एंग्जाइटी या चिंता के 6 कारण, 18 लक्षण, 10 बचाव और 3 इलाज जानिए। Full Information on Anxiety in Hindi
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Anxiety in Hindi क्या है? चिंता के 8 कारण, 12 लक्षण, 14उपाय और इलाज।

Main points

Information About Anxiety in Hindi, क्या आपने कभी एंग्जाइटी के बारे में सुना है। Anxiety का Meaning in Hindi में चिंता होता है।  आज के समय में एंग्जाइटी की समस्या बहुत से लोगों में है। लेकिन एंग्जाइटी के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो एंग्जाइटी को साधारण समझ लेते हैं, जब कि यह बेहद खतरनाक समस्या है। इसी के चलते कई बार दिमाग उन समस्याओं को जन्म देने लगता है जो वास्तव में होती ही नहीं है।

एंग्जाइटी के कारण हर साल लोग ना केवल दूसरी बीमारियों का शिकार होने लगते हैं। बल्कि कई लोग तो आत्महत्या तक कर लेते हैं। ऐसे में आज हम आपको एंग्जाइटी से जुड़ी सभी जानकारी प्रदान करेंगे। अगर आप जानना चाहते हैं कि आपको यह समस्या है या नहीं तो आप इसके लक्षणों को पढ़ सकते हैं। वही एंग्जाइटी के कारण और इसके उपचार के बारे में भी आपको विस्तार से जानकारी देंगे। आइए जानते हैं क्या एंग्जाइटी जुड़ी तमाम बातें।

क्या है एंग्जाइटी का मतलब – What is the Meaning of Anxiety in Hindi ?क्या है एंग्जाइटी का मतलब - What is the Meaning of Anxiety in Hindi ?

एंग्जाइटी का मतलब अगर समझे तो आने वाली स्थिति को लेकर बेचैन या डरे हुए रहना होता है। एंग्जाइटी एक मानसिक रोग है जिसमें व्यक्ति को डर या भविष्य को लेकर चिंता बनी रहती है। एंग्जाइटी को विस्तार से समझने के लिए नीचे पढ़े।

आज के समय में लोगों को किसी भी चीज की चिंता होना बेहद स्वाभाविक है, जैसे स्कूल या कॉलेज का पहला दिन, किसी परीक्षा में बैठने से पहले उसके परिणाम से पहले डर लगना, या फिर इंटरव्यू से पहले। लेकिन जब यह चिंता या डर आपके आम जीवन को अधिक प्रभावित करने लगें तो यह एंग्जाइटी डिसऑर्डर में तब्दील हो जाता है। एंग्जाइटी की समस्या से जूझने वाले व्यक्ति को अक्सर नकारात्मक विचार घेरे रहते हैं। वह अक्सर आने वाली जिंदगी को लेकर डर में ही रहते हैं। इस समस्या से जूझने वाले लोगों के अचानक हाथ पैर कांपने लगते हैं, पसीना आने लगता है। एंग्जाइटी डिसऑर्डर को सही तरह के उपचार की आवश्यकता होती है। अगर समय पर एंग्जाइटी का उपचार नहीं किया जाए तो इससे इंसानो को शारीरिक समस्या भी होने लगती हैं। 

एंग्जाइटी डिसऑर्डर के प्रकार – Types of Anxiety Disorders in Hindiएंग्जाइटी डिसऑर्डर के प्रकार - Types of Anxiety Disorders in Hindi

अगर आपको ऐसा लगता है कि एंग्जाइटी का मतलब सिर्फ चिंता से है तो बता दें कि चिंता भी कई प्रकार की होती है। अब हम आपको एंग्जाइटी डिसऑर्डर के बारे में विस्तार से बताएंगे। आइए जानते हैं एंग्जाइटी डिसऑर्डर के प्रकार के बारे में।

