झाइयां (पिगमेंटेशन) के 15 घरेलू उपाय, 5 इलाज और बचाव। Information of Pigmentation in Hindi
Lifestylehome remedies

झाइयां (पिगमेंटेशन) के 15 घरेलू उपाय, 5 इलाज और बचाव। Information of Pigmentation in Hindi

Main points

Information About Pigmentation Meaning in Hindi, क्या आपने पिगमेंटेशन शब्द के बारे में पहले कभी सुना है। Pigmentation को Hindi में झाइयां भी कहते हैं। हर इंसान चाहता है कि उसकी स्किन या चेहरा पूरी तरह साफ सुथरा हो, उस पर किसी तरह के दाग धब्बे ना हो। लेकिन कई बार स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के कारण स्किन पर दाग धब्बे या स्किन पर झाइयां पड़ने लगती हैं। इसके अलावा स्किन के कई हिस्सों का रंग अधिक काला होने लगता है। इन स्थितियों को ही पिगमेंटेशन कहा जाता है। यह आपके गाल माथे, और आंखों के नीचे भी हो सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि पिगमेंटेशन का कोई इलाज या उपाय नहीं है। आप चाहें तो पिगमेंटेशन से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपाय अपना सकते हैं। अगर आपको Pigmentation Meaning in Hindi, में जानना है, या फिर आपको पिगमेंटेशन से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख पर अंत तक बने रहें। 

क्या है पिगमेंटेशन – What is Pigmentation Meaning in Hindiक्या है पिगमेंटेशन - What is Pigmentation Meaning in Hindi

हमारी स्किन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्किन में मेलेनिन होता है। लेकिन जब मेलानिन का स्तर शरीर में बढ़ने लगता है तो इसके कारण स्किन पर पिगमेंटेशन या झाइयां और काले धब्बे पड़ने लगते हैं। सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों का स्किन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मेलनिन इन्ही किरणों से स्किन ऊपरी स्किन की रक्षा करता है। आपको बता दें कि मेलेनिन नामक तत्व मेलानोसाइट्स से बनता है। पुरुषों में पिगमेंटेशन या झाइयों की समस्या बेहद कम देखी जाती है। जबकि ज्यादातर महिलाओं को 25 से 50 की उम्र में यह समस्या हो ही जाती है। पिगमेंटेशन होने के बहुत से कारण है जैसे गर्भनिरोधक दवाईयों का सेवन करना और हार्मोन असंतुलित होना आदि।

रातों रात गोरा हाने के 40 उपाय जानिए

पिगमेंटेशन के प्रकार – Types of Pigmentation in Hindiपिगमेंटेशन के प्रकार - Types of Pigmentation in Hindi

आज भी बहुत से लोगों को लगता है कि पिगमेंटेशन केवल एक प्रकार की हो होती है। जिसकी वजह से वह हर तर के दाग धब्बों और झाइयों से छुटकारा पाने के लिए एक ही तरह का उपाय अपनाते दिखाई देते हैं। जबकि हर तरह के पिगमेंटेशन ठीक करने के उपाय या उपचार अलग अलग होते हैं। अब आप इसके उपाय जानने के लिए उत्सुक होंगे। लेकिन इससे पहले हम आपको पिगमेंटेशन कितने प्रकार की होते हैं यह जान लिजिए।

मेलास्मा है पिगमेंटेशन

मेलास्मा पिगमेंटेशन का एक ऐसा प्रकार है जो गालों पर गोल काले रंग के दाग धब्बे के रूप में दिखाई देता है। यह हार्मोन असंतुलित होने की वजह से, हार्मोनल थेरेपी या थायरॉयड के सही से कार्य ना करने की वजह से भी होता है। 

एपिडर्मल 

आपने अक्सर लोगों की स्किन पर गहरे रंग की झाइयों को देखा होगा। यह आमतौर पर सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों के कारण होती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए लोगों को सालों तक का भी इंतजार करना पड़ता है। 

पोस्ट इंफ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन 

शरीर पर लगी किसी तरह की चोट, रगड़ या जलने से भी उस जगह पर काले रंग के निशान रह जाते हैं। इसे पोस्ट इंफ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन कहा जाता है। 

