Motiyabind क्या है? मोतियाबिंद के 12 लक्षण, 6 उपाय, कारण और इलाज। Cataract in Hindi
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Motiyabind क्या है? मोतियाबिंद के 12 लक्षण, 6 उपाय, कारण और इलाज। Cataract in Hindi

Main points

Information About Cataract (Motiyabind) in Hindi, मोतियाबिंद बीमारी के बारे में आपने भी जरूर सुना होगा। लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि Motiyabind Kya Hai या यह किस वजह से होती है। आपको बता दें कि यह आंखों से जुड़ी एक समस्या है जिसमें व्यक्ति की दोनों या एक आंख से देखने में दिक्कत आने लगती है। इसके लिए बहुत से लोग मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराते हैं तो कुछ लोग मोतियाबिंद की होम्योपैथिक दवा के जरिए ही उपचार कराते हैं। 

इसलिए आज हम आपके लिए Cataract in Hindi यानी Motiyabind से जुड़ी संपूर्ण जानकारी लाए हैं। आज हम आपको अपने इस लेख के जरिए बताएंगे कि मोतियाबिंद के लक्षण क्या है, मोतियाबिंद होने के कारण क्या है। इसके अलावा मोतियाबिंद के उपचार और उपाय से लेकर सभी जानकारियां देंगे। अब अगर आप Motiyabind से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख पर अंत तक बने रहें। 

मोतियाबिंद क्या है। Motiyabind Kya Hai मोतियाबिंद क्या है। Motiyabind Kya Hai

Motiyabind एक ऐसी समस्या है जो लोगों को 40 की उम्र के बाद होती है। भारत में यह बीमारी लगभग 60 साल के ऊपर के लोगों में सबसे ज्यादा देखी जाती है। दरअसल जब आंखों के लेंस पर एक धुंधलापन दिखने लगता है और व्यक्ति का सही प्रकार देखना मुश्किल हो जाता है तो मोतियाबिंद की यह मोतियाबिंद की वजह से ही होता है। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब आंखों में प्रोटीन के गुच्छे जमा होने लगते हैं। इसकी वजह से आंखों के लेंस पर एक परत बन जाती है इससे लेंस को रेटिना से प्राप्त होने वाली तस्वीर भी धुंधली हो  जाती है।

मोतियाबिंद की समस्या एक दिन में नहीं होती, बल्कि इसका असर आंखों पर धीरे धीरे देखने को मिलता है। मोतियाबिंद की समस्या यूं तो ज्यादातर दोनों आंखों पर ही देखने को मिलती है, लेकिन यह एक आंख पर भी पैदा हो सकती है। जब यह समस्या उत्पन्न होती है तो व्यक्ति को रंग और चीजें धुंधली दिखने लगती हैं। इसके अलावा अगर आपको रात में देखने में दिक्कत आती है तो इसका कारण भी Motiyabind हो सकता है। 

मोतियाबिंद के प्रकार। Types of Cataract in Hindiमोतियाबिंद के प्रकार। Types of Cataract in Hindi

दोस्तों अब तक आपने यह तो पता चल गया होगा कि Cataract in Hindi का अर्थ मोतियाबिंद होता है। अब हम आपको मोतियाबिंद के लक्षण या कारण आपके साथ साझा करें इससे पहले यह जान लेते हैं कि मोतियाबिंद के कितने प्रकार होते हैं। इसके बाद ही आप इस बीमारी के उपचार जान पाएंगे। आपको बता दें कि मोतियाबिंद के कुल तीन प्रकार होते हैं। 

Cortical Motiyabind (Cataract) 

कोर्टिकल मोतियाबिंद को सफेद मोतियाबिंद के नाम से भी जाना जाता है। जिस भी व्यक्ति को सफेद मोतियाबिंद होती है उसकी आंखों के लेंस पर सफेद रंग का एक निशान बनने लगता है। धीरे धीरे यह निशान बढ़ा हो जाता है। सफेद या कोर्टिकल मोतियाबिंद लेंस के पीछे की सतर पर शुरू होता है। 