फोबिया 

आपने इस शब्द को अक्सर फिल्मों या किसी अपने के मुंह से जरूर सुना होगा। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर कुछ अलग अलग चीजों से डर लगता है, जैसे पानी से, ऊंचाई से, आग से या फिर बिजली से। अगर किसी एक चीज या कई चीजों से फोबिया है तो वह व्यक्ति इन्हें देखते ही खुद को बचाने की कोशिश करेगा। 

सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर

इस तरह की समस्या भी आज के समय में बेहद आम हो गई है। लोग अपने रंग, शरीर की बनावट, गंजेपन या किसी अन्य तरह की समस्या से पीड़ित होता है और उसे लोगों के द्वारा मजाक उड़ाए जाने का डर होता है। इसे ही सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति अक्सर अकेले में भी खुद को लेकर शर्मिंदा महसूस करता रहता है।

पैनिक डिसऑर्डर 

यह आज कल के जीवन में सबसे ज्यादा देखे जाने वाली समस्या है। इस समस्या पीड़ित व्यक्ति को अचानक पैनिक अटैक आता है जिसका कारण चिंता या किसी प्रकार का डर हो सकता है। जिस व्यक्ति को अचानक पैनिक अटैक आता है उनमे अलग अलग लक्षण देखने को मिलते हैं, जैसे जी घबराना, छाती में तेज दर्द उठना, सांस लेने में दिक्कत आना और दिल की धड़कन का अचानक बढ़ जाना। पैनिक अटैक किसी भी एंग्जाइटी के मरीज को आ सकते हैं।

जनरल यानी सामान्य एंग्जाइटी डिसऑर्डर 

यह सबसे साधारण स्थिति से पनप कर गंभीर रूप लेती है। जनरल एंग्जाइटी डिसऑर्डर एक प्रकार की सामान्य चिंताओं के कारण होती है। जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक किसी भी चीज को लेकर निरंतर सोच और डर में रहता है। इसमें व्यक्ति कई समस्याओं को लेकर 6 महीने तक अधिक चिंता में रहता है।

पोस्ट ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD)

यह सामान्य से थोड़ी अलग स्थिति जैसा अनुभव करता है। इस स्थिति के दौरान पीड़ित व्यक्ति को कुछ दर्दनाक चीजें याद आती है। इसके लक्षण तुरंत भी देखे जा सकते हैं और कुछ समय बाद भी। इसमें युद्ध, शारीरिक हमला होना या प्राकृतिक आपदाएं स्मरण होती हैं।

ऑब्सेसिव (Obsessive) कंप्लसिव डिसऑर्डर (OCD)

इस तरह की समस्या से जूझने वाले व्यक्ति को एक ही कार्य करने की अधिक इच्छा या आदत हो जाती है।  जैसे की बार बार बिना वजह हाथ धोते रहना, साफ सफाई करते रहना या किसी चीज की गिनती करते रहना। 

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सामान्य चिंता की वजह

  1. आमतौर पर आज के समय में लोग एक अच्छे लाइफ स्टाइल को मेंटेन करने या दिखावे के चलते अपनी क्षमता से अधिक पैसा खर्च करने लगते हैं। जिसकी वजह से उन्हे यह समस्या हो सकती है। 
  2. इसके अलावा घर में चल रहे निरंतर लड़ाई झगड़े के कारण भी एंग्जाइटी की समस्या होने लगती है।
  3. किसी से अधिक लगाव होना और उसकी मृत्यु हो जाने पर भी व्यक्ति चिंता में डूबा रहता है।
  4. नौकरी या परीक्षा में सही तरह से अंक ना आने या समाज में बेइज्जती होने का डर भी सामान्य चिंता की वजह है।
  5. बढ़ा हुआ वजन या शारीरिक और पीछे रह जाने के डर की वजह से भी एंग्जाइटी होने लगती है। 

एंग्जाइटी के लक्षण क्या हैं – Symptoms of Anxiety in Hindi?
एंग्जाइटी के लक्षण क्या हैं - What is The Symptoms of Anxiety in Hindi?

