बुखार (Bukhar) क्यों होता है, 8 उपाय बचाव और इलाज। Fever Meaning in Hindi
Fever Meaning in Hindiआमतौर पर व्यक्ति के शरीर का तापमान 98. 6 फारेनहाइट तक होता है। लेकिन Bukhaar के दौरान इससे थोड़ा या बहुत ज्यादा हो जाता है। लेकिन सवाल यह है कि बुखार क्यों होता है। ऐसी क्या वजह है जिसके कारण बुखार होता है और Bukhar Ki Dawa (Tablet) किस तरह बुखार को ठीक करती है। वहीं कुछ लोगों के जेहन में यह भी सवाल आता है कि क्या बुखार जानलेवा है तो हां बुखार जानलेवा भी हो सकता है। आज हम आपको Fever Meaning in Hindi समते बुखार से जुड़ी सभी जानकारियां देंगे जैसे बुखार के कारण, लक्षण और बुखार के घरेलू उपचार आदि। अगर आप Bukhar से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख पर अंत तक बने रहें।
क्या होता है बुखार का अर्थ – What is Fever Meaning in Hindi
दोस्तों फीवर मीनिंग इन हिंदी Bukhaar होता है। दरअसल यह कुछ और नहीं बल्कि किसी संक्रमण से लड़ने का शरीर का तरीका होता है। जब भी हम किसी चीज से संक्रमित होते हैं तो हमारे शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स का उत्पादन होने लगता है। यह व्हाइट ब्लड सेल्स ही संक्रमण से लड़ने का कार्य करते हैं। इसलिए हमारा शरीर तपने लगता है और हमारे शरीर की मांसपेशियों में हल्का सा दर्द रहने लगता है। साथ ही इसमें कभी कभी कपकपी भी चढ़ने लगती है। तो समझ गए दोस्तों क्या होता है Fever Meaning in Hindi। आइए जानते हैं कि Bukhar कब खतरनाक हो सकता है।
इतना बुखार है खतरनाक
Bukhaar को लेकर जैसे की हमने आपको बताया कि इसमें शरीर का तापमान 98.6 फारेनहाइट से ज्यादा बढ़ जाता है। लेकिन जब तक यह तापमान 101 या 102 फारनेहाइट हो तो अधिक घबराने की स्थिति नहीं होती। वहीं अगर शरीर का तापमान 104 फारेनहाइट से ज्यादा हो तो स्थिति गंभीर हो सकती है। कई बार Bukhar Ki Tablet (Dawa) मुंह के बजाय इंजेक्शन के माध्यम से देनी पड़ती है। सही समय पर जरूरी उपचार न होने पर बुखार की वजह से व्यक्ति की जान भी जा सकती है। दोस्तों अब तक आपको Fever Meaning in Hindi क्या है यह जान लिया होगा।
Main points
बुखार के प्रकार – Types of Fever in Hindi
बुखार को मेडिकल विज्ञान में 6 अलग किस्मों में बांटा गया है। जो कुछ इस प्रकार है।
- Continuous Fever – अगर किसी व्यक्ति को 24 घंटे तक तापमान बढ़ा रहे और तापमान में एक डिग्री से ज्यादा की बढ़ोतरी नहीं हुई हो तो यह लगातार बुखार की श्रेणी में आता है। इसमें निमोनिया, टाइफाइड, टाइफस, ब्रुसेलोसिस आते हैं।
- Remittent Fever –ऐसा बुखार जो या तो चढ़ता उतरता रहे या फिर उतरे ही ना। इस Bukhaar में सिर्फ दो डिग्री तक का ही बदलाव देखने को मिलता है। यह Bukhaar एंडोकार्डिटिस और टाइफाइड के मरीजों में देखा जाता है।
- Intermittent Fever – Bukhar के इस प्रकार में शरीर का तापमान कुछ देर के लिए अधिक होता है और बाकि समय साधारण रहता है। ऐसा मलेरिया, प्यूमिया और सेप्टीसीमिया से पीड़ित मरीजों में होता है।
- Septic Fever – इस तरह का फीवर Bukhar Ki Dawa (Tablet) के जरिए भी नहीं उतरता। इसमें मरीज को अच्छी देखभाल की आवश्यकता होती है।वहीं अगर मरीज की स्थिति खराब हो तो डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए.
