इस कारण से हो सकती है। अगर आपके परिवार में किसी को यह समस्या है या हो चुकी है, तो आपको अधिक सावधान रहना होगा। खाने पीने के अलावा अपनी दिनचर्या का भी खास ख्याल रखना होगा

मोटापा बन सकता है पाइल्स का कारण

आज के समय में हर 10 वा व्यक्ति अपने मोटापे को लेकर दुखी रहता है। अगर आप भी अधिक मोटे हैं तो आपको बवासीर हो सकती है। बवासीर से बचे रहने के लिए आप एक अच्छी जीवन शैली का चुनाव करें।

बवासीर के लक्षण – Symptoms of Piles (Bawasir Ke Lakshan) in Hindi
बवासीर के लक्षण - Symptoms of Piles (Bawasir Ke Lakshan) in Hindi

बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसके शुरुआत में किसी तरह का कोई लक्षण नहीं दिखाई देता। वहीं अगर यह अधिक ना बढ़ी हो तो यह एक सप्ताह के भीतर खुद भी ठीक हो सकती है। लेकिन अगर आपको बवासीर की समस्या है तो आपको कुछ इस तरह के लक्षण दिख सकते हैं, जिन्हे हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं। 

लेकिन इससे पहले आप इसके लक्षणों पर नजर डालें, पहले आप यह जान लें कि बवासीर की चार स्टेज होती है। इन चार स्टेज में इलाज या उपचार के तरीके अलग अलग होते हैं।

बवासीर की पहली स्टेज

इस स्टेज में मरीजो को जरा भी अहसास नहीं होता कि वह बवासीर से पीड़ित हैं। कई बार जरा भी लक्षण दिखाई नहीं देते। जबकि कई बार मरीज को या तो हल्की सी खारिश होती है और मल त्यागते समय हल्का खून मल में लगा होता है। इस स्टेज में बवासीर अंदर ही होती है।

पाइल्स का दूसरा स्टेज

इस स्टेज के अंदर मरीज को थोड़ा बहुत दर्द महसूस हो सकता है। इस स्टेज में मल त्यागते समय मस्से बाहर आने लगते हैं। हालांकि हाथ से दबाने के बाद यह अंदर भी चले जाते हैं।  दूसरी स्टेज में मल त्यागने के दौरान खून आना शुरू हो जाता है।

बवासीर की तीसरी स्टेज

पहली और दूसरी स्टेज के मुकाबले यहां स्थिति थोड़ी गंभीर होने लगती है। इस स्टेज के अंदर मरीज को दर्द भी अधिक होता है और इसमें मस्से भी बाहर की ओर ही रहते हैं। इसमें हाथ से दबाने से भी मस्से अंदर की ओर नहीं जाते। इस दौरान मल त्यागते समय अधिक मात्रा में खून बहने लगता है।

पाइल्स की चौथी स्टेज

इस स्टेज में तीसरी स्टेज से भी ज्यादा गंभीर हालत हो जाती है। इस स्टेज के अंदर प्रवेश करते ह ना केवल मरीज को बहुत अधिक दर्द होता है। बल्कि इसमें मस्से भी बाहर की ओर पूरी तरह लटक जाते हैं। इस दौरान इंफेक्शन होने के चांस भी अधिक बने रहते हैं। 

चलिए जानते हैं अब बवासीर के उन लक्षणों के बारे में जो आपको देखने को मिल सकते हैं।

बार बार शौच जाना है बवासीर के लक्षण

आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति दिन में दो से तीन बार मल त्यागने जा सकता है। लेकिन अगर आप इससे अधिक बार मल त्यागने जाते हैं और आपको तब भी लगता है कि आपका पेट साफ नहीं हुआ, तो यह बवासीर के लक्षण में से एक है।

Bawasir Ke Lakshan मल त्यागने में

अगर आपको मल त्यागने में खासी समस्या होती है। यानी अगर आपको मल त्यागते समय किसी तरह का जोर अधिक लगाना पड़ता है, या फिर आपको मल करते समय जलन महसूस होती है तो यह बवासीर के लक्षण हो सकते हैं।

मल त्यागने की अधिक इच्छा

अगर आपको अक्सर मल त्यागने के इच्छा होती है। लेकिन कई बार जाने के बाद भी आप मल नहीं त्याग पाते तो यह समस्या आपको हो सकती है।

