शीर्षासन (Sirsasana) करने के 14 फायदे और तरीके। Benefits of Shirshasana in Hindi। Headstand Pose
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शीर्षासन (Sirsasana) करने के 14 फायदे और तरीके। Benefits of Shirshasana in Hindi। Headstand Pose

Benefits of Shirshasana (Sirsasana) in Hindi. योग का महत्व हमारे पूर्वजों से लेकर वैज्ञानिक तक बताते हैं। योग में कई ऐसे आसन है जो न केवल आपको बीमारियों से छुटकारा दिलाते हैं। बल्कि यह आपको स्वस्थ भी रखते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक आसन के बारे में बताएंगे जिसे हिंदी भाषा में शीर्षासन के नाम से जाना जाता है। वहीं अंग्रेजी में इसे Headstand Pose के नाम से पुकारते हैं। शीर्षासन के फायदे आपको मानसिक और शारीरिक रूप दोनों पर दिखाई देते हैं।

कई लोग योगासन को भी दूसरी एक्सरसाइज की तरह ही समझते हैं। यानी लोगों को लगता है कि योग केवल शारीरिक व्यायाम मात्र है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। योग आज कल के जीवन की वह जरूरत है जो आपको जिंदगी भर स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से तो बचाती ही है। साथ ही आपके जीवन में शांति का अनुभव भी कराती है। योग करने से व्यक्ति का फोकस धीरे धीरे बेहतर हो जाता है। इसलिए आज हम आपको योग के राजा कहे जाने वाले शीर्षासन के फायदे बताएंगे। साथ ही जानेंगे की शीर्षासन कैसे करते हैं। इसके अलावा शीर्षासन से संबंधित सावधानियों से भी रूबरू कराएंगे। अगर आप भी शीर्षासन से जुड़ी हुई किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें। 

क्या है शीर्षासन -What is Headstand pose (Shirshasana) in Hindi क्या है शीर्षासन -What is Headstand pose (Shirshasana) in Hindi

शीर्षासन योग की दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण आसनों में से एक है। शीर्षासन शब्द दो शब्दों के जोड़ से बनाया गया है। इसमें पहला शब्द शीर्ष है जिसका अर्थ सिर होता है। इस आसन को सभी आसनों का राजा भी माना जाता है। शुरुआती समय में इसे करना बेहद मुश्किल होता है। लेकिन अगर आप शीर्षासन करने का सही तरीका या टेक्निक समझ गए तो यह आसन करना आपके लिए आसान भी हो जाएगा। साथ ही यह आसन करने के आपको बेहिसाब फायदे होंगे। लेकिन ऐसे लोगों को शीर्षासन किसी विशेषज्ञ के साथ ही करना चाहिए। वरना बैलेंस बिगड़ने पर व्यक्ति को चोट भी लग सकती है। इसकी वजह से गर्दन, कमर चेहरे पर चोट लगने का डर बना रहता है। 

Main points

शीर्षासन करने का तरीका – How To Do Shirshasana (Sirsasana) in Hindi शीर्षासन करने का तरीका - How To Do Shirshasana (Sirsasana) in Hindi

दोस्तों इससे पहले हम आपको Benefits of Shirshasana in Hindi में समझाएं। पहले शीर्षासन कैसे करना है यह जवाब जान लीजिए। क्योंकि अगर आपने यह आसन ठीक से नहीं किया तो इससे आप चोटिल तो हो ही सकते हैं। साथ ही आपको इस आसन के कोई लाभ भी नहीं होंगे। इसलिए चलिए जानते हैं शीर्षासन कैस करें। लेकिन ध्यान रहे कि शीर्षासन करने से पहले आपको कुछ बेसिक योगासन करने होंगे, ताकि आपकी मांसपेशियों पर किसी तरह का खिंचाव न पड़े। 

शीर्षासन करने के स्टेप बाय स्टेप तरीके

  1. शीर्षासन करने के लिए आपको सबसे पहले एक योगा मैट या मोटा कंबल लेना होगा। 
  2. इसके बाद आपको शीर्षासन करने से पहले वज्रासन में ही बैठना होगा। 
  3. अब आपको अपने सिर को आगे कि ओर टिकाना है। 
  4. इसके बाद अपने दोनों हाथों से सिर को पकड़ना है ताकि बैलेंस बनाने में किसी तरह की परेशानी पैदा न हो। ध्यान रहे कि आपके दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जुड़ा होना बेहद जरूरी है। 
  5. हाथों के जरिए आपके सिर को मजबूती से सहारा मिल जाएगा। 
  6. अब अपने सिर को दोनों हथेलियों के बीच रख दें। 
  7. इसके बाद धीरे धीरे बैलेंस बनाते हुए अपनी घुटनों को मोड़ें और ऊपर की ओर ले जाएं. 
  8. जब इस आसन में बैलेंस बन जाए तो अपने घुटनों को सीधा करें और पैरों को ऊपर की ओर लेकर चले जाएं। 
  9. इस दौरान आपको अपना पूरा वजन अपनी बाजुओं पर रखना होगा। ध्यान रहे केवल गर्दन पर वजन रखने से चोट लग सकती है। 
  10. शीर्षासन को शुरुआती दिनों में केवल कुछ ही देर या एक दो मिनट के लिए ही करें। इसके बाद धीरे धीरे समय बढ़ाते रहें।
  11. ऐसा हो सकता है कि शीर्षासन को करने में आपको कई महीनों तक का समय लग जाए। लेकिन हिम्मत ना हारे और कोशिश करते रहें।

