Hiccups क्या हैं? हिचकी रोकने के 24 घरेलू उपाय। Hiccups Meaning in Hindi
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Hiccups क्या हैं? हिचकी रोकने के 24 घरेलू उपाय। Hiccups Meaning in Hindi

Information About Hiccups Meaning in Hindi, हम सभी को कभी ना कभी हिचकी जरूर आई होगी। आमतौर पर भारत के अंदर हिचकी को बहुत ही स्वाभाविक माना जाता है। साथ ही हिचकी आने पर लोग आपको ऐसा भी कहते हैं दिखाई दे सकते हैं कि शायद आपको कोई याद कर रहा है। लेकिन असल में Hichki Kyu Aati Hai इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। हां यह बात और है की कभी हिचकी आना साधारण है। लेकिन अगर हिचकी अधिक आए, तो हिचकी रोकने के उपाय और इलाज खोजना जरूरी हो जाता है। 

मेडिकल साइंस की मानें तो हिचकी आने का कारण स्वास्थ्य संबंधित कोई समस्या भी हो सकती हैं। अगर आपको भी अक्सर हिचकी आती है और आप हिचकी रोकने का मंत्र या Hichki Kaise Roke इससे जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आप सही जगह आए हैं। हम आपको अपने इस लेख में हिचकी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी देंगे। इससे जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए आप अंत तक लेख पर बने रहें। 

हिकप का अर्थ जानिए – What is Hiccups meaning in Hindiहिकप का अर्थ जानिए - What is Hiccups meaning in Hindi

अब तक आपको यह तो पता चल गया होगा कि Hiccups Meaning in Hindi में हिचकी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिचकी क्यों आती है या कैसे शुरू होती है। तो बता दें कि हिचकी डायाफ्राम पर दबाव पड़ने की वजह से ही आती है। ज्ञात हो कि डायाफ्राम ऐसी मांसपेशियां हैं जो आपकी जो आपके चेस्ट से पेट को अलग करती है। साथ ही डायाफ्राम आपकी सांस लेने की क्रिया में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैसे ही किसी भी वजह से डायाफ्राम पर दबाव आता है तो वोकल कॉर्ड बंद हो जाती है। जिसकी वजह से हिचकी आती है और मुंह से हिक आवाज निकलती है। 

Main points

हिचकी क्यों आती है – Hichki Kyu Aati Hai

अब तक आपने जान लिया है कि Hiccups in Hindi क्या है। अब आपके जेहन में जरूर आ रहा होगा कि आखिर हिचकी क्यों आती है। तो बता दें कि डायाफ्राम हमारी सांस लेने की क्रिया पर काम करता है। जब भी हम सांस लेते हैं तो डायाफ्राम हवा को अंदर की ओर खींचता है। वहीं जब आप सांस छोड़ते हैं तो यह विश्राम करने लगता है। लेकिन कई बार कुछ चटपटा खाने से, या फिर अधिक मात्रा में भोजन करने से, या फिर कार्बोनेटेड पेय पदार्थ पीने से डायाफ्राम पर दबाव पड़ता है। जिसकी वजह से ही आपको हिचकी आती है। लेकिन हिचकी आने के कुछ अन्य कारण भी हैं जो स्वास्थ्य संबंधित हो सकते हैं। 

हिचकी के प्रकार – Types of Hiccups in Hindi

विज्ञान के नजरिए से हिचकी के अधिक प्रकार नहीं होते। लेकिन आयुर्वेद की मानें तो हिचकी के कुल 5 प्रकार होते हैं। जो कुछ इस प्रकार हैं। 

