मेटाबॉलिज्म क्या होता है? चयापचय बढ़ाने के 28 उपाय। Metabolism Meaning in Hindi
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मेटाबॉलिज्म क्या होता है? चयापचय बढ़ाने के 28 उपाय। Metabolism Meaning in Hindi

Main points

About Metabolism Meaning in Hindi. जब भी व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित कोई बात आती है, तो उसमें मेटाबॉलिज्म का जिक्र जरूर आता है। ऐसे में कई लोगों के जेहन में सवाल भी उठता है कि आखिर मेटाबॉलिज्म क्या होता है, साथ ही कैसे मेटाबॉलिज्म हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। मेटाबॉलिज्म मीनिंग इन हिंदी होता है चयापचय। दरअसल मेटाबॉलिज्म एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिए शरीर भोजन को ऊर्जा में तब्दील कर देता है। इसी ऊर्जा के जरिए हम अपने दिनभर के कार्य आसानी से कर पाते हैं।

आपको बता दें कि हमारे शरीर का एक बेसल मेटाबॉलिक रेट (BMR) होता है। यह शरीर के बुनियादी कार्यों को बनाए रखने में मदद करता है। मेटाबॉलिज्म रेट धीमे होने जाने से कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती है। जिसके कुछ लक्षण भी महसूस होते हैं। आज हम आपको इसी Metabolism Meaning in Hindi समेत मेटाबॉलिज्म के धीमा होने के लक्षण, चयापचय के उपाय और उपचार के बारे में बताएंगे। साथ ही आसान शब्दों में मेटाबॉलिज्म क्या होता है यह भी बताएंगे। अगर आप मेटाबॉलिज्म से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख पर अंत तक बने रहें। \

मेटाबॉलिज्म क्या होता है – What is Metabolism meaning in Hindiमेटाबॉलिज्म क्या होता है - What is Metabolism meaning in Hindi

मेटाबॉलिज्म का मीनिंग हिंदी में चयापचय होता है। मेटाबॉलिज्म हमारे शरीर की लगभग हर तरह की गतिविधि को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी होता है। इसलिए जब मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है तो शरीर में एक नहीं कई समस्याएं पनपने लगती हैं। आइए जानते हैं मेटाबॉलिज्म शरीर की किन-किन गतिविधियों के लिए उत्तरदायी होता है।

  1. शरीर में होने वाला रक्त संचार भी मेटाबॉलिज्म के जरिए ही होता है।
  2. मांसपेशियों को सिकोड़ना।
  3. पेशाब या मल के जरिए विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करना। 
  4. शरीर के तापमान को नियंत्रित करके रखना। 
  5. भोजन और पोषक तत्वों को पचाना।
  6. भोजन को ऊर्जा में तब्दील करना।
  7. मस्तिष्क और तंत्रिकाओं की सुचारू रूप से काम करने में मदद करना।
  8. सांस लेना। 

क्या है मेटाबॉलिज्म दर – What is Metabolic Rate in Hindi

हम सभी को अपने रोजाना के कार्य करने के लिए कुछ ऊर्जा की आवश्यकता होती है। लेकिन जब कोई व्यक्ति आवश्यकता से अधिक खाद्य सामग्री का सेवन कर लेता है तो ऐसे में यह चीज उसके मोटापे की वजह बन जाती है। शरीर को दिनभर में जितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है उसे ही मेटाबॉलिज्म दर कहा जाता है। मेटाबॉलिज्म की इस दर को कुल मिलाकर तीन भागों में बांटा गया है। जिसका कुल जोड़ जानकर पता चल जाता है कि आपको कितनी ऊर्जा की जरूरत है।

  • भोजन को खाने से लेकर उसे पचाने तक में शरीर की 5 से 10 प्रतिशत ऊर्जा खर्च होती है। 
  • अगर कोई व्यक्ति तीव्र गति वाले व्यायाम 45 मिनट तक करता है तो इस दौरान शरीर  कुल ऊर्जा का 20 प्रतिशत भाग खर्च करता है। 
  • तीसरा जो सबसे महत्वपूर्ण है। इसे बेसल मेटाबॉलिक रेट कहा जाता है। यह ऊर्जा शरीर तब इस्तेमाल या खर्च करता है जब वह आराम कर रहा होता है। आमतौर पर यह कुल ऊर्जा का 50 से 80 प्रतिशत होता है। 

मेटाबॉलिक दर के कारक – What is Metabolic Rate in Hindiमेटाबॉलिक दर के कारक - What is Metabolic Rate in Hindi