- Pel Ebistin फीवर – इस तरह के बुखार में व्यक्ति का तापमान बार बार बदलता रहता है। इसके शुरुआती दिनों में तापमान सामान्य से थोड़ा ज्यादा होता है। वहीं कुछ दिन बाद अधिक और फिर कम होता रहता है। इसके बाद 9 दिन तक यह बुखार बंद हो जाता है। बाद में यह वापस हो सकता है।
- Low Grade Fever – यह फीवर आमतौर पर कुछ दिनों तक बना रहता है और समय समय पर उतरता चढ़ता रहता है। ऐसा किसी प्रकार के संक्रमण की वजह से हो सकता है।
बुखार होने के कारण – Causes of Fever in Hindi
अगर बुखार के पीछे का वैज्ञानिक कारण देखें तो पता चलता है कि एक व्यक्ति को बुखार तब होता है। जब दिमाग का एक हिस्सा हाइपोथैलेमस शरीर के तापमान बिंदु को अधिक ऊपर ले जाता है। ऐसा होने पर आपको ठंड महसूस होती है और शरीर तपने लगता है। कई बार ऐसे में आपको मांसपेशियों में भी दर्द होने लगता है।
Bukhar होने के कारण
- किसी तरह की दवाई या वैक्सीनेशन की वजह से भी Bukhaar हो सकता है।
- गर्मी के मौसम में बाहर से आते ही ठंडा पानी पीने से।
- सिलिकोसिस की समस्या भी Bukhaar का कारण बन सकती है।
- शरीर में पानी की कमी की वजह से भी बुखार हो सकता है।
- किसी तरह के संक्रमण में आने से भी बुखार की समस्या हो सकती है।
- निमोनिया, चिकन पॉक्स या फ्लू भी बुखार की वजह हो सकती है।
- अधिक गर्म मौसम या अधिक ठंडे मौसम में ज्यादा रहने से भी बुखार हो जाता है।
- अगर अधिक थकान हो जाए तो यह भी बुखार की वजह बन सकता है।
- उल्टा सीधा खाने की वजह से भी बुखार की दिक्कत हो सकती है।
- खराब इम्यूनिटी की वजह से भी आप बार बार बीमार हो सकते हैं।
बुखार के लक्षण – Symptoms of Fever in Hindi
दोस्तों अब तक आपने जाना कि फीवर मीनिंग इन हिंदी बुखार होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुखार के लक्षण क्या क्या होते हैं। शायद आप नहीं जानते, ऐसा इसलिए क्योंकि आपको बुखार होने के बाद ही पता चलता है। ना कि होने से पहले। चलिए जानते हैं बुखार के लक्षण।
बुखार के होने वाले लक्षण
- हार्ट बीट तेज होना या घबराहट होना बुखार का लक्षण हो सकता है।
- सिर भारी होना या चक्कर आना बुखार के लक्षणों में से एक है।
- कमजोर महसूस होना।
- उल्टी होना
- गले में खराश होना या खांसी होना।
- नींद ना आना
- अधिक पसीना लगातार आते रहना।
- तापमान में हल्की वृद्धि नजर आना
- मांसपेशियों या जोड़ों पर दबाव पड़ना या दर्द होना।
- ठंड लगना या कपकपी छुटना।
- कोल्ड होना या नाक बहना
- सुस्ती आना
- आंखों में दर्द होना
- स्किन का गर्म होना
- भूख नहीं लगना
- पूरे शरीर में दर्द रहना या फिर थकान महसूस होना।
- दस्त की समस्या होना भी बुखार के लक्षणों में से एक है।
बुखार से बचाव के उपाय – Fever Prevention in Hindi
दोस्तों बुखार हो या कोई अन्य समस्या। आपको हर तरह की समस्या से निपटने से पहले यह जानना जरूरी है कि बुखार से बचाव कैसे संभव है। इसलिए हम आपको यह बताएं कि बुखार की दवा (Tablet) या बुखार के घरेलू उपचार क्या है। इससे पहले यह जान लीजिए कि बुखार से बचे रहने के तरीके या उपाय क्या है।
बुखार से बचने के उपाय
- दोस्तों बुखार किसी तरह के संक्रमण की वजह से होता है। यह संक्रमण हमारे हाथों के जरिए हमारे शरीर तक जाता है। ऐसे में आप जब भी कुछ खाएं पीए या जब भी मुंह, आंख, नाक पर हाथ लगाएं। इससे पहले साबुन से हाथ धो लें। इससे आप बुखार से बचे रहेंगे।
- ऐसे किसी भी दूसरे व्यक्ति का झूठा ना खाएं जिससे बुखार हो। इससे आप बुखार से बचे रहेंगे।
- भोजन में खराब चीजों का सेवन आपके बुखार की वजह बन सकता है। ऐसे में जंक फूड का सेवन बिल्कुल न करें। इससे बुखार से बचे रहेंगे।
- अगर किसी को खांसी या जुकाम हो तो उसके संपर्क में ज्यादा ना आएं। उसका झूठा खाने से बचें।
- गर्मी के मौसम में पसीनों के दौरान फ्रिज का ठंडा पानी बिल्कुल न पिएं।
- सर्दी से गर्मी के मौसम में बदलाव आते समय फैन चलाकर सोना भी बुखार की वजह बन सकते हैं। आप ऐसा ना करें।
- एक सही दिनचर्या का पालन करें।
- एक सही डाइट ले जिससे आपकी इम्यूनिटी बेहतर हो और आप बीमार ना पड़ें।
बुखार का निदान – Diagnosis of Fever in Hindi