मल में खून आना

अगर आपको मल त्यागते हुए मल मल में खून दिखाई देता है, या फिर मल त्यागते समय खून की पिचकारी निकलती है तो यह बवासीर का लक्षण हो सकता है।

एनस पर खुजली

अगर आपको अपनी मल त्यागने वाली जगह पर लाल रंग अधिक मात्रा में दिखाई देता है, या फिर आपको पीछे अक्सर खुजली होती है तो यह बवासीर का कारण हो सकता है।

नोट- अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो जरा भी नजरअंदाज ना करें। यह आपको गंभीर परेशानी में डाल सकता है। इसके लिए आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

बवासीर का इलाज का तरीका – Treatment of Piles (Bawaseer Ka Ilaj) in Hindi बवासीर का इलाज का तरीका - Treatment of Piles (Bawaseer Ka Ilaj) in Hindi   

बवासीर जैसी बीमारी भले ही दर्दनाक और बेहद तकलीफ देने वाली है। लेकिन बवासीर का इलाज संभव है। इस बीमारी का इलाज बहुत से तरीकों से किया जा सकता है। इसके अलावा अगर आप चाहें तो बवासीर को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं। 

इनके बारे में हम आपको आगे बताएंगे। अभी हम पहले यह जानते हैं कि Bawaseer Ka Ilaj किस किस तरह किया जा सकता है।

बवासीर का इलाज एलोपैथी दवाओं से – Piles Treatment with Medicines in Hindi

बहुत सी बीमारियों की तरह ही बवासीर का उपचार सबसे पहले दवाओं से किया जा सकता है। ऐसा केवल तभी संभव हो सकता है जब पाइल्स पहली या दूसरी स्टेज पर हो। इन दोनो ही स्टेज में मरीज की हालत अधिक गंभीर नहीं होती , इसलिए इसका उपचार दवाओं से किया जाता है।

बवासीर के लिए डॉक्टर एनोवेट और फकटू नाम की दवाएं लगाने की सलाह देते हैं। इनमें से कुछ दवाएं ऐसी भी हो सकती हैं जिन्हें आपको बवासीर के मस्सों पर दिन में तीन बार लगाना होता है। अगर आपको यह समस्या है और शुरुआती स्टेज है तो डॉक्टर की सलाह लेकर इन दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।

स्कलरोथेरेपी के जरिए – Sclerotherapy  for Piles in Hindi

बवासीर के शुरूआती स्टेज यानी पहली और दूसरी के दौरान ही इस उपचार को अपनाया जा सकता है। लेकिन स्क्लेरोथेरेपी केवल तभी काम आती है जब मस्से थोड़े छोटे हों। इस उपचार में मरीज को इंजेक्शन लगाया जाता है। जिससे मस्से शरीर के अंदर हि सिकुड़ जाते हैं।

साथ ही मस्से शरीर द्वारा ही सोख लिए जाते हैं। ध्यान रहे कि बड़े या लटके हुए मस्सों पर यह उपचार कारगर सिद्ध नहीं हो सकता। इस उपचार के दौरान मरीज को अस्पताल के अंदर भर्ती भी होने की जरूरत नहीं पड़ती।

रबर बैंड लीगेशन ऑपरेशन – Rubber Band Ligation Operation for Piles in Hindi

यह ऑपरेशन अक्सर तब किया जाता है जब मस्से थोड़े बड़े हो जाते हैं। बवासीर के इस उपचार के दौरान मस्सों की जड़ो को रबर बैंड से बांध दिया जाता है। जिससे इनमें खून का रिसाव बंद हो जाए। इसके लिए डॉक्टर मरीज के एनस में एक मशीन डालते हैं जिसके जरिए यह रबर बैंड बांधा जाता है। इसमें एक या दो सप्ताह में मस्से सूख कर खत्म हो जाते हैं।

इलाज के दौरान ना तो मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है, ना ही उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। इलाज के शुरुआती दिन में मरीज को थोड़ा दर्द हो सकता है। लेकिन डॉक्टर इसके लिए भी दवाएं देते हैं। पर यह उपचार केवल कम मस्सों पर ही असर करता है, अगर मस्सों की संख्या ज्यादा हो तो यह उपचार नहीं किया जा सकता।