  1. महा -गम्भीरा – यह हिचकी बेहद गंभीर आवाज में आती है
  2. व्येप्ता हिक्का – ऐसी हिचकी का अनुभव आप सभी ने किया होगा। इस हिचकी में व्यक्ति को लगातार हिचकी ना आकर रूक रूक कर आती है। 
  3. अन्नजा हिक्का – यह सबसे आम हिचकी होती है। यह अक्सर भोजन करने से या पानी पीने से ही रुक जाती है। 
  4. महा हिक्का – यह ऐसी हिचकी होती है जो व्यक्ति को बहुत तेजी के साथ आती है।
  5. क्षुद्रा हिक्का – ज्यादातर इसी हिचकी के बारे में कहा जाता है कि आपको कोई याद कर रहा है। यह कभी भी आती है और खुद ही बंद हो जाती है। 

Hichki को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी

  • हिचकी आना ऐसे तो एक सामान्य सी बात है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बनी रहे तो व्यक्ति की नींद में बाधा उत्पन्न कर सकती है जिससे अनिद्रा की समस्या हो सकती है।
  • अगर आपको लंबे समय तक हिचकी आती है तो यह आपको तनाव में भी डाल सकती है। 
  • अगर आपको हिचकी काफी पहले से बनी हुई है और बहुत ज्यादा आती है तो यह स्ट्रोक और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या के कारण हो सकती है। या फिर इन समस्याओं को जन्म दे सकती है।
  • ऐसे लोग जिन्हें लगभग दो दिन यानी 48 घंटे तक हिचकी आना बंद न हुई हो। उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपना उपचार कराना चाहिए। 
  • ऐसे लोग जो अक्सर बहुत जल्दी जल्दी खाना खाते हैं उन्हें हिचकी आने लगती है। 
  • अगर आप बहुत स्पाइसी फूड खाते हैं या पीते हैं तो इससे भी आपको हिचकी आ सकती है जो एक सामान्य स्थिति है। 

हिचकी आने का कारण – Hiccups Causes in Hindiहिचकी आने का कारण - Hiccups Causes in Hindi

दोस्तों Hichki आने का कारण एक नहीं बल्कि कई हो सकते हैं। कुछ साधारण हो सकते हैं और कुछ स्वास्थ्य से संबंधित। इसलिए अगर आपको हिचकी आती है तो आपको इसके कारणों और समय का ध्यान रखना है। वरना साधारण सी दिखने वाली हिचकी आपके शरीर में कई तरह के रोगों का संकेत भी हो सकती है। 

Hichki आने के आम कारण 

  1. अगर आप अधिक मात्रा में भोजन कर लेते हैं तो इससे डायाफ्राम पर दबाव आ जाता है। यह एक हिकप्स का कारण हो सकता है।
  2. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को भी हिचकी आने लगती है।
  3. कुछ दवाएं, जैसे ओपियेट्स, बेंजोडायजेपाइन, एनेस्थेसिया, अगर आपको किसी प्रकार की बीमारी है या आप किसी तरह की दवा का सेवन कर रहे हैं तो यह भी हिचकी आने की वजह हो सकती है। ऐसी दवाईयां जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, बार्बिटेरेट्स और मेथिलोडापा आदि हिचकी की वजह बनती है।
  4. अगर आपको गैस या एसिडिटी की समस्या होती है तो इससे डायाफ्राम संकुचित हो सकता है जिसकी वजह से हिचकी आ सकती है।
  5. पेट फूलने की वजह से भी आती है हिचकी।
  6. अगर आप कार्बोनेटेड पेय पदार्थ का सेवन करते हैं तो भी आपको हिचकी आने की समस्या हो जाती है। इसमें शराब, सोडा, या अन्य गर्म तरल पदार्थ शामिल हैं जो हिचकी आने का आम कारण बन सकते हैं। 
  7. अगर आप अधिक स्पाइसी या मसालेदार चीजों का सेवन करते हैं तो यह भी हिचकी आने का आम कारण हो सकता है। 
  8. कुछ दवाएं, जैसे ओपियेट्स, बेंजोडायजेपाइन, एनेस्थेसिया, अगर आपको किसी प्रकार की बीमारी है या आप किसी तरह की दवा का सेवन कर रहे हैं तो यह भी हिचकी आने की वजह हो सकती है। ऐसी दवाईयां जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, बार्बिटेरेट्स और मेथिलोडापा आदि हिचकी की वजह बनती है।