हर व्यक्ति के शरीर की ऊर्जा की मांग अलग अलग होती है। साथ ही वक्त के साथ यह मांग कम और ज्यादा भी हो सकती है। आइए जानते हैं वह कौन सी वजह जिनकी वजह से मेटाबॉलिक दर प्रभावित होती है या ज्यादा और कम हो जाती है।

  1. आपकी लंबाई भी मेटाबॉलिक दर के कम या ज्यादा होने की वजह बन जाता है।
  2. आपके शरीर में फैट की मात्रा कितनी है यह बात भी मेटाबॉलिक रेट को प्रभावित करती है।
  3. अगर आपकी उम्र अधिक हो गई है तो इसके बाद मेटाबॉलिक दर कम हो जाती है। 
  4. पुरुषों का मेटाबॉलिज्म महिलाओं के मुकाबले अधिक होता है।
  5. 30 की आयु के बाद किडनी, लिवर समेत ज्यादा अंगों की कोशिकाएं कम होने लगती हैं। जिसकी वजह से मेटाबॉलिक दर प्रभावित होता है। 
  6. अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से किसी तरह की गतिविधि नहीं करता तो यह चीज भी मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है। 
  7. अगर आप किसी तरह की दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो इससे भी मेटाबॉलिज्म की गति धीमी या तेज हो सकती है।
  8. थायराइड की समस्या का मेटाबॉलिज्म की गति पर भी असर पड़ता है। 
  9. किसी पोषक तत्व की कमी का असर भी मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। 
  10. मेटाबॉलिज्म का तेज या धीमा होना अनुवांशिक भी हो सकता है। 
  11. अगर आप पतला होने के लिए डाइटिंग कर रहे हैं और अक्सर भूखे रहते हैं तो यह भी आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है।

मेटाबॉलिज्म धीमा होने के लक्षण – Symptoms of Slow Metabolism in Hindi 
मेटाबॉलिज्म धीमा होने के लक्षण - Symptoms of Slow Metabolism in Hindi

दोस्तों अब तक आपने मेटाबॉलिज्म मीनिंग इन हिंदी यानी चयापचय के बारे में बहुत सी जानकारियां हासिल की। अब जरा समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर मेटाबॉलिज्म के धीमा होने के लक्षण शरीर पर कैसे दिखाई देते हैं। अगर आपको भी नीचे बताए गए लक्षणों में से कोई दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आइए जानते हैं मेटाबॉलिज्म के लक्षणों को लेकर 

मेटाबॉलिज्म का लक्षण मांसपेशियों में कमजोरी

अगर आपका मेटाबॉलिज्म बेहद कमजोर है तो इसका असर आपकी मांसपेशियों पर भी दिखने लगेगा। क्या आपको चलते हुए पैरों में दर्द होता है, या फिर कुछ काम करते हुए हाथों और शरीर के अलग अलग अंगों में दर्द होता है, तो यह मेटाबॉलिज्म के कमजोर होने का लक्षण है।

वजन बढ़ना मेटाबॉलिज्म का लक्षण

अगर सीमित भोजन और एक्सरसाइज करने क बावजूद आपका वजन बढ़ता जा रहा है, तो यकीनन यह कमजोर मेटाबॉलिज्म का एक लक्षण है।

सूजन 

ऐसे लोग जिनके जोड़ों में अक्सर सूजन की समस्या रहती है उन्हे भी खराब मेटाबॉलिज्म की शिकायत हो सकती है। जब भी किसी व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म धीमा होने लगता है तो जोड़ों में सूजन आ जाती है, वजन बढ़ने लगता है और कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ जाता है। इसलिए सूजन की समस्या को हल्के में ना लें।

मेटाबॉलिज्म की वजह से थकान

अगर आपका मेटाबॉलिज्म बेहद कमजोर है तो इससे आपका शरीर ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता खो बैठेगा या यह कम हो जाएगी। ऐसे में अगर आपको भी अक्सर थकान रहती है तो हो सकता है कि यह खराब मेटाबॉलिज्म की वजह से हो सकता है। 

हाई कोलेस्ट्रॉल 

अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक है तो यह भी कहीं ना कहीं एक कमजोर मेटाबॉलिज्म का लक्षण है। यही नहीं अगर इसी तरह मेटाबॉलिज्म कमजोर रहा तो कोलेस्ट्रॉल बढ़ता रहेगा और आपको हृदय रोग होने का भी खतरा बढ़ जाएगा। 