हेमरॉयरडक्टमी है बवासीर का इलाज – Haemorrhoidectomy Treatment For Piles in Hindi

बवासीर का यह उपचार तब अपनाया जाता है जब ऊपर बताए गए इलाज के तरीके पूरी तरह फेल हो जाते हैं। इसमें मरीज के शरीर में हुए बवासीर के मस्सों को काटकर बाहर निकाला जाता है। इसके लिए मरीज को पहले एनेस्थीसिया दिया जाता है। ऑपरेशन के बाद मरीज को रिकवर होने में कम से कम 2 से तीन सप्ताह तक का समय लग सकता है। 

इस दौरान मरीज को अस्पताल में ही भर्ती होना पड़ता है। सर्जरी के बाद शुरुआती दिनों में मल त्यागते समय खून आना स्वाभाविक है। कई मामलों में इस ऑपरेशन के बाद भी मस्से उभर कर आ सकते हैं। इसलिए खुद के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली का चुनाव करना सही रहता है। कब्ज की समस्या से बचे रहने पर यह समस्या फिर से परेशान नहीं करती।

स्टेपलर सर्जरी – Stapler Surgery For Piles in Hindi

इस सर्जरी को केवल तब ही अपनाया जाता है जब मरीज की स्थिति बेहद खराब हो चुकी हो। कुल मिलाकर चौथी और पांचवी स्टेज में ही स्टेपलर सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। 

सर्जरी के दौरान पहले एनेस्थीसिया दिया जाता है। स्टेपलर सर्जरी में बवासीर के मस्सों को सर्जरी मशीन के जरिए अंदर किया जाता है और ब्लड सप्लाई को रोक दिया जाता है। इससे मस्से सिकुड़ जाते हैं बॉडी इन्हे एब्सोर्ब कर लेती है। इस प्रक्रिया में अन्य सर्जरी के मुकाबले कम दर्द होता है और इसमें रिकवरी भी जल्दी हो जाती है।

होम्योपैथी है बवासीर का उपचार – Homeopathy Treatment for Piles in Hindi

अगर आपको बवासीर की समस्या हो गई है तो इसके लिए आप होम्योपैथिक इलाज का सहारा भी ले सकते हैं। बवासीर की पहली, दूसरी और तीसरी स्टेज को दवाओं के जरिए ही ठीक किया जा सकता है। आपको बता दें कि बवासीर के ज्यादातर मामलों में किसी तरह की सर्जरी की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।

बल्कि यह दवाओं के जरिए पूरी तरह ठीक हो सकती है। ऐसे में ऑपरेशन या सर्जरी के विकल्प को सबसे आखिरी के लिए ही रखना सही होता है। इसलिए पहले दवाओं के जरिए इसका उपचार करें और अपनी जीवनशैली में बदलाव करें। इससे बवासीर से राहत मिल जाएगी।

बवासीर के मस्से सूखाने का घरेलू उपाय – Home Treatment of Piles in Hindiबवासीर के मस्से सूखाने का घरेलू उपाय - Home Treatment of Piles in Hindi

बवासीर के इलाज की बजाय आप कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं। इन उपायों के जरिए आप आासनी से बवासीर से राहत पा सकते हैं। आइए जानते हैं बवासीर के मस्से सूखाने का घरेलू उपाय के बारे में।

जैतून का तेल है बवासीर का घरेलू उपाय

बवासीर के मस्से सूखाने के घरेलू उपाय में सबसे पहले नाम आता है जैतून के तेल का। इसके जरिए आप आसानी से मस्से सूखा सकते हैं। ज्ञात हो कि जैतून के तेल के अंदर सूजन कम करने के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में अगर आप जैतून के तेल का उपयोग बवासीर के मस्सो पर करते हैं तो इससे मस्से सूखने लगते हैं।

अंजीर से बवासीर में मिलेगी राहत

अगर आपको बवासीर की समस्या हो गई है तो इसके लिए आप रोजाना भिगोई हुई अंजीर का सेवन करें। आपको बता दे कि अंजीर के अंदर बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं। यही तत्व इस गंभीर समस्या का अंत करने के लिए काफी है। इसके लिए आपको रोजाना रात को अंजीर भिगो कर रखनी होगी और सुबह खाली पेट इसे खाना होगा। तथा जिस पानी में आपने भिगोया है उसे भी आपको पीना होगा। इससे आपको बवासीर से राहत मिल जाएगी।