Nuclear Sclerotic Cataract

यह मोतियाबिंद का सबसे साधारण प्रकार है जो आमतौर पर लोगों को एक उम्र बीत जाने के बाद ही होता है। इस दौरान आंखों के लेंस पर पीले रंग का एक निशान बनने लगता है। यह आपकी नजदीक की रोशनी को बुरी तरह प्रभावित करता है। 

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Subcapsular Cataract 

मोतियाबिंद में यह सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। दूसरे मोतियाबिंद के प्रकार के मुकाबले यह ज्यादा तेजी से लेंस के पीछे केंद्रीय सतह पर बनता है। आमतौर पर इससे पीड़ित मरीज को रंगों और प्रकाश के आसपास देखने में दिक्कत पैदा हो जाती है। 

मोतियाबिंद के लक्षण। Cataract (Motiyabind) Ke Lakshan
मोतियाबिंद के लक्षण। Cataract (Motiyabind) Ke Lakshan

दोस्तों किसी भी बीमारी को हल्के में बिल्कुल नहीं लेना चाहिए। वहीं अगर बात आंखों से जुड़ी समस्या की हो तो इसे और भी अधिक गंभीरता से लेने की आवश्यकता होती है। इसलिए अब हम आपको मोतियाबिंद के लक्षणों की एक सूची प्रदान कर रहे हैं जिसके जरिए आपको समझ आ जाएगा कि आपको मोतियाबिंद है या नहीं। हमारे बताए लक्षणों के आधार पर आप तय कर सकते हैं कि आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए या नहीं। आइए जानते हैं मोतियाबिंद के तमाम लक्षण। 

दो चीजें दिखना है मोतियाबिंद के लक्षण

हम देखते समय अक्सर एक आंख का उपयोग भी करते हैं। ऐसे में अगर आपको कोई भी एक वस्तु या व्यक्ति दो दिखाई दें तो समझ लेना यह मोतियाबिंद की वजह से ही हो रहा है। मोतियाबिंद की इस समस्या को डिपलोपिया भी कहा जाता है।

पास की नजर पर असर 

यह बहुत ही अजीब सा लक्षण है इसमें मोतियाबिंद से पीड़ित व्यक्ति की नजदीक की नजर अचानक ठीक हो जाती है। इसके कारण व्यक्ति को नजदीक का साफ साफ दिखाई देने लगता है। लेकिन कुछ समय बाद यह सुधार गायब हो जाता है और दृष्टि फिर से खराब हो जाती है। 

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रंगों को देखने में आती है दिक्कत 

अगर किसी व्यक्ति को रंग देखने में दिक्कत आने लगे तो यह भी मोतियाबिंद के कुछ लक्षणों में ही शामिल होता है। इस दौरान आपकी नजर धीरे धीरे पीली या भूरी हो सकती है। हालांकि इस समस्या का शुरूआत में पता नहीं चलता। लेकिन वक्त बीतने और स्थिति गंभीर होने के साथ रंगों की पहचान कर पाना मुश्किल होने लगता है। 

धुंधला दिखना

अगर आपको धीरे धीरे धुंधला दिखने लगे तो समझ जाइए कि यह मोतियाबिंद की समस्या है। ऐसे में अगर आपको धुंधला दिखने लगे तो समय रहते ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अगर समय पर इस लक्षण को गंभीरता से ना लिया जाए तो स्थिति अधिक गंभीर हो जाती है।

चशमे का नंबर बदलना

अगर आपकी आंखों की रोशनी कमजोर हो गई है और आप चश्मे या लेंस का उपयोग करते हैं, और आपके चश्मे का नंबर बार बार बदलता रहता है, तो इस चीज को अधिक गंभीरता से लेने की जरूरत है। यह मोतियाबिंद का एक गंभीर लक्षण है। जिसका उपचार समय पर करना बेहद जरूरी है। 