दोस्तों अब तक आपने एंग्जाइटी को लेकर बहुत सी बातें और इसके प्रकार को समझा है। लेकिन यह कैसे पता लगाएं कि आप या आपका कोई अपना इस समस्या से जूझ रहा है। इसका साधारण सा तरीका है एंग्जाइटी के लक्षणों को जानकर। अगर किसी को एंग्जाइटी की समस्या है तो उसमें कुछ इस प्रकार के लक्षण दिखाई देंगे जो हम आपको नीचे विस्तार से बता रहे हैं। 

 क्या लक्षण हैं चिंता के ?

  1. अगर किसी व्यक्ति का अक्सर जी मिचलाता है तो यह एंग्जाइटी के कारण होता है। 
  2. भविष्य या किसी चीज को लेकर डर या बेचैनी होना भी एंग्जाइटी का ही लक्षण है।
  3. रात को नींद ना आना या बहुत अधिक आना भी चिंता का ही लक्षण है।
  4. ऐसे लोग जिन्हे शांत रहने या स्थिर रहने में दिक्कत आती है वह भी एंग्जाइटी से ही पीड़ित होते हैं।
  5. बिना सांस की बीमारी के भी सांस लेने में दिक्कत होना चिंता का एक लक्षण हो सकता है।
  6. मांसपेशियों में ऐंठन आना भी एक लक्षण माना गया है।
  7. अगर किसी व्यक्ति के हाथ पैर सामान्य से अधिक ठंडे पड़ते हैं, या पसीना आता है तो यह भी लक्षणों की सूची में शामिल है।
  8. शरीर का सुन्न पड़ना या झनझनाहट पैदा होना।
  9. हर समय सुस्त रहना या कमजोरी महसूस होना।
  10. किसी एक चीज को लेकर इतना चिंतित हो जाना कि किसी दूसरे विषय पर सोच ही ना पाना।
  11. पाचन से जुड़ी समस्याएं पैदा होना।
  12. शरीर पर अधिक मात्रा में पसीना आना।
  13. चक्कर आना।
  14. मांसपेशियों में तनाव का बढ़ जाना भी एंग्जाइटी का लक्षण है।
  15. छाती में खिंचाव महसूस होना।
  16. किसी चीज या व्यक्ति के लिए अधिक लगाव होना।
  17. कुछ ऐसी चीजों के लिए आग्रह करना जो जरूरी नहीं हैं। 
  18. जल्दी जल्दी सांस लेना या हाइपरवेंटिलेशन।
  19. शुष्क होना।

एंग्जाइटी होने के क्या कारण हैं – Causes of Anxiety in Hindiएंग्जाइटी होने के क्या कारण हैं - Causes of Anxiety in Hindi

हमने आपको पहले भी बताया कि एंग्जाइटी या चिंता होना बेहद सामान्य स्थिति है। लेकिन जब एक व्यक्ति किसी भी स्थिति या समस्या को लेकर लंबे समय तक चिंतित रहने लगता है तो समस्या गंभीर होने लगती है। विशेषज्ञ भी एंग्जाइटी को लेकर कुछ ठोस परिणाम हासिल नहीं कर पाएं है। दरअसल चिंता किसी भी चीज को लेकर होने लगती है जैसे कि अगर आप नई जगह जा रहे हैं या काम कर रहे हैं तो वहां के माहौल को लेकर। लेकिन जब निरंतर यह चिंता बनी रहे तो इसका उपचार कराना जरूरी  हो जाता है। यह आदमी के माहौल या व्यवहार के कारण भी बढ़ जाती है। आइए जानते हैं एंग्जाइटी के कुछ मुख्य कारण

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हादसा

ऐसे लोग या बच्चे जिन्होंने अपने जीवन में किसी प्रकार के बड़े हादसे या दर्द का सामना किया है उन्हे एंग्जाइटी की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके मस्तिष्क में अक्सर वह चित्र बनता रहता है जो उन्होंने अतीत में देख या झेला था।

