प्राणायाम के प्रकार, विधि, फायदे और सावधानियां। Pranayama in Hindi
About Pranayama in Hindi. आपने अक्सर योग गुरुओं को प्राणायाम करते हुए देखा होगा। वहीं कोविड के इस समय के अंदर फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिए डॉक्टर से लेकर बड़े बड़े योग गुरु भी प्राणायाम करने की सलाह दे रहे हैं। आमतौर पर ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि प्राणायाम सिर्फ एक ही तरह का होता है। लेकिन बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। प्राणायाम के फायदे जितने ज्यादा है। उतने ही लगभग इसके प्रकार हैं। प्राणायाम का लाभ केवल आपके फेफड़ों पर ही नहीं। बल्कि पूरे शरीर पर दिखाई देता है। आप अगर जानना चाहते हैं कि आपके लिए सही प्राणायाम कौन सा है और इसके फायदे नुकसान कितने हैं। साथ ही प्राणायाम की विधि क्या है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि प्राणायाम के फायदे नुकसान और विधि क्या है। आइए जानते हैं।
क्या है प्राणायाम – What is Pranayama in Hindi
प्राणायाम दो शब्दों के जोड़ से बना है। जिसमें पहला है प्राण और दूसरा है आयम। प्राण का अर्थ होता है ऊर्जा या शक्ति। आपको बता दें कि शक्ति केवल इंसान में नहीं, बल्कि प्रकृति के हर अंश में मौजूद है। चाहे इसमें कोई जीवित चीज हो या निर्जीव। प्राणायाम के जरिए हमारे शरीर में सांस के माध्यम से ऊर्जा संचालित होती है। यह शरीर के हर हिस्से और अंग तक पहुंचती है। वहीं आयाम का अर्थ होता है विस्तार करना। यानी की यह महज छोटी सी सांस को बड़ी ऊर्जा में तब्दील कर शरीर के हर अंग तक पहुंचाती है। अब आप समझ गए होंगे कि प्राणायाम का अर्थ क्या है।
प्राणायाम के प्रकार – Types of Pranayama in Hindi
दोस्तों प्राणायाम के एक या दो नहीं। बल्कि कई प्रकार होते हैं। इनमें से हम आपको उन प्राणायाम के नाम बताएंगे जो आमतौर पर लोग किया करते हैं।
Main points
- भस्त्रिका प्राणायाम
- शीतली प्राणायाम
- उज्जायी प्राणायाम
- कपालभाति प्राणायाम
- अग्निसार प्राणायाम
- अनुलोम विलोम प्राणायाम
- बाह्य प्राणायाम
- डिग्र प्राणायाम
- नाड़ी शोधन प्राणायाम
- उदित प्राणायाम
- भ्रामरी प्राणायाम
प्राणायाम की विधि एवं नियम
- प्राणायाम करने का स्थान- अगर आप किसी भी तरह का प्राणायाम करना चाहते हैं तो ध्यान रहे कि आप इन्हें केवल एक ऐसी जगह पर करें जहां ऑक्सीजन अधिक मौजूद हो। हो सके तो किसी पार्क में करें।
- आंख बंद या खुली – अगर आप प्राणायाम कर रहे हैं तो अपनी आंखों को बंद करें। इन पर किसी तरह का जोर ना डालें।
- कितनी देर करें – प्राणायाम आप अधिक से अधिक 120 सेकंड ही करें। इससे अधिक प्राणायाम बिल्कुल ना करें।
- प्राणायाम की मुद्रा – आप प्राणायाम करने के लिए पैरो को क्रॉस करके बैठें या फिर आप पद्मासन में बैठें। ध्यान रहे इस मुद्रा में आपकी कमर बिल्कुल सीधी होनी चाहिए।
- प्राणायाम में बैठना- अगर आप प्राणायाम करें तो योगा मैट का उपयोग करें और किसी समतल जगह पर ही बैठें।
- प्राणायाम से पहले क्या खाएं – प्राणायाम अगर आप करें तो कोशिश करें कि खाली पेट सुबह के समय ही करें। अगर सुबह संभव ना हो तो आप प्राणायाम करने से 3 घंटे पहले कुछ ना खाया हो, इस बात का ध्यान रखें।
- प्राणायाम में दिमाग – अगर आपका दिमाग किसी गहरी सोच या परेशानी में फंसा है, तो आपके लिए लाभदायक नहीं होगा। इसलिए शांत मन के साथ ही यह आसन करें।
- प्राणायाम कितने दिन – आप प्राणायाम को रोजाना करें। इससे आपको अधिक लाभ होंगे।
प्राणायाम के फायदे – Benefits of Pranayama in Hindi
दोस्तों प्राणायाम के 5 -10 नहीं बल्कि कई फायदे हैं। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सा प्राणायाम कर रहे हैं। अगर आप प्राणायाम करने का चुनाव करते हैं तो आपको निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं।
तनाव में प्राणायाम के फायदे
आज के समय में बहुत से लोग अक्सर तनाव की समस्या से पीड़ित रहते ही हैं। ऐसे में तनाव कुछ हद तक तो ठीक है। लेकिन अगर यह अधिक हो जाए तो कई समस्याएं पैदा कर सकता है। ऐसे में आप तनाव से राहत पाने के लिए आप प्राणायाम कर सकते हैं।
अस्थमा में प्राणायाम
अस्थमा एक सांस से संबंधित बीमारी है। जिसमें व्यक्ति को सांस लेने के लिए इनहेलर और दवाओं का उपयोग करना पड़ता है। इस बीमारी से पूरी तरह राहत पाने के लिए प्राणायाम कर सकते हैं। आपको बता दें कि यह आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर करता है। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि प्राणायाम के फायदे अस्थमा में भी होते हैं।