लेंटईगिनेस

लेंटईगिनेस के दाग का कोई खास पैटर्न नहीं होता है। यह आमतौर पर गहरे या भूरें रंग के होते हैं। आपने इस तरह के दाग धब्बे अक्सर अपने घर में बड़े बुजुर्गों के शरीर पर देखे होंगे। यह दाग सूरज की किरणों के कारण शरीर पर पैदा होने लगते हैं।

स्किन चमकदार बनाने के बेजोड़ नुस्खे जानिए

डर्मिस 

यह स्किन के भीतर होती हैं। डर्मिस की झाइयां नीले और भूरे रंग की होती है। इनका सही समय पर उपचार ना होने पर स्थायी भी हो सकती हैं। 

पिंपल के निशान

यूं तो चेहरे पर होने वाले पिंपल और उसके निशान ठीक हो जाते हैं। लेकिन इनमे से कुछ पिंपल ऐसे भी होते हैं जिसमें किसी प्रकार के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इनमें दर्द भी रहता है और सूखने के बाद भी इसके दाग स्किन पर बने रहते हैं। 

पिगमेंटेशन के कारण – Causes of Pigmentation in Hindi
पिगमेंटेशन के कारण - Causes of Pigmentation in Hindi

स्किन पर होने वाले पिगमेंटेशन या झाइयों और दाग धब्बे होने के बहुत  से कारण है। इसमें कुछ हद तक खानपान, खराब जीवनशैली, आयु, तनाव आदि जिम्मेदार हैं। इसके अलावा भी पिगमेंटेशन के बहुत से कारण हैं जिसके बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बताएंगे। 

प्रदूषण के वजह से होती है पिगमेंटेशन की समस्या

पिगमेंटेशन होने की समस्या अक्सर उन लोगों में अधिक देखी जाती है जो बड़े बड़े शहरों में रहते हैं और यहां प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है। अगर आपके फेस पर लाल भूरे रंग के धब्बे होते हैं तो इसका कारण प्रदूषण हो सकता है।  यह दाग स्किन पर होने लगते हैं क्योंकि प्रदूषण से बचाने के लिए शरीर अधिक मात्रा में मेलानिन का उत्पाद बढ़ा देता है। इसी के कारण यह दाग धब्बे होने लगते हैं। 

अल्ट्रावायलेट किरणें

आपने अक्सर सुना होगा की सूरज की रोशनी आपकी स्किन के लिए फायदेमंद होती है। लेकिन इससे निकलने वाली अल्ट्रावायलेट रेज आपके लिए कतई भी फायदेमंद नहीं होती। यह किरणे शरीर मे मेलानिन के उत्पादन को प्रभावित करती हैं। आपको बता दें कि मेलानिन शरीर से निकलने वाली एक तरह की सनस्क्रीन होती है। जो सूरज की खतरनाक किरणों से स्किन की रक्षा करती हैं। लेकिन जब व्यक्ति सूरज की किरणों के सामने अधिक समय तक रहने लगता है तो इससे मेलानिन का उत्पादन कम हो जाता है। इसके कारण स्किन पर पिगमेंटेशन या झाइयों की समस्या पैदा होने लगती है।

परफ्यूम भी है कारण

हम अक्सर गर्मी या सर्दी के समय धूप में निकलते वक्त परफ्यूम या इत्र को लगाते हैं। ऐसे में बहुत से परफ्यूम और इत्र सूरज की किरणों के सामने नकारात्मक प्रभाव दिखाते हैं। जिसकी वजह से स्किन पर काले धब्बे या पिगमेंटेशन की समस्या होने लगती है। इससे बचे रहने के लिए आप जब भी धूप में निकले तों आप केवल अपने कपड़ो पर ही इन परफ्यूम का इस्तेमाल करें ना की गर्दन या बगल में।