नशीली चीजों का सेवन

नशीली चीजों का असर हमारे मस्तिष्क ही नहीं बल्कि पूरे शरीर पर होने लगता है। जो लोग नशीली चीजों का सेवन  निरंतर करते रहते हैं उन्हें एंग्जाइटी होने लगती है।

व्यक्तित्व से संबंधित कारक

आपने अक्सर बहुत से लोगों को देखा होगा जो खुद को हमेशा परफेक्ट बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं। जब यह कुछ बेहतर नहीं कर पाते तो इन्हे एंग्जाइटी की समस्या होने लगती है। इसलिए केवल अपने बेस्ट देने पर ही ध्यान दें।

बीमारी के कारण

हमारे शरीर में बहुत सी ऐसी बीमारियां हो जाती हैं जिनका असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है जो बाद में जाकर एंग्जाइटी की समस्या का रूप ले लेती है, जैसे थायराइड, मधुमेह, हृदय के रोग और दमा आदि। 

तनाव के कारण

आज के समय में तनाव की समस्या सबसे आम हो गई है। ऐसे में जो व्यक्ति लंबे समय से तनाव की समस्या से जूझ रहा हो उसे भी एंग्जाइटी डिसऑर्डर हो सकता है।

फैमिली हिस्ट्री

अगर आपके परिवार में पहले से ही किसी व्यक्ति को दिमागी समस्या रही हों तो मुमकिन है कि यह समस्या आपको भी हो सकती है। 

एंग्जाइटी से बचाव के तरीके – Prevention Tips for Anxiety in Hindiएंग्जाइटी से बचाव के तरीके - Prevention Tips for Anxiety in Hindi

दोस्तों किसी भी समस्या के इलाज से बेहतर होता है उससे बचाव। अगर आप किसी बीमारी से बचे रह सकते हैं तो बचे रहने की कोशिश करें। इसलिए पहले हम आपको एंग्जाइटी से बचे रहने के कुछ तरीके या उपाय बता रहे हैं, ताकि आप इस समस्या में फंसे ही ना।

हेल्दी डाइट

आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि हेल्दी डाइट लेना शुरु करो। ऐसा इसलिए क्योंकि आप जो भी खाते हैं उससे हमारे शरीर में अलग अलग तरह की क्रियाएं होने लगती है। ऐसे में अगर आप कुछ गलत खाते हैं तो शरीर को उससे निपटने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन जब आप कुछ हेल्दी खाते हैं तो इससे आपके शरीर में सही पोषक तत्व पहुंचते हैं जो आपके शरीर को हल्का बनाए रखते हैं। इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और अनाज का सेवन करें। मीठा तले हुए से दूरी बनाकर रखें।

तनाव कम करने के तरीके

तनाव की समस्या आज के समय में आम है, लेकिन अगर आप अपने लिए कुछ समय निकालें जिसमें आप कुछ प्रोडक्टिव करें या जिससे आपको अच्छा महसूस हो। इससे आप तनाव पर काबू पा सकते हैं। इसके लिए आप समय समय पर ब्रेक लें और घूमने जाएं। इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज करें। इससे आपके शरीर में डोपामाइन रिलीज होगा जो आपको खुश रखेगा और आप तनाव से बचे रहेंगे।

इन चीजों को त्यागें

बहुत से लोगों को लगता है कि केवल शराब या तंबाकू ही हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर आप अधिक मात्रा में कैफीन युक्त चीजों का सेवन करते हैं तो इससे भी आपके शरीर में समस्या पैदा होने लगती है। इसलिए केवल शराब या तंबाकू ही नहीं बल्कि कैफीन युक्त चीजों का भी सेवन कम करें या पूरी तरह बंद कर दे।

खुद को नोटिस करें

आमतौर पर लोग पूरे दिन में कोई प्रोडक्टिव काम ना करके केवल व्यर्थ में समय खराब करते रहते हैं। ऐसे में आपने दिनभर में क्या करना है और कैसे करना है इस पर ध्यान दें। अगर आपको किसी चीज को लेकर विचार करना ही है तो हर रोज एक या आधे घंटे का समय निकालें और विचार करके आगे बढ़ें। इससे आप एंग्जाइटी की समस्या से बचे रहेंगे।