आंखे चौंधियाना

यह समस्या बहुत से लोगों को साधारण रूप से भी होने लगती है। लेकिन अगर आप किसी तेज रोशनी की तरफ देखते हैं और आपकी आंखे चौंधिया जाती हैं। वहीं इसके बाद आपका रोशनी में चलना देखना मुश्किल हो जाता है तो यह मोतियाबिंद की निशानी हो सकती है। इस तरह के लक्षणों को गंभीरता से ले और डॉक्टर के जरिए परीक्षण कराएं। 

मोतियाबिंद के कुछ अन्य लक्षण

  1. रात के समय या कम रोशनी में देखने में दिक्कत आना। 
  2. लोगों के चेहरे के भाव या रिएक्शन को समझने और देखने में दिक्कत आना। 
  3. रात के समय गाड़ी चलाने में परेशानी आना। 
  4. सूरज की रोशनी या ज्योति और दीपक की रोशनी अधिक तेज लगना। 
  5. कमजोर नजर भी मोतियाबिंद के लक्षणों में से एक है। 
  6. आंखों या सिर में तेज दर्द रहना 
  7. आंखों का हमेशा लाल रहना। 
  8. जी मिचलाना और उल्टी होना भी इस बीमारी के लक्षण हैं। 

मोतियाबिंद होने के कारण। Causes of Cataract (Motiyabind) in Hindiमोतियाबिंद होने के कारण। Causes of Cataract (Motiyabind) in Hindi

दोस्तों अब तक आपने मोतियाबिंद के प्रकार और लक्षणों के बारे में जान लिया है। अब हम आपको इसके होने का कारण या वजह बताएंगे। ज्ञात हो कि उम्र के साथ साथ आंखों के लेंस का निर्माण करने वाले प्रोटीन आपस में चिपक कर एक गुच्छे की तरह जुड़ जाते हैं। जिसकी वजह से आंखों के सामने एक परत बनने लगती है और धीरे धीरे यह पूरे लेंस और रेटिना को प्रभावित कर देती है। ऐसे में इस बीमारी के कुछ कारण हैं जो हम आपको बता रहे हैं। 

मोतियाबिंद होने की वजह 

  1. ऐसे बहुत से लोग  जो डायबिटीज के शिकार हैं उन्हें मोतियाबिंद हो सकती है।  अगर आपको यह समस्या है तो आप अधिक सावधान रहें। 
  2. अगर आप अधिक मात्रा में धूम्रपान करते हैं तो बता दें कि मोतियाबिंद की समस्या इसकी वजह से भी हो सकती है। 
  3. अगर आप किसी बीमारी से जुड़ी दवाइयों का सेवन करते हैं तो कई बार यह बीमारी भी आपके शरीर में मोतियाबिंद पैदा कर देती है। 
  4. सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों की वजह से भी आंखों पर असर पड़ता है। इसके कारण भी यह समस्या पैदा हो सकती है। 
  5. शराब का सेवन करने वाले लोग इस बीमारी की चपेट में अधिक मात्रा में आते हैं। अगर आप भी शराब पीते हैं तो इसे छोड़ दे और समय समय पर आंखों की जांच जरूर कराएं। 
  6. अगर आप अपने खान पान को लेकर बहुत ज्यादा लापरवाह हैं और अपनी डाइट में फल सब्जी और खनिज पदार्थों की मात्रा का ध्यान नहीं रखते तो यह समस्या आपको भी हो सकती है। 
  7. अगर आपका वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया तो यह भी मोतियाबिंद की वजह बन सकता है। 
  8. बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की दवाई का लंबे समय तक सेवन करने से भी मोतियाबिंद की समस्या हो सकती है।
  9. अगर आपके परिवार में पहले से ही यह समस्या किसी को हो चुकी है तो यह आपको भी हो सकती है। 
  10. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की वजह से भी मोतियाबिंद हो सकता है। 
  11. अगर आपकी आंख की पहले कोई सर्जरी हो चुकी हो तो आपको यह समस्या हो सकती है। 
  12. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इस समस्या से बच कर रहना चाहिए। वरना यह इन इन मरीजों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। 