उम्र भी है एक कारण

उम्र के कारण भी पिगमेंटेशन की समस्या हो सकती है। आपको बता दें कि 40 साल के बाद अगर आप अधिक समय तक सूरज की किरणों के सामने रहते हैं तो उससे स्किन पर लेंटिगो सोलारिस नामक धब्बे पड़ने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उम्र के साथ आपकी स्किन के पुनर्जीवित होने की क्षमता खोने लगती है। इसके कारण होने वाले दाग धब्बे हल्के भूरे रंग से काले होने लगते हैं। इन्हे लीवर स्पॉट भी कहा जाता है। ज्ञात हो की उम्र झाइयां बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है, ऐसे में धूप में सूरज के सामने तभी जाएं जब अधिक जरूरी हो।

दवाईयों के सेवन से पिगमेंटेशन

आज के समय में लोग बहुत सी बीमारियों का शिकार होने लगते हैं। जिसकी वजह से उन्हें दवाईयों का सेवन करना पड़ता है। इन दवाइयों के सेवन करने की वजह से शरीर पर छोटे छोटे काले रंग के धब्बे या झाइयां होने लगती हैं। मुख्य रूप से कीमोथेरेपी, एंटीबायोटिक दवाओं, मलेरिया की दवा, और गर्भनिरोधक दवाइयों के सेवन से यह समस्या होने लगती हैं। 

हार्मोन असंतुलित होना 

शरीर में हार्मोन असंतुलित होने की वजह से भी पिगमेंटेशन की समस्या पैदा होने लगती है। कई बार शरीर में हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं। जैसे कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन। यह दोनों ही हार्मोन सूर्य के सामने आते ही अधिक मात्रा में मेलानिन का उत्पादन बढ़ा देते हैं। जिसकी वजह से स्किन पर काले रंग के स्पॉट होने लगते हैं। यह समस्या उन महिलाओं को भी होती हैं जो रजोनवृत्ति की स्थिति से गुजर रही हों। इसके अलावा गर्भनिरोधक दवाईयां और थायरॉयड हार्मोन सही से कार्य नहीं करता तो भी यह समस्या पैदा होने लगती है। 

पोस्ट इंफ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन 

शरीर पर लगी किसी प्रकार की चोट जैसे जलना, सूजन, एक्सीडेंट में लगी चोट या कुछ लगने की वजह से भी इन चोटों के निशान स्किन पर रह जाते हैं। इसके अलावा वैक्सिंग कराने के बाद भी निशान रह जाते हैं। 

पिगमेंटेशन के कुछ अन्य कारण – Few Other Reasons Of Pigmentation in Hindiपिगमेंटेशन के कुछ अन्य कारण - Few Other Reasons Of Pigmentation in Hindi

ऊपर पिगमेंटेशन के हमने आपको बहुत से कारण बताएं हैं, जिसकी वजह से आपकी स्किन पर झाइयां या काले धब्बे पड़ने लगते हैं। अब हम आपको कुछ अन्य कारण भी बता रहे हैं  जो कुछ इस प्रकार हैं।

पिगमेंटेशन के कुछ दूसरे कारण

  1. केमिकल युक्त प्रोडक्ट का स्किन पर अधिक उपयोग करने की वजह से भी Pigmentation  की समस्या हो सकती है।
  2. महिलाओं को यह समस्या सबसे ज्यादा हार्मोन असंतुलित होने की वजह से ही होती है।
  3. आजकल के समय में जो लोग अधिक तनाव में जीवन व्यतीत करते हैं उन्हें भी पिगमेंटेशन का सामना करना पड़ सकता है।
  4. खाने पीने में लापरवाही या किसी तरह के पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  5. कई बार मुहांसों की वजह से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। 
  6. अधिक समय तक धूप में रहने की वजह से भी यह समस्या पैदा होने लगती है।

पिगमेंटेशन या झाइयां दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Pigmentation in Hindiपिगमेंटेशन या झाइयां दूर करने के घरेलू उपाय - Home Remedies for Pigmentation in Hindi

आज के समय में बहुत से लोग हैं जो पिगमेंटेशन या झाइयों की समस्या से परेशान हैं। लेकिन वह इससे बचने या इसे ठीक करने के उपाय नहीं जानते। यूं तो किसी तरह की समस्या होने पर डॉक्टरों की राय लेना जरूरी होता है। लेकिन आयुर्वेद के खजाने में भी ऐसे बहुत से उपाय हैं जो झाइयों समेत कई तरह की गंभीर समस्याओं का अंत करने में सक्षम हैं। आइए जानते हैं पिगमेंटेशन या झाइयां दूर करने के उपाय।