ड्राई स्किन रहना

आमतौर पर स्किन का ड्राई होना लोगों को बहुत ही ज्यादा साधारण सा लगता है। लेकिन ड्राई स्किन भी खराब मेटाबॉलिज्म का ही एक लक्षण है। अगर आपको भी स्किन अक्सर ड्राई लगती है या स्किन पर लगातार खुश्की बनी रहती है तो यह स्थिति कमजोर मेटाबॉलिज्म की ओर ही इशारा करती है। 

मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के उपाय – Tips to Increase Metabolism in Hindiमेटाबॉलिज्म बढ़ाने के उपाय - Tips to Increase Metabolism in Hindi

दोस्तों हमने अपने इस लेख में अब तक आपको Metabolism Meaning in Hindi समेत चयापचय के लक्षण और कारण दोनों ही बता दिए हैं। अब हम बात करेंगे कि मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए। अगर आप अपना मेटाबॉलिज्म बढ़ाना चाहते हैं तो नीचे दिए हुए उपायों पर गौर कर सकते हैं। 

प्रोटीन डाइट से बढ़ाए मेटाबॉलिज्म 

प्रोटीन हमारे शरीर और मांसपेशियों के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। यह आमतौर पर मसल्स को बिल्ड करने के काम आता है। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि प्रोटीन डाइट के जरिए आपका मेटाबॉलिज्म भी तेजी से बढ़ने लगता है। 

यही नहीं विशेषज्ञ कहते हैं कि प्रोटीन शेक के पीने के कुछ ही देर बाद आपको इसका असर दिख जाता है। जो लोग वजन घटाना चाहते हैं उनके लिए भी प्रोटीन का सेवन फायदेमंद रहता है। इसके सेवन से आपका पटे लंबे समय तक भरा रहता है और आपका वजन खुद ब खुद कम होने लगता है।

ग्रीन टी से बढ़ेगा

अगर आप साधारण चाय पीते हैं तो इसकी जगह आप ग्रीन टी का सेवन करना शुरू कर दें। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रीन टी के अंदर एपिगैलोकैटेट नाम का तत्व पाया जाता है जो मेटाबॉलिज्म पर सकारात्मक असर दिखाता है। इस तत्व के माध्यम से मेटाबॉलिज्म बढ़ाया जा सकता है। यही नहीं डायबिटीज के मरीजों के लिए भी ग्रीन टी एक बेहतरीन पेय पदार्थ है। साथ ही ग्रीन टी में एंटी ओबेसिटी गुण होते हैं जो आपको मोटापे से भी राहत दिलाते हैं। 

कॉफी से बढ़ाए मेटाबॉलिज्म 

कॉफी का सेवन भी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के काम आ सकता है। दरअसल कॉफी के शरीर में जाते ही खाने को ऊर्जा में तब्दील कर देती है। यही नहीं हाल ही में हुए एक शोध से पता चलता है कि कॉफी के सेवन से वजन भी घटाया जा सकता है। ऐसे में अगर आपको मेटाबॉलिज्म बढ़ाना है और वजन घटाना है तो दोनों में ही आप कॉफी का सेवन कर सकते हैं। 

डार्क चॉकलेट 

डार्क चॉकलेट के जरिए एक नहीं बल्कि बहुत सी समस्याओं से लड़ने में आपकी मदद कर सकती है। अगर आपको वजन घटाना है, डायबिटीज को नियंत्रित करना है, या मेटाबॉलिज्म की गति तेज करनी है, तो इन तीनो ही चीजों में डार्क चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है। दरअसल डार्क चॉकलेट के अंदर कोको होता है जो कि एक एंटी ओबेसिटी गुण है। जो वजन घटाने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा हाल ही में हुए शोध बताते हैं कि मेटाबॉलिज्म  बढ़ाने और तनाव दूर करने में भी डॉर्क चॉकलेट कारगर सिद्द होती है। साथ ही एक्सरसाइज से पहले डार्क चॉकलेट का सेवन किसी प्री वर्कआउट की तरह ही काम करता है। 

हरी मिर्च के जरिए बढ़ेगा मेटाबॉलिज्म

हरी मिर्च का सेवन आज के समय में हर घर के अंदर किया जाता है। यह ना केवल खाने को चटपटा और जायकेदार बनाती है। बल्कि इसके अंदर मौजूद कैपसाइसिन नाम का एक पदार्थ पाया जाता है। जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन कम करने में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा मधुमेह के रोगी के लिए भी हरी मिर्च का सेवन फायदेमंद होता है। इसके जरिए शरीर में इंसुलिन का उत्पादन बेहतर होने लगता है। ऐसा में कहा जा सकता है कि हरी मिर्च के जरिए मेटाबॉलिज्म को बढ़ाया जा सकता है। 