शीर्षासन करने का आसान रास्ता

  • अगर आप शीर्षासन पहली बार करने जा रहे हैं तो आप इसे आसानी से करने के लिए दीवार का सहारा ले सकते हैं। 
  • अगर पैर सीधा रखने में समस्या हो तो आप घुटनों को मोड़ कर भी यह आसन कुछ दिन तक कर सकते हैं। 
  • अगर आपको ऐसा लगे कि अभी आप इस आसन को सही प्रकार करने में सक्षम नहीं हैं तो दीवार से हटकर आसन न करें। बल्कि जब पूरी तरह विश्वास हो तभी बिना किसी सहारे के यह आसन करें। 

शीर्षासन के फायदे – Benefits of Shirshasana in Hindi
शीर्षासन के फायदे - Benefits of Shirshasana in Hindi

दोस्तों योग के अपने ही फायदे हैं। यही कारण है कि आज के समय में पश्चिमी सभ्यताएं भी योग को अपने जीवन में उतार चुकी हैं। आज से पहले जहां विश्व में योग पर ही सवाल उठाए जाते थे। लेकिन अब समय विपरीत हो गया है। अब सभी लोग योग का महत्व समझ रहे हैं। योगासनों के अपने ही लाभ हैं। लेकिन अगर बात करें शीर्षासन के फायदे के बारे में तो यह बाकी आसन से मुश्किल तो हैं। लेकिन इसके फायदे भी बहुत अधिक हैं। आइए एक नजर डालते हैं शीर्षासन के लाभों पर।

पाचन शक्ति पर शीर्षासन करने के फायदे 

क्या आप अक्सर पाचन संबंधित समस्याओं से परेशान रहते हैं, अगर हां तो शीर्षासन आपके लिए लाभदायक हो सकता है। ऐसा कहा जाता है कि शीर्षासन करने से शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर हो जाता है। जिसका असर पाचन क्रिया पर भी देखने को मिल सकता है। यानी अगर आप शीर्षासन करते हैं तो इससे आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त हो जाती है और आप तंदुरुस्त रहते हैं। 

बांझपन की समस्या खत्म 

हर व्यक्ति के लिए मां या पिता बनना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन आज कल के समय में बेकार का खान पान और तनाव अक्सर लोगों को बांझपन की स्थिति में डाल देता है। अगर आपको भी बांझपन की समस्या है। इस बात से फर्क नहीं पड़ता की आप पुरुष हैं या महिला। अगर आपको यह समस्या है तो आप शीर्षासन ले लाभ ले सकते हैं। शीर्षासन करने से महिला के अंडाणु और पुरुषों के शुक्राणु बेहतर अवस्था में आने लगता है। ऐसा होने से बांझपन की समस्या खत्म हो सकती है।

तनाव की करे छुट्टी

आज कल की जीवन शैली में तनाव से हर दूसरा व्यक्ति पीड़ित है। लेकिन ऐसा नहीं है कि तनाव केवल नुकसानदायक होता है। बल्कि कुछ हद तक तनाव आपके शरीर और मानसिक विकास के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आपको हर समय तनाव रहे तो यह स्थिति खतरनाक हो सकती है। तनाव कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। ऐसे में अगर आप तनाव कम करना चाहते हैं तो योगासन का सहारा ले सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि शीर्षासन करने के लाभ आपको तनाव में भी देखनें को मिल सकते हैं। शीर्षासन के जरिए तनाव से राहत पाई जा सकती है। हालांकि अब तक इस पर कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है। लेकिन आप चाहें तो शीर्षासन को आजमा सकते हैं। 

अस्थमा से राहत 

अस्थमा आज के समय की एक ऐसी समस्या है जिसकी वजह से न जाने कितने ही लोगों की जान चली जाती है। ज्ञात हो की अस्थमा एक रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी हुई समस्या है। जिसकी वजह से व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आती है। इस बीमारी के दौरान मरीज को इनहेलर रखना पड़ता है। लेकिन अगर आप चाहें तो अस्थमा से बचने और कुछ हद तक राहत पाने के लिए योगासन का सहारा ले सकते हैं। इसमें आप अनुलोम विलोम प्राणायाम समेत शीर्षासन करने के फायदे देख सकते हैं। योग गुरु बताते हैं कि अस्थमा की समस्या में भी शीर्षासन फायदेमंद रहता है।

