Surrogacy क्या है। सरोगेसी के नियम और कानून। Surrogacy Meaning in Hindi
Information About Surrogacy Meaning in Hindi, आज के वक्त में सरोगेसी क्या है (Surrogacy Kya Hai) यह सवाल बहुत लोगों के जहन में चलता ही रहता है। उसमें से बहुत से लोगों ने शायद सुना होगा कि शाहरुख खान के परिवार में एक नन्हा मेहमान आया सरोगेसी से। इसके अलावा हाल ही में शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने भी सरोगेसी के जरिए एक लड़की को जन्म दिया है। लेकिन सवाल फिर वही आता है कि आखिर Surrogacy Meaning in Hindi में क्या है। आपको बता दें आज के युग में सरोगेसी एक ऐसी तकनीक या तरीका है जिसके जरिए कोई भी पुरुष या महिला माता पिता होने का सुख भोग सकता है।
बीते कुछ समय पहले ही देश में सरोगेसी को लेकर एक विधेयक यानी कानून भी प्रस्तावित किया गया है। इसलिए आज हम आपको Surrogacy के खर्च से लेकर इससे जुड़ी हुई तमाम जानकारियां देंगे। हम आपको यह भी बताएंगे कि कौन सरोगेसी के जरिए देश में माता या पिता बनने का पात्र है। अब अगर आप सरोगेसी क्या है इसका जवाब ढूंढना चाहते हैं या फिर सरोगेसी से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
क्या है सरोगेसी – What is Surrogacy Meaning in Hindi
सरोगेसी ऐसे लोगों के लिए एक उम्मीद है जो अपनी खुद की संतान चाहते हैं लेकिन संतान प्राप्ति कर पाने में या सक्षम नहीं है। या फिर खुद के गर्भ में शिशु को धारण नहीं करना चाहते। आम शब्दों में अगर Surrogacy Meaning को Hindi में जानें तो यह किराए की कोख होती है। आमतौर पर सरोगेसी कानूनी समझौते के द्वारा ही किया जाता है। इस समझौते में एक महिला अपनी मर्जी से किसी दूसरे कपल या सिंगल व्यक्ति के लिए गर्भधारण करती है। जो महिला अपनी कोख किराए पर देती है वह सरोगेट मदर होती है। इस समझौते के अनुसार शिशु के जन्म के बाद सरोगेट मदर को कोई अधिकार नहीं होता। समझौता पूरा होने के बाद बच्चा उस व्यक्ति या कपल को दे दिया जाता है जिसने इस बच्चे के लिए समझौता किया था।
Main points
सरोगेसी के प्रकार – Types of Surrogacy in Hindi
दोस्तों अब तक आपको इस सवाल का जवाब तो मिल ही गया होगा कि क्या है सरोगेसी। अब बारी है जानने की सरोगेसी के जो दो प्रकार होते हैं। वह एक दूसरे से किस तरह अलग हैं। इसके बाद अगर आप सरोगेसी कराना चाहते हैं तो आप अपने सुविधानुसार विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको सरोगेसी पर बने हुए विधेयक को भी पढ़ना होगा, जिसके बारे में हम आपको नीचे बताएंगे।
जेस्टेशनल सरोगेसी – सरोगेसी के इस प्रकार का उपयोग शादी शुदा जोड़ों द्वारा ही किया जाता है। इस तकनीक के अंदर माता और पिता दोनों के अंश होते हैं। जेस्टेशनल सरोगेसी के अंदर बच्चे की चाह रखने वाले दंपत्ति के शुक्राणुओं को टेस्ट ट्यूब के माध्यम से सरोगेट मदर की बच्चेदानी के अंदर डाल दिया जाता है।
ट्रेडिशनल सरोगेसी – सरोगेसी की इस प्रक्रिया को सिंगल पेरेंट यानी पुरुष ही ज्यादातर अपनाते हैं। इसमें पुरुष के शुक्राणुओं को लेकर सरोगेट मदर की बच्चेदानी के अंदर डाल दिया जाता है। इसमें केवल बच्चे के पिता के ही जीन्स शामिल होते हैं।