प्याज है पिगमेंटेशन ठीक करने का घरेलू उपाय

प्याज के औषधीय गुणों के बारे में आयुर्वेद के अंदर बहुत कुछ लिखा गया है। पिगमेंटेशन या झाइयां ठीक करने में भी प्याज का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आपको केवल प्याज के रस को प्रभावित जगह पर लगाना है। इसे लगाकर 10 मिनट के लिए छोड़ दे और फिर ठंडे पानी से मुंह को धो लें। इस उपाय को अपनाने के कुछ ही समय में आपको असर दिखना शुरू हो जाएगा।

ग्रीन टी के जरिए पिगमेंटेशन का उपचार

ग्रीन टी के अंदर कई एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं। यह आपकी स्किन पर बढ़ती उम्र का असर कम करते हैं। इसके अलावा ग्रीन टी के सेवन से शरीर में कॉलेज का उत्पादन भी बढ़ने लगता है। इससे त्वचा में कसावट आती है और झुर्रियों आदि को कम करने के लिए बहुत जरूरी होता है। 

अरंडी के तेल का उपयोग

अरंडी तेल का उपयोग बहुत सी समस्याओं से निपटने के लिए किया जाता है। इसके अंदर बहुत से ऐसे गुण होते हैं जो आपकी स्किन को लाभ पहुंचाने का कार्य करते हैं। इसके लिए आप अपनी प्रभावित स्किन पर इसे अच्छी तरह लगाएं और फिर कुछ देर बाद मुंह धो ले। इससे पिगमेंटेशन की समस्या कम होने लगेगी।

जैतून के तेल से झाइयों का इलाज

जैतून या ऑलिव ऑयल का नाम आपने बेहद सुना होगा। इस तेल का उपयोग सेहत के लिए हमेशा से गुणकारी माना गया है। वही इसके फायदे पिगमेंटेशन को दूर करने में भी देखे गए हैं। इसके लिए आपके केवल इसकी तेल की कुछ बूंदे प्रभावित जगह पर लगानी है और फिर सूखने के लिए छोड़ देना है। अब पानी से मुंह धोना है। इसके नियमित उपयोग से झाइयों का इलाज संभव है।

नींबू का उपयोग झाइयों में

नींबू का लाभ इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर कई तरह की बीमारियों में काम आता है। वही नींबू के रस के साथ बादाम तेल और शहद को मिलाकर अगर झाइयों पर मसाज की जाए तो इससे यह समस्या समाप्त होने लगती है। 

गाजर से झाइयों का उपचार

गाजर खाने के लाभ सेहत पर हमेशा ही देखे जाते हैं। लेकिन पिगमेंटेशन में इसका उपयोग और भी अधिक कारगर माना गया है। इसके लिए आपको केवल गाजर को कसना है और इसमें मुल्तानी मिट्टी और नींबू का रस मिलाकर फेस पैक की तरह प्रभावित जगह पर लगा कर छोड़ देना है। इसके 30 मिनट बाद फेस को ठंडे पानी से धोना है। 

तुलसी से झाइयों का इलाज

तुलसी के पौधे का उपयोग बहुत सी समस्याओं से निवारण के लिए किया जाता है। इसी तरह इसके पत्तों का उपयोग झाइयों का इलाज करने के लिए भी किया जा सकता है। इसके लिए आपको केवल पत्तों को पीसकर इसमें नींबू का रस मिलाना है। अब इसे प्रभावित जगह पर लगाते हुए मसाज करनी है। इससे आपकी स्किन पहले जैसी होने लगेगी। 

आलू से झाइयों का उपचार

आलू के अंदर बहुत से ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो आपको स्किन से संबंधित समस्याओं से राहत दिलाते हैं। इसके लिए आपको केवल आलू का रस निकालना है और इसे अपने चेहरे के उस जगह लगाना हैं जहां पिगमेंटेशन की समस्या है। लगाने के 20 मिनट बा चेहरे को ठंडे पानी से धोना है।