डिप्रेशन की करे छुट्टी

रिश्तों का टूटना हो या लक्ष्य तक न पहुंच पाना। इन सभी स्थितियों में व्यक्ति डिप्रेशन के अंदर डूब जाता है। जिसके बाद बहुत सी समस्याएं पैदा होने लगती है। कई बार लोग इस अवस्था में आत्महत्या तक कर लेते हैं। ऐसे में योग आपको डिप्रेशन से बाहर निकाल सकता है। इसमें आप सभी तरह के योगासन कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो शीर्षासन भी कर सकते हैं। इससे मस्तिष्क में रक्त संचार बेहतर होता है। जो डिप्रेशन से राहत दिलाता है। 

हड्डियों के लिए 

बढ़ती उम्र और खराब खानपान का असर अक्सर व्यक्ति की हड्डियों पर भी पड़ने लगता है। ऐसे में कमजोर हड्डियों की वजह से कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती है। हड्डी टूटने का खतरा भी बना रहता है। लेकिन अगर आप शीर्षासन करते हैं तो इससे आपकी हड्डियों को भी लाभ होता है। इसलिए हड्डियों को मजबूत करने और इनके विकास के लिए आप शीर्षासन कर सकते हैं। 

शीर्षासन के कुछ अन्य फायदे – Few More Shirshasana (Sirsasana) Benefits in Hindi 

  1. अगर आपको अनिद्रा की शिकायत है तो शीर्षासन के जरिए आप इस समस्या को खत्म कर सकते हैं।
  2. साइनस का दर्द कितना ज्यादा खतरनाक होता है। पर अगर इस दर्द से राहत पानी है तो आप शीर्षासन को आजमा सकते हैं।
  3. फेफड़ों को मजबूत करने और सांस से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए आप शीर्षासन कर सकते हैं।
  4. मेनोपॉज में भी शीर्षासन करने के लाभ हो सकते हैं।
  5. रोजाना नियमित रूप से शीर्षासन करने से आपकी याददाश्त बेहतर होने लगती है। 
  6. कमर दर्द को दूर करने के लिए भी इस आसन को किया जा सकता है।
  7. बाल झड़ने की समस्या में भी शीर्षासन कारगर सिद्ध होता है। 
  8. ध्यान लगाने या फोकस बढ़ाने के लिए भी शीर्षासन किया जा सकता है। 

शीर्षासन से जुड़ी सावधानी और नुकसान – Precaution of Shirshasana in Hindiशीर्षासन से जुड़ी सावधानी और नुकसान - Precaution of Shirshasana in Hindi

दोस्तों जिस तरह किसी आसन के फायदे होते हैं और करने का एक तरीका होता है। उसी तरह शीर्षासन के भी तरीके हैं और अगर सही तरीके से यह आसन किया जाए तो ही आप स्वस्थ रह सकते हैं। लेकिन शीर्षासन से जुड़ी कुछ सावधानियां बरतनी बहुत ज्यादा जरूरी है। क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है। 

शीर्षासन के दौरान सावधानियां

  • अगर आपको सिर दर्द, गर्दन दर्द, पीठ या हाथों में दर्द हो तो इस आसन को करने से बचे रहें। अगर ऐसा नहीं किया तो आपका दर्द अधिक बढ़ सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर की सलाह के बाद और किसी विशेषज्ञ के साथ ही इस आसन को करें।
  • अगर आपको एक लंबा समय हो गया है और आपने किसी तरह की एक्सरसाइज या योग नहीं किया है, तो पहले कुछ दिन बेसिक योगासन करें। 
  • शरीर में किसी प्रकार की कमजोरी महसूस हो तो यह आसन बिल्कुल न करें। 
  • आसन के दौरान किसी ट्रेनर के पास रहें, ताकि आप चोटिल ना हों। 
  • हाई बीपी वाले लोग इस आसन को करने से बचें। 

नोट – शीर्षासन एक एडवांस योगासन है और इस आसन को करने से पहले किसी विशेषज्ञ से राय एंव ट्रेनिंग जरूर लें। अगर आसन के दौरान सिर या कंधे में दर्द हो तो इसे तुरंत बंद कर दें। ध्यान रहे कि आसन के करने के फायदे और नुकसान हर व्यक्ति पर अलग तरह से दिख सकते हैं। 

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको Shirshasana (Sirsasana) in Hindi से जुड़े हुए फायदे और सावधानियां समेत। आपको यह भी समझ दिया है कि यह आसन आपको कैसे करना है। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. क्या शीर्षासन से कोई बीमारी ठीक हो सकती है?

    इस बात का दावा बहुत से योग गुरु करते हैं। लेकिन यह सच है या नहीं, इस पर रिसर्च के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

  2. क्या शीर्षासन से पाचन शक्ति बेहतर होती है?

    हां, शीर्षासन के जरिए पाचन शक्ति बेहतर होने लगती है।

  3. क्या रोजाना शीर्षासन के जरिए याददाश्त बेहतर होती है?

    ऐसा कहा जाता है। लेकिन इस पर अभी रिसर्च होना बाकि है।

  4. क्या शीर्षासन के दौरान चोटिल होने का खतरा अधिक होता है?

    हां, इस आसन में आपके चोटिल होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए इस आसन को करते हुए अधिक सावधान रहे।

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