सरोगेसी करने या कराने के लिए पात्रता – Eligibility Criteria And Law of Surrogacy in Hindi
दोस्तों इससे पहले हम आपको यह बताएं कि आप किन स्थितियों के बाद सरोगेसी का विकल्प चुन सकते हैं। पहले आप यह जान लें कि आप सरोगेसी करा भी सकते हैं या नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि सरोगेसी को लेकर एक कानून पारित कर दिया गया है। ऐसे में अगर आपको सरोगेसी करानी है तो आपके इसके लिए अपनी पात्रता सिद्ध करनी होगी। आइए जानते हैं क्या है सरोगेसी से जुड़ी पात्रता की शर्तें।
बच्चे की चाह रखने वाले की पात्रता
- इसके लिए महिला और पुरुष का शादी शुदा होना बेहद जरूरी है।
- शादी के 5 साल बाद ही कोई शादी शुदा जोड़ा सरोगेसी के लिए पात्र माना जाएगा।
- अगर पहले से संतान हो तो सरोगेसी कराने के लिए कुछ अन्य कारण देने पड़ सकते हैं।
- अगर शादीशुदा जोड़े का पहला बच्चा मानसिक या शारीरिक रूप से पीड़ित हो तो वह सरोगेसी के लिए जा सकते हैं।
- विवाहित कपल के पास सरोगेसी का विकल्प चुनने के मेडिकल कारण होना अनिवार्य है।
- शादी शुदा कपल में महिला की उम्र कम से 25 से 35 साल होनी चाहिए। वहीं पति की उम्र 26 साल से 55 साल तक होनी चाहिए।
- वैवाहिक जोड़े को अपनी पात्रता सिद्ध करने के लिए कुछ मेडिकल और कानूनी दस्तावेज की आवश्यकता पड़ सकती है।
- सरोगेसी किसी ऐसे अस्पताल या क्लिनिक के जरिए ही कराई जा सकती है जो इस प्रक्रिया के लिए रजिस्टर्ड कराया गया हो।
- अकेला पुरुष ही इसके लिए पात्र मान्य होगा या नहीं इस पर अभी थोड़ा संदेह है। ऐसे में आप इसकी जानकारी किसी वकील या सरकारी साइट के जरिए पता कर सकते हैं।
सरोगेट मदर बनने की शर्त
- अगर वैवाहिक जोड़े की करीबी रिश्तेदार सरोगेट मदर बनना चाहे तो बन सकती है।
- सरोगेट मदर की उम्र 25 साल से लेकर 35 साल के बीच ही होनी चाहिए।
- ऐसी महिला जो पहले से ही शादीशुदा हों उन्हे ही सरोगेट बनने की अनुमति दी गई है।
- सरोगेट मदर का बच्चे के ऊपर किसी तरह का अधिकार नहीं होता।
- सरोगेट मदर को समझौते के मुताबिक ही पैसा दिया जाता है।
- कोई भी महिला पूरे जीवनकाल में एक ही बार सरोगेट मदर बन सकती है।
- सरोगेसी के लिए डॉक्टर से मेडिकल सर्टिफिकेट लेना जरूरी है, जो बताता हो कि आप शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से फिट हैं।
- सरोगेट मदर का पहले से ही एक बच्चा होना चाहिए।
- सरोगेट मदर सरोगेसी के लिए अपना खुद का युग्म नहीं दे सकती।
सरोगेसी से जुड़े कुछ जरूर बातें
- सरोगेसी करा रहे वैवाहिक कपल को सरोगेट मदर को कम से कम 36 महीने तक के लिए इंश्योरेंस कराना होगा।
- अगर किसी तरह सरोगेट मदर को प्रताड़ित किया जाता है तो उसके लिए दंड निर्धारित किया गया है।
- वही अगर किसी व्यक्ति ने केवल इसलिए सरोगेसी का सहारा लिया है क्योंकि उसे मानव देह का व्यापार करना है तो यह भी एक दंडनीय अपराध है।