दिनचर्या सुधारे

अगर आप अपनी दिनचर्या को सुधारते हैं तो यह समस्या अपने आप खत्म होने लगेगी। इसके लिए आप सुबह समय से उठें बेहतर नींद लें। एवं एक्सरसाइज करें। इससे आप एंग्जाइटी से बचे रहेंगे।

योग या मेडिटेशन

योग के फायदे आज दुनियाभर में पहचाने जा रहे हैं। अगर हो सके तो रोजाना कुछ देर के लिए मेडिटेशन करें। इसके अलावा अगर आप किसी प्रकार के योगासन करने में सक्षम हैं तो वह भी करें।

कॉमेडी फिल्में देखें

आपको शायद पता ना हो कि एक छोटा बच्चा दिन में कम से कम 1500 बार हंसता है, जबकि एक युवा 15 बार। हम जब खुश होते हैं तो नहीं हंसते। हम जब हंसते हैं तो खुश रहते हैं। इसलिए हंसते रहें इसके लिए फिल्में देखें या स्टैंड अप कॉमेडी वीडियो देखें।

चिंता या एंग्जाइटी का उपचार – Treatment of Anxiety in Hindiचिंता या एंग्जाइटी का उपचार - Treatment of Anxiety in Hindi

अगर आप इससे बचाव के सभी तरीके अपना चुके हैं और आपकी समस्या कम नहीं हो रही तो आपको इसके लिए डॉक्टर से इलाज कराना होगा। इस दौरान डॉक्टर पहले आपकी एंग्जाइटी के कारण को समझने की कोशिश करेंगे। वहीं अगर आपकी एंग्जाइटी डिसऑर्डर का कोई कारण नहीं मिलता तो आपको मनोवैज्ञानिक को दिखाने की सलाह देंगे। आइए जानते हैं किस तरह होता है एंग्जाइटी का इलाज

संज्ञात्मक व्यवहार थेरेपी

इस चिकित्सा को मेडिकल फील्ड में सीबीटी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें विशेषज्ञ मरीज से बातचीत करता है और उसके उन विचारों और व्यवहारों को समझता है। जिसकी वजह से उसे एंग्जाइटी समस्या हुई है।

दवा के जरिए एंग्जाइटी का इलाज

अगर आप पर बचाव के बताए गए तरीके या उपाय काम नहीं करते तो डॉक्टर यकीनन आपको कुछ दवाएं देंगे। इन दवाओं के जरिए आसानी से ठीक हो जाएंगे।

फिजीओथेरेपी

ऐसा तब किया जाता है जब आपकी एंग्जाइटी के पीछे का कोई ठोस कारण या वजह नहीं मिलती। इस चिकित्सा के दौरान मनोवैज्ञानिक मरीज की समस्या को समझ कर उससे बातचीत करता है और उसकी एंग्जाइटी की समस्या को समाप्त करने में मदद करता है।

एंग्जाइटी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें – Important Point of Anxiety in Hindiएंग्जाइटी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें - Important Point of Anxiety in Hindi

दोस्तों अब तक आपने एंग्जाइटी से जुड़ी बहुत सी बातें जानी हैं। अब हम आपको एंग्जाइटी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, परहेज और कॉम्प्लिकेशन के बारे में विस्तार से बताएंगे। यह बातें आपके लिए जानना उतना ही जरूरी है जितना एंग्जाइटी के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव जानना जरूरी था।