मोतियाबिंद से बचाव – Cataract Prevention Tips in Hindiमोतियाबिंद से बचाव - Cataract Prevention Tips in Hindi

दोस्तों हर बीमारी से बचने के लिए आपको कुछ उपाय या तरीके अपनाने पड़ते हैं। ठीक वैसे ही जैसे अगर आपको साफ रहना है तो नहाना होगा। अगर आप नहीं नहाए तो गंदे खुद हो जाएंगे। इसी तरह Motiyabind से बचाव संभव है। बस इसके लिए आपको अपनी जिंदगी में कुछ हल्के फुल्के बदलाव करने होंगे। 

अच्छी डाइट मोतियाबिंद से बचाएगी

अगर आप खाने पीने की अपनी आदतों में हल्का फुल्का बदलाव करते हैं तो यकीनन आप इस समस्या की चपेट में कभी नहीं आएंगे। वहीं अगर आपको पहले से कोई बीमारी है तो आपको डॉक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए ताकि आप अपनी डाइट में ऐसी चीजें शामिल कर सकें जो आपके शरीर को पोषक तत्व और खनिज पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पहुंचे।

एक्सरसाइज या योगा

दोस्तों जिस तरह किसी मशीन को सर्विस या ऑयलिंग की आवश्यकता होती है, ताकि वह सही से चल सके। उसी तरह खुद को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज या योग की आवश्यकता होती है। इसलिए रोजाना योग या एक्सरसाइज जरूर करें। 

सूरज की रोशनी से बचें

सूरज की रोशनी से बचें इसका मतलब कतई यह नहीं है कि आपको सूरज की रोशनी में जाने से ही बचना है। अगर आप काम काज करते हैं और आपको सूरज की रोशनी में रहना पड़ता है तो आप अपनी आंखों पर चश्मा डालकर ही बाहर निकलें। 

नशीले पदार्थों से बचें

आज के समय में हमारे देश में हर दूसरा व्यक्ति शराब या सिगरेट का आदि है। ऐसे में अगर आप इन दोनों आदतों को छोड़ देते हैं, तो आप मोतियाबिंद से बचे रहेंगे। 

आंखों की कराएं जांच 

अगर आप सही मायने में अपनी आंखों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो ऊपर बताए गए तरीकों को अपनाएं। इसके अलावा साल में कम से कम दो बार अपनी आंखों की जांच किसी डॉक्टर से कराएं। इससे ना केवल आप मोतियाबिंद से बचे रहेंगे। बल्कि इसके कारण आपको कोई दूसरी समस्या नहीं है यह भी पता चल जाएगा। 

मोतियाबिंद के लिए घरेलू उपाय। Home Remedies for Motiyabind in Hindiमोतियाबिंद के लिए घरेलू उपाय। Home Remedies for Motiyabind in Hindi

ऐसे लोग जो मोतियाबिंद के शिकार हो चुके हैं वह अक्सर मोतियाबिंद के ऑपरेशन से डरते हैं। इसलिए वह चाहते हैं कि कुछ घरेलू उपाय के जरिए ही Motiyabind से छुटकारा मिल जाए। अगर आप भी मोतियाबिंद से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए बिंदुओं को ध्यान से पढ़े। 