नींबू है बवासीर के मस्से सूखाने का घरेलू उपाय

नींबू को एंटीऑक्सीडेंट ही नहीं बल्कि बहुत से गुणों का धनवान माना जाता है। ऐसे में अगर आप नींबू का उपयोग करते हैं तो इससे आपको फायदा होता है। आपको बवासीर से राहत पाने के लिए नींबू का रस, अदरक और शहद मिलाकर सेवन करना है। इससे बवासीर से राहत मिल जाएगी।

केले से बवासीर का इलाज

केले का सेवन हम सभी ने किया है। इसके जरिए बहुत आसानी से आपका पेट साफ हो जाता है और आपको कब्ज की समस्या नहीं होती। ऐसे में हमने आपको पहले भी बताया था कि कब्ज बवासीर का एक मुख्य कारण हो सकता है। इसके लिए आप चाहे तो केले का सेवन कर सकते हैं। या फिर केले को पानी में उबालकर उसका सेवन कर सकते हैं।

छाछ और अजवाइन 

छाछ और अजवाइन का सेवन बवासीर के उपचार में बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए आपको केवल एक गिलास छाछ में आधा चम्मच से कम अजवाइन पाउडर डालकर पीना होगा। यह बवासीर का जबरदस्त घरेलू उपाय है।

एलोवेरा के जरिए बवासीर का उपचार

अगर आपको बवासीर जैसी समस्या है और आप उपचार की जगह घरेलू उपाय अपनाना चाहते हैं, तो आप एलोवेरा के गूदे या एलोवेरा जूस का सेवन कर सकते हैं। आप इसका सेवन रोजाना करें। इससे आपकी बवासीर की समस्या पूरी तरह समाप्त हो सकती है।

नारियल तेल बवासीर के मस्से सुखाने के लिए

नारियल तेल के अंदर ऐसे बहुत से गुण होते हैं जो आपको ना केवल स्वस्थ रखते हैं। बल्कि बहुत सी समस्याओं का अंत भी कर सकते हैं। अगर आपको यह समस्या है तो आप रोजाना प्रभावित स्थानों पर दिन में दो से तीन बार नारियल तेल लगाने। इससे बवासीर के मस्से सूखने लगेंगे।

हींग दिलाए बवासीर से राहत

हींग को बहुत ही गुणकारी माना जाता है। सब्जियों से लेकर कई खास व्यंजनों में लोग इसका उपयोग करते हैं। अगर आपको भी बवासीर है तो आप रोजाना सब्जी में इसका उपयोग करें। इसके अलावा आप चाहें तो इसे पानी में डालकर भी पी सकते हैं। इससे बवासीर की समस्या कम हो जाएगी।

त्रिफला का उपयोग

आपको हमने बताया है कि बवासीर होने का सबसे बड़ा कारण होता है कब्ज। ऐसे में अगर आप त्रिफला चूर्ण का सेवन करें तो यह बवासीर की समस्या से लड़ने में मदद करेगा। इसके लिए आपको रोजाना रात को सोने से पहले चार ग्राम त्रिफला चूर्ण का उपयोग पानी में डालकर पी सकते हैं।

कैस्टर ऑयल का उपयोग

कैस्टर ऑयल के अंदर बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो आपको ना केवल स्वस्थ रखते हैं बल्कि कई बीमारियों से भी बचाने का कार्य करते हैं। ऐसे में बवासीर में भी आप कैस्टर ऑयल का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको केवल रोज रात को थोड़ी मात्रा में दूध के अंदर डालकर इसे पीना होगा।

सेब का सिरका है बवासीर का घरेलू उपाय

अगर आपको बवासीर की समस्या हो गई है तो आप इसमें सेब के सिरके का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप रोजाना दो चम्मच सेब का सिरका एक गिलास पानी में डालकर दिन में दो बार पिएं। इससे आपको फायदा होगा।