एंग्जाइटी में परहेज

  1. अगर आपको एंग्जाइटी की बीमारी से पीड़ित हैं तो आप कॉफी के सेवन को पूरी तरह त्याग दें। क्योंकि इसके सेवन से आपके शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने लगता है। जिसकी वजह से आपको तनाव या चिंता होने लगती है। इसलिए एंग्जाइटी के मरीज कॉफी से बचे रहें।
  1. चीनी को सफेद जहर के नाम से भी जाना जाता है। डॉक्टर अक्सर चीनी का सेवन पूरी तरह त्यागने की बात पर जोर देते दिखाई देते हैं। एंग्जाइटी से पीड़ित व्यक्ति को या तो मीठा या फिर अधिक चटपटा खाने की इच्छा होती है। लेकिन ज्यादातर मामलों में लोग मीठा खाना ही पसंद करते हैं। इसलिए एंग्जाइटी होने पर मीठे को अपनी प्लेट से बाहर कर दे।
  1. एंग्जाइटी से पीड़ित व्यक्ति अपने विचारों और दिमाग को शांत करने के लिए अक्सर कोई रास्ता खोजता रहता है। ऐसे में उसे शराब सबसे बेहतर विकल्प दिखाई देता है। लेकिन इस स्थिति में शराब पीने से आपकी स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इसलिए एंग्जाइटी में शराब का सेवन ना करें।

चिंता या एंग्जाइटी में क्या खाएं?

अगर आपको एंग्जाइटी की समस्या हो गई है तो आपको अपनी डाइट में कुछ खास पदार्थों को शामिल करना होगा जिनमें विटामिन बी, प्रोबायोटिक, ओमेगा 3, एंटीऑक्सीडेंट और मैग्नीशियम मौजूद हो। इसके अलावा आप दिनभर में खूब सारा पानी पिएं।

चिंता के कारण होने वाले कॉम्प्लिकेशन

  • इस समस्या में आपका नशीली चीजों का सेवन करने का मन करता है। 
  • नींद ना आने की समस्या हो सकती है.
  • पाचन या आंत्र की समस्याएं हो सकती हैं।
  • आत्महत्या के विचार आपको परेशान कर सकते हैं। 
  • आपका अक्सर अकेले रहने का मन करने लगता है। 
  • इसमें आपको लंबे समय तक सिर दर्द की समस्या हो सकती है।

एंग्जाइटी से जुड़े तथ्य

आपको जानकर हैरानी होगी की हमारे देश के महानगरों में रहने वाले 18 प्रतिशत लोग एंग्जाइटी का शिकार हैं जबकि 15 प्रतिशत से अधिक डिप्रेशन से परेशान है। इन दोनों समस्या की मुख्य वजह है नींद का पूरा ना होना। आज भारत में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग हैं जिनकी नींद पूरी नहीं होती। वही विशेषज्ञ बताते हैं कि शरीर में अधिकतर बीमारियां केवल नींद पूरी ना होने की वजह से होती है। वही महिलाओं में एंग्जाइटी की समस्या सबसे अधिक देखी जाती है। चौका देने वाली बात यह है कि भारत में ना के बराबर ही लोग इसका उपचार करा पाते हैं। 

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों हमने आपको Anxiety in Hindi से जुड़े लक्षण, कारण, बचाव, इलाज, परहेज, तथ्य और वजह बता दी है। अब अगर आप एंग्जाइटी से राहत पाना चाहते हैं तो पहले बचाव के तरीकों को अपनाएं। अगर आपको यह तरीके कारगर ना लगें तो डॉक्टर के पास जाएं। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. एंग्जाइटी का क्या अर्थ होता है?

    एंग्जाइटी का अर्थ चिंता होता है।

  2. क्या चिंता की वजह से आत्महत्या के विचार आते हैं?

    हां, चिंता की वजह से इस तरह के विचार आ सकते हैं। ऐसे में आप डॉक्टर के पास तुरंत जाएं।

  3. क्या चिंता में शराब पीने या मीठा खाने का मन करता है?

    हां, इस स्थिति में फंसे व्यक्ति का अक्सर मीठा खाने या शराब पीने का मन करता है।

  4. क्या एंग्जाइटी का उपचार संभव है?

    हां, इस समस्या का इलाज कई तरह से किया जाता है। इसके लिए आप डॉक्टर से संपर्क करें।

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