- सरोगेसी से बने हुए किसी प्रकार के कानूनों को तोड़ा जाता है तो इसके लिए दोषी को 10 साल तक जेल और 10 लाख रुपए जुर्माना भरने की आवश्यकता पड़ सकती है।
कब चुन सकते हैं सरोगेसी का विकल्प – When You Can Go With Surrogacy Option in Hindi
आपने अब तक इससे जुड़े कानून की कुछ बातें जानी हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही आप सरोगेसी के विकल्प पर जा सकते हैं। इसके अलावा कब सरोगेसी का विकल्प आपके लिए अच्छा हो सकता है आइए जानते हैं।
सरोगेसी कब चुन सकते हैं कपल
- अगर महिला का गर्भ न ठहर रहा हो तो सरोगेसी के लिए जाया जा सकता है।
- वैवाहिक कपल अगर तीन बार से ज्यादा आईवीएफ तकनीक के जरिए भी माता पिता बनने से अछूते रह गए हों।
- महिला की बच्चेदानी में अगर टीबी की समस्या हो।
- महिला के बच्चेदानी ही ना हो।
- वहीं ऐसे दूसरे सभी उपाय अपनाने के बाद भी अगर कोई कपल संतान प्राप्त ना कर पाया हो तो वह सरोगेसी के लिए जा सकता है।
सरोगेसी का कुल खर्च – Cost of Surrogacy in Hindi Meaning
सरोगेसी आज के समय में सबसे महंगे तरीकों में से एक है। इसके अंदर पहले तो सरोगेट मदर को एक तय रकम दी जाती है जो रकम सरोगेट मदर ही बताती है। ऐसे अगर भारत में देखें तो महिलाएं आमतौर पर 5 से 7 लाख रुपए तक पूरे साल के लिए लेती हैं। इसके अलावा वैवाहिक कपल को महिला के खाने पीने और मेडिकल फैसिलिटी का सारा खर्च खुद ही उठाना पड़ता है। इस लिहाज से भारत में सरोगेसी का खर्च 15 से 25 लाख रुपए तक जा सकता है। वही विदेशों में सरोगेसी का खर्च 50 से 80 लाख रूपए तक भी होता है।
निष्कर्ष – Conclusion
दोस्तों आशा करते हैं कि आपको Surrogacy Meaning in Hindi में मिल गया होगा। इसके अलावा आपने जान लिया होगा कि सरोगेसी क्या है और इससे जुड़े कानून और शर्ते भी आपने पढ़ ली होंगी। अगर आपको अब सरोगेसी के विकल्प का चुनाव करना है तो आप कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि आपको कानून और दस्तावेजों से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त करके ही इस प्रक्रिया को करना है। अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपको कानून के तहत निर्धारित किए गए दंड भी भोगने होंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
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क्या सरोगेसी को लेकर कोई विधेयक पारित हो चुका है?
हां, सरोगेसी को लेकर विधेयक पारित हो चुका है।
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क्या सरोगेट मदर का बच्चे पर कोई अधिकार होता है?
नहीं, सरोगेट मदर का होने वाले बच्चे पर कोई अधिकार नहीं होता।
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क्या सरोगेसी के अंदर सरोगेट मदर का करीबी रिश्तेदार होना अनिवार्य है?
नहीं, ऐसा नहीं है। अब इसे नियम को बदल दिया गया है। यानी अब दूसरी महिला भी सरोगेट मदर बन सकती है।
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सरोगेसी का मीनिंग क्या होता है?
सरोगेसी का मतलब सीधे शब्दों में किराए की कोख होता है।
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