अगर आपको बुखार है तो आप इसे घर पर भी आसानी से देख सकते हैं। इसे जांचने के लिए आपको थर्मामीटर की आवश्यकता होगी।
- थर्मामीटर को आप जुबान के नीचे कुछ देर रखकर पता लगा सकते हैं कि आपको बुखार है या नहीं।
- थर्मामीटर को बगल में रख कर भी पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति बुखार से पीड़ित है या नही।
बुखार के घरेलू उपचार – Home Remedies for Fever in Hindi
आज भी हमारे देश में ऐसे बहुत से गांव और कुचे हैं जो किसी भी बीमारी का उपचार घरेलू तरीके से करते हैं। यही नहीं ऐसी समस्याएं जिनका उपचार करना मेडिकल साइंस के बस के बाहर है। ऐसी समस्याओं का उपचार करते हुए बहुत से वैद दिख जाएंगे। वहीं फीवर तो बहुत ही मामूली सी समस्या है। Bukhar Ki Tablet लेने से बेहतर लोग बुखार के घरेलू उपचार पर ही भरोसा करते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं ऐसे घरेलू उपचार जो बुखार ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
Bukhar के घरेलू उपचार
- बुखार की समस्या होने पर आप अदरक के पेस्ट का सेवन दवाई के तौर पर थोड़ी थोड़ी देर में करें इससे बुखार जल्दी ही चला जाएगा।
- दालचीनी पाउडर और इलायची को गर्म पानी में डालकर काढ़ा बनाकर पिएं। इसे गर्म गर्म ही पिएं।
- धनिए का सेवन करने से भी बुखार में आराम मिलता है। दरअसल इसके अंदर एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो बुखार से आपको राहत दिलाते हैं।
- बुखार के घरेलू उपचार में गिलोय का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है। यह बुखार और खांसी जुकाम से राहत दिला सकता है।
- 5 से 7 तुलसी और लौंग के पाउडर में एक लीटर पानी में उबाले। इसे धीरे धीरे करके पिएं। इससे बुखार में राहत मिलेगी।
- सौंठ, हल्दी पाउडर, और काली मिर्च का पाउडर पानी में उबालें और छानकर पिएं। इससे बुखार में आपको राहत मिलेगी।
बुखार का इलाज – Fever Treatment in Hindi
अगर आपको बुखार कई दिनों तक है और निरंतर घरेलू उपचार आजमा कर नहीं ठीक हो रहा, तो आपको यकीनन डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर बहुत से इलाज या उपचार की सलाह आपको दे सकते हैं। इसमें बुखार की दवा, या बुखार की कोई टेबलेट या इंजेक्शन आपको दिया जा सकता है। इसके अलावा उपचार के अन्य तरीके भी अपनाए जा सकते हैं।
बुखार की दवा या टेबलेट
- दोस्तो डॉक्टर बुखार ठीक करने के लिए आपको Bukhar Ki Tablet में PCM या डोलो लेने की सलाह दे सकते हैं।
- वहीं अगर आपको बुखार के साथ साथ बदन दर्द भी है तो आपको डॉक्टर Bukhar Ki Dawa में फ्लेक्सोन भी दे सकते हैं।
- इसमें भी अगर बुखार ठीक ना हो तो कुछ टेस्ट करा के डॉक्टर बुखार की दवा के तौर पर एंटीबायोटिक दे सकते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion
दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको Fever Meaning in Hindi के बारे में विस्तार से बता दिया है। साथ ही आपने जान लिया है कि बुखार की टेबलेट या दवा कौन सी होती है। अब अगर आपको कभी भी बुखार हो तो आप घरेलू उपचार भी करा सकते हैं और डॉक्टर को भी दिखा सकते हैं। अगर हमारा Fever In Hindi लेख पसंद आया हो तो इसे आगे जरूर शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
-
बुखार ठीक करने के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
अगर ज्यादा देर या दिन तक बुखार बना रहे तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
-
बुखार होने की वजह क्या है?
बुखार होने की बहुत सी वजह होती हैं। लेकिन इसकी मुख्य वजह किसी तरह के वायरस का संक्रमण होता है।
-
बुखार की कौन सी दवा डॉक्टर अक्सर देते हैं?
बुखार होने पर डॉक्टर अक्सर पीसीएम या डोलो लेने की सलाह देते हैं। लेकिन इनका सेवन डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए।
-
क्या बुखार की वजह से व्यक्ति की जान भी जा सकती है?
ऐसा भी हो सकता है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि बुखार कितने समय से था और कितना था।
यह भी पढ़ें
Dizziness Meaning in Hindi
Corn Flour in Hindi
Bay Leaf in Hindi
Oats in Hindi
Barley in Hindi