हिचकी आने के स्वास्थ्य संबंधित कारण

  1. कैंसर की बीमारी होने पर या इसका उपचार प्रक्रिया के कारण भी हिचकी आ सकती है।
  2. अगर किसी व्यक्ति को सिर में किसी तरह की चोट लगी हो या मस्तिष्क से संबंधित समस्या हो जैसे ब्रेन ट्यूमर, स्ट्रोक आदि। 
  3. डायाफ्राम से संबंधित बीमारी होने पर भी हिचकी आ सकती है।
  4. नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्या भी हिचकी आने का एक मेडिकल कारण है।
  5. ऐसी कुछ दवाएं होती है जिनकी साइड इफेक्ट या सेवन की वजह से हिचकी की समस्या पैदा हो जाती है।
  6. अगर आपने बीते समय में कभी पेट की सर्जरी कराई हो तो भी यह हिचकी आ सकती है।
  7. अगर आपके गले में खराश या फिर आपको खांसी है तो यह भी हिचकी आने का एक मेडिकल कारण हो सकता है।
  8. गर्दन में ट्यूमर, घेंघा या फिर सूजन की वजह से भी हिचकी की समस्या हो सकती है।
  9. अगर डायाफ्राम से जुड़ी हुई नसों में कोई दिक्कत हो तो यह भी हिचकी आने की वजह बन सकती है।
  10. पाचन क्रिया से संबंधित रोग होने पर भी हिचकी आ सकती है।
  11. दिमागी बुखार की समस्या भी हिचकी का एक कारण  हो सकता है। 
  12. तनाव या लंबे समय से चिंता होने पर भी हिचकी की समस्या हो सकती है।
  13. अगर किसी व्यक्ति की सर्जरी की जा रही हो तो उन्हें ऐनेस्थिसिया दिया जाता है। यह ऐनेस्थिसिया भी हिचकी आने का कारण हो सकता है।  

हिचकी आने के लक्षण – Symptoms of Hiccups in Hindi
हिचकी आने के लक्षण - Symptoms of Hiccups in Hindi

हिचकी आने के कुछ ही लक्षण होते हैं। इनमें व्यक्ति को गले, छाती या पेट में दबाव महसूस होता है। साथ ही अगर आपके डायाफ्राम या सीने के नीचे किसी तरह की ऐंठन महसूस होती है तो यह भी हिचकी का लक्षण हो सकता है। गले में हवा का फंसना, गले से हिच की आवाज आना भी हिचकी का लक्षण है। 

डॉक्टर से संपर्क कब करें

अगर आपको बीते कई घंटों से हिचकी आ रही हो और आपको सांस लेने में दिक्कत पेश आ रही हो। तो आपके बिना समय खराब किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। हिचकी को रोकने के लिए वह आपको किसी तरह की दवाई या उपचार कराने की सलाह दे सकते हैं। 

हिचकी रोकने के घरेलू उपाय – Home Remedies of Hiccups (Hichki) in Hindi हिचकी रोकने के घरेलू उपाय - Home Remedies of Hiccups (Hichki) in Hindi

दोस्तों जैसे की आपने जाना की Hiccups in Hindi यानी हिचकी एक आम समस्या भी है और इसके पीछे कुछ मेडिकल कारण भी हो सकते हैं। आशा करते हैं कि आपको समझ आ गया होगा कि Hichki Kyu Aati Hai। अब अगर आप जानना चाहते हैं कि Hichki kaise Roke तो आपको नीचे दिए हुए घरेलू उपाय पर गौर करना होगा और इन्हे अपनाना होगा। आइए जानते हैं हिचकी कैसे रोके का जवाब। 

हिचकी रोकने के लिए शहद 

शहद का उपयोग हिचकी रोकने के लिए किया जा सकता है। आपको बता दें कि शहद के अंदर एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह गुण आपको खांस जुकाम समेत गले के संक्रमण से भी बचाते हैं। 