लहसुन के जरिए 

लहसुन आज के समय में भी हर भारतीय घरों में उपयोग किया जाता है। ऐसे बहुत कम लोग हैं जो इस बात की जानकारी रखते हैं कि लहसुन का सेवन मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है। आपको बता दें कि लहसुन के अंदर मौजूद गुणों की वजह से ट्राइग्लिसराइड, लिपिड और बैड कोलेस्ट्रॉल शरीर से कम होने लगता है। यही नहीं इसके अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो न केवल मेटाबॉलिज्म बढ़ाते हैं। बल्कि आपको मधुमेह जैसी बीमारी से भी राहत दिलाने का कार्य करते हैं। 

सब्जियों का करें सेवन

बात जब खुद को स्वस्थ रखने की हो या वजन घटाने की हो इन दोनों में ही सब्जियों का सेवन बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर आपको अपना वजन घटाना है या एक स्वस्थ शरीर को पाना है तो आपको रोजाना सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करना होगा। इसी के जरिए आपका मेटाबॉलिज्म की गति बेहतर हो जाएगी। 

फलों का सेवन

फल आहार का महत्व आज के वैज्ञानिकों से लेकर बड़े ऋषि मुनि तक बता चुके हैं। आज के समय में भी फलों का सेवन सेहत के लिए सबसे ज्यादा गुणात्मक हो सकता है। ऐसे में मेटाबॉलिज्म बढ़ाना हो या भयंकर बीमारियों से बचना हो । इन सभी में फलों का सेवन किया जा सकता है। ज्ञात हो कि फलों के अंदर कई विटामिन मिनरल्स पाए जाते हैं जो आपको सेहतमंद रखने में मदद कर सकते हैं। 

नट्स का सेवन 

सूखे मेवे या नट्स में कई तरह के खनिज पदार्थ और पोषक तत्व होते हैं। नियमित रूप से इनका सेवन करने से शरीर का अतिरिक्त फैट कम होने लगता है और मेटाबॉलिज्म भी बेहतर हो जाता है। ऐसे में अगर आपको खुद को फिट रखना है या डायबिटीज को नियंत्रित करना है। इस स्थिति में आप काजू, बादाम, अखरोट या किशमिश का सेवन करें। 

दही का सेवन 

दही न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि यह पाचन क्रिया के लिए भी बहुत ज्यादा फायदेमंद सिद्ध होती है। दही के अंदर लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया पाया जाता है। यह बैक्टीरिया आंतों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। इसके जरिए ना केवल शुगर लेवल नियंत्रित रहता है बल्कि आपका मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होने लगता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि दही के सेवन से मेटाबॉलिज्म की गति बेहतर होती है।

हल्दी 

हल्दी के अंदर एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आपको कई रोगों को विकारों से बचाने का कार्य करते हैं। यही नहीं साधारण से दिखने वाले मसाले के अंदर ऐसे गुण भी होते हैं जो चयापचय की स्थिति को सुधार सके। मधुमेह से मोटापे तक को काबू में करने के लिए आप हल्दी का सेवन कर सकते हैं। 

एक्सरसाइज करें 

मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए सबसे बेहतरीन तरीका है कि आप अपनी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ा ले। अगर आप ऐसा करते हैं तो ना केवल इससे आपका मेटाबॉलिज्म बेहतर होगा बल्कि इससे आपकी इम्यूनिटी भी सुधरेगी। इसके अलावा आपको फिट रहने में भी मदद मिलेगी। अब सोचिए मत आज से ही अपना एक्सरसाइज का शेड्यूल रेडी करें। हो सके तो हाई इंटेंसिटी वर्कआउट का चुनाव करें इससे आपकी स्थिति जल्दी ठीक होगी 

योग के जरिए

योग महज एक्सरसाइज नहीं बल्कि जीवन जीने का एक बेहतरीन तरीका है। आपको स्वस्थ रहना हो या फिर किसी बीमारी से राहत पानी हो। इन सभी समस्याओं में आप योग का सहारा ले सकते हैं। इसी तरह आप चाहें तो मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने के लिए भी योग का सहारा ले सकते हैं। योग के जरिए आपके शरीर की कार्य प्रणाली बेहतर ढंग से कार्य करती हैं। 

मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के अन्य उपाय – Few More Way to Increase Metabolism in Hindi मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के अन्य उपाय - Few More Way to Increase Metabolism in Hindi