एलोवेरा से पिगमेंटेशन से राहत

एलोवेरा के जूस से लेकर उसके स्किन और बालों पर भी बहुत फायदे देखे गए हैं। पिगमेंटेशन की समस्या से निपटने के लिए आपको केवल एलोवेरा के रस को लगाना होगा। इसे लगाने के 10 मिनट बात मुहं को धोना है। इसका नियमित रूप से उपयोग पिगमेंटेशन की समस्या को समाप्त कर देगा।

हल्दी से पिगमेंटेशन का उपचार

हल्दी को बहुत ही गुणकारी जड़ी बूटियों में गिना जाता है। इसका उपयोग ना केवल व्यंजनों में किया जाता है। बल्कि इसके जरिए चोट को भी ठीक कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आप झाइयों की समस्या से पीड़ित हैं तो आप इसका भी इलाज हल्दी से कर सकते हैं। इसके लिए आप हल्दी पाउडर, नींबू का रस मिलाकर लगाएं। 

ओट्स से करें झाइयों का इलाज

ओट्स आपने खाए तो होंगे लेकिन आपको यह नहीं पता होगा कि इसके जरिए पिगमेंटेशन से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए आपको केवल दो चम्मच ओट्स, दही और टमाटर का रस लेना है। अब इन्हे मिला कर पेस्ट तैयार करें और अपनी प्रभावित स्किन पर लगाएं। सूखने के बाद पानी से मुंह को धो ले। इस उपाय को नियमित रूप से अपनाए। जल्द ही आपको झाइयों की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

सरसों से करें पिगमेंटेशन का उपचार

अगर आपको लंबे समय से पिगमेंटेशन की शिकायत है तो आप सरसों और तिल को पीसकर एक पेस्ट तैयार करें। अब इसे अपने फेस पर अच्छी तरह मसाज करते हुए लगाएं। इससे आपकी झाइयों की समस्या समाप्त होने लगेगी।

पिगमेंटेशन दूर करने का इलाज – Treatment for Pigmentation in Hindiपिगमेंटेशन दूर करने का इलाज - Treatment for Pigmentation in Hindi

हम जानते हैं कि बहुत से लोगों को पिगमेंटेशन के लिए घरेलू उपाय अपनाने में दिक्कत या आलस आता है। अगर आपके साथ भी यह समस्या है तो आप पिगमेंटेशन के लिए चल रहे उपचार प्रक्रिया को भी अपना सकते हैं। आइए जानते हैं पिगमेंटेशन दूर करने के इलाज

विटामिन ई  के जरिए पिगमेंटेशन का इलाज

विटामिन ई हमारी स्किन से जुड़ी कई समस्याओं को अंत करने के लिए जानी जाती है। इसके अंदर एंटी ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो किसी प्रकार की चोट या जले हुए दाग धब्बों को आसानी से समाप्त कर देती है। इसके लिए आप विटामिन ई से युक्त सामग्री का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप विटामिन ई के कैप्सूल का भी सेवन कर सकते हैं। अगर आप इसका सेवन करें तो डॉक्टर की राय जरूर लें।

सनस्क्रीन लोशन का उपयोग

आज के समय में बाजार में बहुत से ऐसी क्रीम या लोशन मौजूद हैं जो सूरज की खतरनाक किरणों से आपकी स्किन की रक्षा करती हैं। आप पिगमेंटेशन की समस्या से निपटने के लिए इन क्रीम या लोशन का उपयोग कर सकते हैं। 

रंग गोरा करने वाली क्रीम

बाजार के अंदर ऐसी बहुत सी क्रीम भी मौजूद हैं जो आपके रंग को गोरा करने का दावा करती हैं। आप पिगमेंटेशन के से छुटकारा पाने के लिए इनका उपयोग कर सकती हैं। इन क्रीम में बहुत से ऐसे तत्व होते हैं जो आपकी इस समस्या का अंत करने में सहायक हैं।