हकलाने की दिक्कत करे दूर
अगर आपको अक्सर हकलाने की समस्या रहती है, या आप जन्म से ही हकलाते हैं तो आपके लिए प्राणायाम एक सही विकल्प हो सकता है। प्राणायाम के लाभ आपको हकलाने की समस्या से राहत दिला सकता है। इसके अलावा आप लगातार शीशे के सामने खड़े होकर बोलने की प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। इससे भी हकलाने की समस्या ठीक हो सकती है।
एकाग्रता बढ़ाने के लिए
ऐसे लोग जिनका मन बेहद चंचल रहता है। यानी ना तो पढ़ाई कर पाते हैं ना ही किसी दूसरे काम को सही से कर पाते हैं। ऐसे लोगों के लिए प्राणायाम करना फायदेमंद रहता है। प्राणायाम करने से आपका मन शांत होता है और आपकी एकाग्रता बढ़ती है।
चेतना का स्तर बढ़ता है
अगर आप अक्सर अपनी समस्याओं में उलझ जाते हैं या फिर किसी तरह के निर्णय लेने में लंबा समय लगा लेते हैं। ऐसे में प्राणायाम आपके लिए एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। प्राणायाम के जरिए आपके सोचने समझने की शक्ति बेहतर होती है। आप चीजों को अधिक साफ तरीके से देख पाते हैं। कुल मिलाकर यह आपकी चेतना को बढ़ाने में फायदेमंद हो सकता है।
प्राणायाम के अन्य लाभ
- अगर आप प्राणायाम नियमित रूप से करते हैं तो इससे आपकी आयु लंबी होती है और आप लंबे समय तक जीवित रहते हैं।
- डिप्रेशन की समस्या से जूझने वाले लोगों पर प्राणायाम के फायदे देखे जाते हैं।
- प्राणायाम के माध्यम से शरीर, आत्मा और मन का तालमेल आपस में बेहतर हो जाता है।
- प्राणायाम मन को स्पष्टता और आपके स्वास्थ्य को बेहतर करता है।
- प्राणायाम के जरिए मानसिक विकारों से बचा जा सकता है।
- सांस से जुड़ी बीमारियों से राहत पाने के लिए प्राणायाम किया जा सकता है।
प्राणायाम का आसान तरीका और सावधानी – Pranayama ka Tarika Aur Savdhaniya
दोस्तों अब तक आपने जाना कि प्राणायाम के कितने प्रकार होते हैं। अगर आप भी प्राणायाम करने का आसान तरीका और सावधानियों के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे पढ़ें।
प्राणायाम का तरीका
- प्राणायाम करने से पहले अपने मस्तिष्क को तैयार करें और इससे आपको क्या लाभ होंगे और आप कितना बेहतर महसूस करेंगे। यह बताएं। इससे आप आसानी से इसे कर पाएंगे।
- प्राणायाम करने के लिए आंखों कां बंद रहना जरूरी है। इसलिए आंखों को बंद रखें।
- प्राणायाम के दौरान आपको किसी समतल जगह पर पैर फोल्ड करके बैठना है।
- अब धीरे – धीरे सांस ले और धीरे – धीरे ही सांस छोड़ें। इसमें किसी तरह की जल्दबाजी बिल्कुल ना करें।
- इस तरह 20 से 30 बार सांस ले और दो मिनट से ज्यादा देर तक प्राणायाम ना करें।
प्राणायाम में सावधानियां
- अगर आपको पहले से कोई सांस लेने की बीमारी हो तो डॉक्टर से राय लेकर ही प्राणायाम करें।
- प्राणायाम करते समय अगर चक्कर आए तो ध्यान रहे कि इसे करना तुरंत बंद कर दें।
- गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर की सलाह पर ही प्राणायाम करें।
- ऐसे कई प्राणायाम हैं जिन्हें करते समय आप बेहोश हो सकते हैं। इसलिए किसी योगा ट्रेनर की निगरानी में ही प्राणायाम करें।
नोट – ध्यान रहे कि प्राणायाम किसी बीमारी का उपचार करने में सक्षम नहीं है। इसलिए कोई बीमारी है तो उसके उपचार के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। अगर कोई तकलीफ है तो डॉक्टर की सलाह पर ही प्राणायाम करें।
निष्कर्ष – Conclusion
दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको प्राणायाम से जुड़े सभी फायदे और सावधानियां बता दी हैं। अब अगर आप इन्हे आजमाना चाहें तो कर सकते हैं। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे जरूर शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या प्राणायाम एक ही तरह का होता है?
नहीं, प्राणायाम कई तरह का होता है।
क्या भोजन के बाद प्राणायाम किया जा सकता है?
नहीं प्राणायाम खाली पेट करना ही फायदेमंद रहता है।
क्या रोजाना प्राणायाम करना चाहिए?
हां अगर आप प्राणायाम से होने वाले लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आप रोजाना प्राणायाम जरूर करें।
क्या प्राणायाम करते समय लोग बेहोश भी हो सकते हैं?
हां, कुछ प्राणायाम के दौरान ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है।
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