पपीते का सेवन

पपीता के बहुत ही स्वादिष्ट फल है। लेकिन जितना यह स्वादिष्ट है उतना ही फायदेमंद भी है। बवासीर से पीड़ित व्यक्ति अगर रोजाना रात के समय पपीते का सेवन करें। तो इससे उन्हे कब्ज की समस्या नहीं होगी। जैसा की आपको बताया भी है कब्ज ही बवासीर की मुख्य वजह में से एक है।

गर्म पानी बवासीर में फायदेमंद

बवासीर की मुख्य वजह होती है पेट का सही तरह से साफ ना होना। ऐसे में अगर आप सुबह खाली पेट गर्म पानी का सेवन करें तो इससे बवासीर की समस्या समाप्त हो सकती है। आपको बता दें की गर्म पानी पीने के बहुत से फायदे होते हैं। अगर हो सके तो आप हर समय केवल गुनगुने या गर्म पानी का सेवन करें।

हल्दी से बवासीर का इलाज है घरेलू उपाय

हल्दी अपने एंटीऑक्सीडेंट और बहुत से गुणों के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे में आप बवासीर के उपचार के लिए भी आप हल्दी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप हल्दी का सेवन करें इसके अलावा आप कुछ चीजे मिलाकर हल्दी का पेस्ट भी तैयार कर सकते हैं। 

बवासीर से छुटकारा पाने का रामबाण इलाज – How to Get Rid of Piles in Hindiबवासीर से छुटकारा पाने का रामबाण इलाज - How to Get Rid of Piles in Hindi

बवासीर के इलाज से लेकर आपने इसके घरेलू उपाय के बारे में तो जान लिया है। लेकिन अब भी कुछ बातें हैं जिन्हे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। अगर आपको बवासीर से बचे रहना चाहते हैं, तो आपको यह तरीके आपको हमेशा स्वस्थ रखेंगे।

एक्सरसाइज करें

आज कल के समय में लोग अपने शरीर पर ध्यान देना तो जैसे भूल ही गए हैं। इसकी वजह से लोग कई बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं , इन्ही बीमारियों में से एक है बवासीर। इससे बचने के लिए आप रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। इससे आपको यह समस्या होगी ही नहीं।

दिनचर्या सुधारे

आज के समय में फ्लैक्सीबल लाइफस्टाइल की आड़ लेकर कुछ भी करते रहना फैशन बन गया है। यकीनन आप भी यही गलती करते होंगे। ऐसे में आप अपनी दिनचर्या में बदलाव करें। सुबह जल्दी उठे और रात को जल्दी बिस्तर पर जाएं। यह आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालेगी।

खानपान में करें बदलाव

हमारे शरीर में होने वाली ज्यादातर समस्याओं के लिए हमारा खान पान ही जिम्मेदार होता है। ऐसे में आप अपनी डाइट में अधिक फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन करें। इसके अलावा अपनी जुबान के स्वाद के लिए नहीं बल्कि अपनी सेहत के लिए खाना पीना शुरू कर दें। इससे आप स्वस्थ रहेंगे।

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तो आज हमने आपको Information About Piles in Hindi, Meaning of Piles, Bawaseer Ka Ilaj, Bawasir Ke Lakshan, बवासीर का घरेलू उपाय से जुड़ी तमाम जानकारी दे दी है। अब अगर आपको बवासीर से बचे रहना है तो आप एक स्वस्थ जीवनशैली का चुनाव करें। वही अगर आपको यह बीमारी हो गई है तो भी आप एक अच्छी जीवनशैली अपनाकर इससे राहत पा सकते हैं। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो हमारे लेख पर अंत तक बने रहें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. क्या बवासीर के मस्से सुखाने का कोई तरीका है?

    हां, बवासीर के मस्से सुखाने के बहुत से तरीके हैं, जैसे ऑपरेशन, क्रीम या दवाईयां।

  2. क्या बवासीर का इलाज केवल ऑपरेशन से हो सकता है?

    नहीं, बवासीर के इलाज के बहुत से तरीके हैं जिसके जरिए इसे ठीक किया जा सकता है।

  3. क्या कब्ज बवासीर का एक मुख्य कारण है?

    हां, बवासीर के मुख्य कारणों में से एक कब्ज भी है।

  4. क्या अधिक मिर्च मसाले वाला खाना बवासीर के लिए जिम्मदेार है?

    हां, अधिक मिर्च मसाले वाले खाने से भी आपको बवासीर हो सकती है।

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