  1. सेब के सिरके के अंदर एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। एवं चयापचय को बढ़ाने का कार्य करता है।
  2. मेथी के बीज के अंदर पाचन एंजाइम और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, यह ब्लड शुगर लेवल को भी भी संतुलित करते हैं तो और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का कार्य करते हैं। 
  3. दालचीनी के अंदर कई गुण होते हैं जो आपकी सेहत का भी ध्यान रखते हैं और चयापचय की गति को भी बेहतर करते हैं। 
  4. मसूर की दाल के अंदर प्रोटीन, फाइबर और विटामिन मिनरल्स पाए जाते हैं। यह आपके चयापचय को बेहतर करने का कार्य करते हैं।
  5. अजवाइन के छोटे छोटे दाने बेहद गुणकारी होते हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव दिखाते हैं।
  6. सरसों के अंदर डायसे ग्लिसरॉल और इरुसिक एसिड पाया जाता है जो आपकी सेहत को लाभ पहुंचाता है और चयापचय को भी बेहतर करता है। 
  7. जैतून के तेल के अंदर 30 फेनोलिक कंपाउंड पाए जाते हैं। यह कंपाउंड मेटाबॉलिज्म की स्थिति को बेहतर करने का कार्य करती हैं।
  8. अगर आपको मेटाबॉलिज्म को बेहतर करना है तो आप अधिक मात्रा में आयरन समृद्ध भोजन करें। इससे चयापचय तेज हो जाएगा।
  9. तनाव कम करके भी आप अपना चयापचय बेहतर कर सकते हैं।
  10. पानी का अधिक सेवन करें इससे भी आपका मेटाबॉलिज्म अच्छा होगा।
  11. शराब तथा धूम्रपान का सेवन बिल्कुल ना करें। इससे चयापचय की स्थिति अधिक खराब हो सकती है। 
  12. नींद का असर भी चयापचय पर होता है। इसलिए कम से कम 6 से 8 घंटे तक जरूर सोएं।
  13. ब्रेकफास्ट स्किप करने की भूल बिल्कुल न करें। 
  14. स्नैक्स में फ्रूट्स या सीड्स का सेवन करें।
  15. खुश रहने की कोशिश करें इसके जरिए भी आपका चयापचय बेहतर हो जाएगा। 

चयापचय बढ़ाने की दवा – Medicine for Metabolism in Hindiचयापचय बढ़ाने की दवा - Medicine for Metabolism in Hindi

दोस्तों अब तक आपने जाना कि मेटाबॉलिज्म में सुधार करने के लिए आपको क्या खाना चाहिए और क्या करना चाहिए। अब हम आपको मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने की कुछ दवाएं बताएंगे। इन दवाओं के जरिए आपकी चयापचय की स्थिति बेहतर हो जाएगी। 

अश्वगंधा

अश्वगंधा एक बहुत ही गुणकारी जड़ी बूटी है जिसका उपयोग सदियों से ना जाने कितनी ही बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जा रहा है। वहीं मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आप अश्वगंधा पाउडर का सेवन कर सकते हैं। इसके जरिए मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो जाएगा।

जायफल

अगर आप रोजाना सीमित मात्रा में जायफल का सेवन करते हैं तो इससे भी चयापचय की स्थिति बेहतर होती है। साथ ही यह कई अन्य समस्याओं को भी समाप्त करने की क्षमता रखता है।

मुलेठी

मुलेठी का सेवन खांसी जुकाम और सर्दी को दूर करने के लिए किया जाता है। आप चाहें तो मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर बनाने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।

आंवला 

आंवला एक नहीं बल्कि दर्जनों गुणों का खजाना है। आज के समय में अगर आपको खुद को स्वस्थ रखना है और लंबे समय तक हृदय का भी ख्याल रखना है तो आप आंवला का सेवन कर सकते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको Metabolism Meaning in Hindi यानी चयापचय से संबंधित सभी जानकारियां दे दी हैं। अब आप मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए चाहें तो बताए गए उपाय अपना सकते हैं। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. क्या चयापचय धीमा होने से वजन बढ़ने लगता है?

    हां, चयापचय के धीमा होने का असर वजन पर पड़ता है।

  2. मेटाबॉलिज्म का काम शरीर में क्या होता है?

    मेटाबॉलिज्म शरीर में सांस लेने से लेकर भोजन को ऊर्जा में तब्दील करने का कार्य करता है। इसके अलावा मेटाबॉलिज्म के जरिए अन्य भी बहुत से कार्य होते हैं।

  3. क्या डायबिटीज की बीमारी मेटाबॉलिज्म से संबंधित है?

    हां, यह बीमारी मेटाबॉलिज्म से ही संबंधित है।

  4. क्या मेटाबॉलिज्म धीमा होने की वजह डाइटिंग हो सकती है?

    हां, अगर आप डाइटिंग करते हैं तो इससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।

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