इसके लिए आपको केवल एक चम्मच शहद को जुबान पर रखना होगा। यह आपकी हिचकी कैसे रोकें का जवाब हो सकता है। 

आंवला से रोकें हिचकी

हिचकी को रोकने के लिए आप आंवले चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। आप इसका सेवन या तो सीधा कर सकते हैं। या फिर आप आंवला के साथ शहद और मिश्री या चीनी के साथ भी इसे खा सकते हैं।

नींबू का उपयोग 

आयुर्वेद के अंदर नींबू के निम्नलिखित फायदों का जिक्र किया गया है। इन फायदों में हिचकी रोकने के उपाय में भी नींबू शामिल है। इसके लिए केवल आपको नींबू का रस और पुदीने के पत्तों को लेना है और फिर इसका सेवन करना है। इससे हिचकी रुक सकती हैं।

हींग और मक्खन करेंगे हिचकी की छुट्टी

अगर आपको हिचकी आती है तो आपको केवल मक्खन और हींग पाउडर को मिलाकर खाना है। इसके जरिए जल्दी ही हिचकी आनी बंद हो जाएगी।

पिप्पली और शहद 

हिचकी आने की स्थिति में आपको बस थोड़ी थोड़ी मात्रा में पिप्पली चूर्ण और शहद लेना है। इसे अच्छी तरह मिलाकर सेवन करें। यह आपके Hichki Kaise Roke का जवाब हो सकता है। 

सौंठ हिचकी रोकने का उपाय

सौंठ के गुणों के बारे में हमने आपको पहले भी लेख के माध्यम से बताया है। हिचकी आने में आप सौंफ का उपयोग कर सकते हैं। आपको केवल सौंफ और हरड़ को पीसकर मिलाना है और इसका सेवन करना है। इसके सेवन से हिचकी आसानी से रूक जाएगी।

ग्रेप्स जेली से रोकें हिचकी 

अगर आपको पेट से संबंधित समस्या के कारण ही हिचकी आई है। तो Hichki Rokne Ke Upay में आप ग्रेप जेली का सेवन कर सकते हैं। आपको बता दें कि इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, यह पेट से संबंधित होने वाली हिचकियों को रोक सकती हैं। इसके लिए केवल आपको एक चम्मच ग्रेप जेल को खाना होगा।

बर्फ से ठीक होगी हिचकी

अगर आपको हिचकी आने की समस्या है और आप इससे छुटकारा पाने का उपाय खोज रहे हैं तो आप सीधा बर्फ का सेवन कर सकते हैं। जैसे ही आप बर्फ का सेवन करते हैं इससे हिचकी आनी बंद हो जाती है।

हिचकी रोकने के अन्य उपाय – Hichki Rokne Ke Upay

  1. अगर आपको हिचकी से जल्दी छुटकारा चाहिए तो आप इसके लिए हिचकी आते ही सिरका चाट लें। इससे हिचकी आनी बंद हो जाएगी। 
  2. आप हिचकी आने पर पानी भी पी सकते हैं। इससे हिचकी को रोका जा सकता है।
  3. कुछ इलाइची ले और उन्हें पानी में उबाल लें। इसके बाद ठंडा होने पर यह पानी पिएं। इससे हिचकी आने की दिक्कत दूर हो जाएगी। 
  4. हिचकी को रोकने के लिए आप पीनट बटर की चम्मच खा सकते हैं। इससे हिचकी रुक जाती है।
  5. अदरक के छोटे छोटे टुकड़े करके उन्हें चबाएं। इससे हिचकी आना बंद हो जाती है।
  6. एक चम्मच चीनी ले और इसे मुंह में अपने आप घूलने दें। इससे आपको हिचकी आना बंद हो जाएगी। 
  7. हिचकी आने पर अगर आप अपना ध्यान दूसरी जगह डाल दें तो आपको यह आनी बंद हो जाती है।
  8. ठंडे पानी में शहद डालकर पीने से हिचकी नहीं आती।
  9. हिचकी को रोकने के लिए आप दही का सेवन कर सकते हैं। इससे यह समस्या बंद हो सकती है।
  10. अगर आपके घर में चॉकलेट पाउडर हो तो उसका सेवन करने से भी हिचकी आनी बंद हो जाती हैं। 
  11. काली मिर्च के पाउडर के जरिए भी हिचकी को रोका जा सकता है।
  12. सेब के सिरके के जरिए भी आप hiccups को रोक सकते हैं। 
  13. कैमोमाइल टी के जरिए भी आप अपनी हिचकियां रोक सकते हैं।