मोतियाबिंद के घरेलू उपाय या नुस्खे

  1. लहसुन का सेवन सफेद मोतियाबिंद से छुटकारा दिलाने में कारगर माना जाता है। आप रोजाना लहसुन का सेवन जरूर करें इससे ना केवल आपको मोतियाबिंद में आराम मिलेगा बल्कि इससे कोलेस्ट्रॉल समेत कई समस्याएं दूर हो जाती हैं। 
  2. अगर मोतियाबिंद के मरीज खाने के साथ नींबू का उपयोग करें तो इससे उन्हें मोतियाबिंद की समस्या से राहत मिलेगी।
  3. शहद और बादाम का सेवन करने से Motiyabind की समस्या से राहत मिलती है। 
  4. अगर आपको सफेद मोतियाबिंद से बचना है तो आप धनिए का सेवन करें और धूप में जाने से बचें। 
  5. हरी सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करने से आपको मोतियाबिंद से छुटकारा मिल सकता है। 
  6. मोतियाबिंद से राहत पाने के लिए गाजर के जूस का सेवन जरूर करें। 

मोतियाबिंद के इलाज – Cataract Treatment in Hindiमोतियाबिंद के इलाज - Cataract Treatment in Hindi

अब तक हमने आपको मोतियाबिंद के लक्षण, कारण,बचाव के तरीके और घरेलू उपाय बता दिए हैं। लेकिन कई मामलों में जब मोतियाबिंद के घरेलू उपाय काम नहीं आते तो फिर इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए इलाज ही एकमात्र विकल्प बचता है। हालांकि Motiyabind के इलाज के कई तरीके हैं जो कुछ इस प्रकार हैं। 

इलाज मोतियाबिंद के

  1. अगर आपको मोतियाबिंद की समस्या हो गई है तो इससे राहत पाने के लिए आप चश्मे का उपयोग कर सकते हैं। 
  2. अगर मोतियाबिंद के कारण आपके जीवन में किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता तो आपको इसका इलाज कराने की जरूरत नहीं पड़ती। बस आपको समय समय पर अपनी आंखों की जांच करानी होती है। 
  3. मोतियाबिंद से छुटकारा दिलाने के लिए डॉक्टर कुछ दवाइयों का सेवन करने की सलाह भी दे सकते हैं।
  4. अगर मोतियाबिंद की समस्या अधिक बढ़ जाती है तो डॉक्टर उसकी सर्जरी करने की सलाह देते हैं। Motiyabind का ऑपरेशन का खर्च यूं तो अस्पताल पर ज्यादा निर्भर करता है। लेकिन यह न्यूनतम 25 हजार रूप से लेकर 50 हजार या इससे ऊपर भी जा सकता है। 

निष्कर्ष – Conclusion

Information About Cataract in Hindi, दोस्तों हमने अपने इस लेख में Motiyabind के कारण, लक्षण, बचाव और इलाज से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्रदान कर दी है। अब अगर आपको इस समस्या से बचना है तो एक सही जीवनशैली का चुनाव करें। वही अगर आपको लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर की सलाह के बाद उपया या इलाज के लिए आगे बढ़े। अगर यह लेख पसंद आया हो तो इसे आगे जरूर शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. क्या मोतियाबिंद फैमिली हिस्ट्री की वजह से हो सकता है?

    हां, अगर आपके परिवार में पहले किसी को यह समस्या थी तो यह आपको भी हो सकती है।

  2. मोतियाबिंद का ऑपरेशन खर्च कितने रूपए में होता है?

    इसका उत्तर यूं तो हस्पताल पर निर्भर करता है। लेकिन इसका ऑपरेशन खर्च 25 हजार से लेकर 50 हजार तक भी जा सकता है।

  3. क्या Cataract से छुटकारा पाने में घरेलू उपाय काम आ सकते हैं?

    हां, लेकिन पूरी तरह घरेलू उपाय पर निर्भर रहना भी ठीक नहीं है।

  4. क्या मधुमेह के मरीजों को इस बीमारी से अधिक सावधान रहना चाहिए?

    हां, डायबिटीज के मरीजों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है।

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