लेजर ट्रीटमेंट पिगमेंटेशन के लिए 

यह आज के युग का सबसे आधुनिक इलाज है। इस प्रक्रिया में स्किन में मेलानिन के उत्पादन को संतुलित कर स्किन को लेजर के जरिए क्लीन किया जाता है। यह इलाज अन्य सभी इलाजों के मुकाबले काफी महंगा होता है। लेकिन यह बहुत जल्दी आपको परिणाम दे देता है।

झाइयों से राहत पाने के लिए जरूरी टिप्स – Few More Tips For Pigmentation in Hindiझाइयों से राहत पाने के लिए जरूरी टिप्स - Few More Tips For Pigmentation in Hindi

दोस्तों अब तक आपने झाइयों से जुड़ी बहुत सी बातें जानी। इसमें आपने पिगमेंटेशन के इलाज से लेकर घरेलू उपाय तक जाने। अब कुछ ऐसी बातें जो आपके केवल अपनी रोजाना की जिंदगी में अपनानी होगी। इन्हें अपनाने के बाद आपको यह समस्या नहीं होगी और अगर आपको यह समस्या हो गई है तो इसके जरिए झाइयां ठीक होने लगेगी।

पिगमेंटेशन में परहेज

  1. कैफीन युक्त सामग्री का सेवन कम से कम करें जैसे चाय, कॉफी आदि।
  2. जंक फूड खाने से जितना हो सके बच कर रहें।
  3. किसी प्रकार की नशीली चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें। 
  4. स्किन पर जितना हो सके उतनी नेचुरल चीजों का ही उपयोग करें। किसी भी तरह के केमिकल युक्त उत्पादों से दूरी बना कर रखें।
  5. अधिक मिर्च मसालों वाले भोजन का सेवन बिल्कुल ना करें।
  6. अधिक प्रोसेस्ड फूड को अपनी थाली से बाहर का रास्ता दिखाएं।
  7. चीनी का पूरी तरह त्याग कर दें। 
  8. भोजन अगर पुराना हो तो उसे खाने से बचें। 

पिगमेंटेशन में खानपान 

  1. आप इस समस्या से बचे रहने और कम करने के लिए फल एवं सब्जियों का भारी मात्रा में सेवन करें। 
  2. ड्राई फ्रूट्स के सेवन से आपको सही मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं। जिससे यह समस्या समाप्त हो सकती है।
  3. एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार का सेवन करने से झाइयों की समस्या में राहत मिलती है।
  4. ऐसे फलों का सेवन करें जो खट्टे होते हैं। इनमें विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है यह आपकी स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं।

पिगमेंटेशन के लिए जीवनशैली में बदलाव 

  1. अगर आप एक स्वस्थ जीवनशैली का चुनाव करते हैं तो इससे आपको यह समस्या नहीं होगा। 
  2. आप रोजाना एक्सरसाइज या योग करें। इससे स्किन को लाभ मिलेगा। 
  3. धूप में कम से कम निकलें। अगर आपको धूप में निकलना भी पड़े तो सनस्क्रीन या लोशन का उपयोग करें।
  4. धूप में निकलते समय अपनी स्किन को किसी चीज से कवर जरूर करें। 

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको Full Information of Pigmentation meaning in Hindi , और Pigmentation Ke Gharelu Upay और इलाज बता दिए हैं। अब अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तो के साथ इसे जरूर शेयर करें।

पिगमेंटेशन को लेकर पूछे जाने वाले सवाल

  1. क्या पिगमेंटेशन की समस्या गलत खानपान से हो सकती है?

    हां, यह समस्या गलत खानपान से हो सकती है।

  2. क्या झाइयां होने का एक कारण धूप भी है?

    हां, सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों की वजह से झाइयां होने लगती हैं।

  3. क्या सनस्क्रीन के जरिए पिगमेंटेशन को रोका जा सकता है?

    हां, लेकिन इसमें पूरी जीवनशैली का बदलाव भी बहुत महत्वपूर्ण है।

  4. क्या फलों के सेवन से यह समस्या नहीं होती?

    ऐसा कहना मुश्किल है। लेकिन फलों के सेवन से यह समस्या होने की संभावना कम हो जाती है।

You may also like

Comments are closed.