हिचकी कैसे रोक सकते हैं कुछ अन्य तरीके

  1. कोई भी चीज जल्दबाजी में बिल्कुल न खाएं।
  2. शराब और अन्य नशीली चीजों का सेवन ना करें।
  3. अधिक मसालेदार या स्पाइसी फूड खाने से बचकर रहें। 
  4. अगर आप दोपहर का खाना अक्सर जल्दी खा लेते हैं तो इसका समय बदल दे। इससे आपकी हिचकी रुक सकती है।
  5. अधिक भोजन करने से बचें रहें।
  6. हिचकी आने पर थोड़ी देर सांस रोक लें। इससे हिचकी रुक सकती है। 
  7. आप चाहें तो गरारे भी कर सकते हैं। 

हिचकी आने का इलाज – Treatment of Hichki in Hindiहिचकी आने का इलाज - Treatment of Hichki in Hindi

दोस्तों अगर आपको हिचकी बहुत ज्यादा आ रही है और आप हिचकी के घरेलू उपाय आजमा चुके हैं। पर फिर भी कोई समाधान नहीं निकल रहा तो आपके पास केवल हिचकी का इलाज कराने का ही विकल्प बच जाएगा। इसके लिए आपको डॉक्टर के पास ही जाना होगा। डॉक्टर आपको हिचकी रोकने की कोई दवा बता सकते हैं। साथ ही हिचकी आने की जड़ को समझने के लिए वह किसी तरह के टेस्ट भी कराने की सलाह दे सकते हैं। ऐसी बहुत सी दवा मौजूद हैं जो हिचकी को ठीक कर सकती हैं। लेकिन यह सभी दवा आप केवल डॉक्टर की सलाह ही लें। 

डॉक्टर के पास इलाज के लिए कब जाएं

  • हिचकी ना रुकने की वजह से आपको तनाव रहने लगे तो भी आपको डॉक्टर के पास जाना होगा। 
  • अगर आपको खाने पीने में दिक्कत आने लगे तो आपको डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए। 
  • अगर आपको रात को नींद ना आए या फिर नींद का समय बदल जाए तो भी डॉक्टर के पास जाना जरूरी है।

हिचकी दूर करने की दवा

आपको दवा की दुकान पर बहुत सी ऐसी दवाएं मिल जाएंगी जो आपकी इस समस्या को दूर कर सकती हैं। इनके नाम  गैबैपेन्टिन, हैलोपैरिडोल, मेटोक्लोपामाइड आदि है। लेकिन इन दवाइयों के सेवन से पहले आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको Hiccups Meaning in Hindi से जुड़ी पूरी जानकारी देदी है। अब अगर आपको हिचकी का इलाज कराना है हिचकी रोकने के उपाय अपनाने हैं। यह सब आप पर निर्भर करता है। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे जरूर शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या अधिक हिचकी आना किसी बीमारी का संकेत हो सकता है?

हां, यह एक बीमारी का संकेत हो सकता है।

क्या हिकप्स की वजह ब्रेन ट्यूमर हो सकता है?

हां, हिकप्स की एक वजह ब्रेन ट्यूमर भी हो सकता है।

हिचकी कितने समय तक आना नुकसानदायक हो सकता है?

अगर आपको 48 घंटे से हिचकी आ रही हैं तो यह नुकसानदायक हो सकता है।

क्या हिचकी रोकने के लिए कोई दवा है?

हां, हिचकी रोकने की कई दवा हैं लेकिन इनका सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।

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