साल 2020 ने हमें सिखाई यह 12 बातें। 2021 ही नहीं जिंदगीभर आएंगी काम
आज जो भी लोग जीवित हैं यकीनन उन सभी लोगों के लिए 2020 साल सबसे ज्यादा यादगार रहा होगा। इस साल ने वो काम करके दिखा दिया जो ना तो विश्व युद्ध ने किया और ना ही किसी दूसरी आपदा ने। कोरोना जैसी महामारी ने दुनियाभर के लोगो को लगभग पूरे साल के लिए घर में ही कैद करके रख दिया। कोरोना की इस महामारी ने या यूं कहें कि साल 2020 ने इंसानों को जीने का एक नया तरीका दे दिया है। यह साल हमे ऐसी बहुत सी बातें सिखा कर जा रहा है जो शायद ना तो कोई कॉलेज सिखा सकता था ना ही कोई स्कूल। आज हम अपने इस लेख में कुछ ऐसी ही बातों पर चर्चा करेंगे जिसमे जानेंगे कि साल 2020 ने आखिर हमसे क्या लिया है और इसने हमे क्या सिखा दिया है। तो दोस्तों जल्द ही हम 2021 के अंदर दाखिल होने वाले हैं, लेकिन इससे पहले हम यह जान लेते हैं कि साल 2021 और उसके बाद आने वाले सालों में हमें किन बातों का ध्यान रखना है। ताकि हम एक बेहतर जिंदगी जी सकें। तो चलिए बिना किसी देर के शुरू करते हैं।
2020 ने हमें क्या सिखाया – These Lessons 2020 Taught to Humans in Hindi
इस साल में हमने ना जाने क्या क्या मंजर देखे हैं, जिन्हे शायद हम भुलाना भी चाहें तो भी भुला ना पाएं। इस साल में कोरोना महामारी के चलते एक तरफ जंहा लोग अपने घरों में कैद थो तो वहीं दूसरी तरफ एक तबका ऐसा था जो परेशानियों के चलते हजारों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय कर रहा था। इसके अलावा हमने बहुत सी नई बातें और नए सबक भी सीखें जो हम सभी की जिंदगी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। चलिए जानते हैं क्या हैं वह सबक जो हमारे आगे के जीवन या 2021 में सबसे ज्यादा काम आएंगे।
सेविंग्स जरूरी हैं भविष्य के लिए
आज भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में ऐसे लोग हैं जो अपना गुजारा करने के लिए ना जाने कितने ही तरह के काम करते हैं। यूं तो लोग काम काज के जरिए महज अपना गुजारा ही कर पाते हैं, लेकिन फिर भी इस साल ने हमें सिखाया कि चाहे कुछ भी हो आपके पास इतना पैसा जरूर होना चाहिए कि आप कम से कम 3-6 माह बिना कमाए अपने परिवार का पालन पोषण कर सको। यह कार्य मुश्किल तो है लेकिन अगर तैयारी की जाए और हमेशा के लिए इतना पैसा बचा कर रखा जाए जिससे आप आसानी से 6 महीने निकाल पाएं तो शायद आप बे फिक्र हो कर जी सकेंगे।
Main points
भोजन का स्थान
आज भी ना जाने कितने ही लोग हैं जो अक्सर अपनी थाली में भोजन बचा हुआ छोड़ देते हैं। बिना सोचे कि भोजन को उगाने और हम तक पहुचने में लगभग 6 महीने से ज्यादा का सफर तय करना पड़ता है। वहीं इस साल ऐसे बहुत से लोग थे और हैं जो दाने दाने के मौहताज हैं। लोग ना जाने कितनी ही कतारों में दिखाई दिए जो भोजन के लिए लगी थी। इसलिए अगली बार अगर आप भोजन करें तो उतना ही अपनी थाली में लें जितना खा सकें।
दिमागी शांति
इस साल हमने बहुत से सितारों और आम लोगों को खोया कुछ की जान बीमारी ने ली तो कुछ की तनाव ने। इस साल ने हमें बता दिया की तनाव एक बहुत ही खतरनाक स्थिति है और इससे बचने के लिए कोई न कोई उपाय अपनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप या तो किसी डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं, या फिर आप मेडिटेशन या ध्यान का सहारा भी ले सकते हैं। इससे आप तनाव से पूरी तरह दूर रहेंगे।
इम्यून सिस्टम मजबूत करना
कोरोना की महामारी ने समझाया कि जिसके शरीर का इम्यून सिस्टम अच्छा होगा मरने से वही बच पाएगा। यानी इस बात से फर्क नहीं पड़ेगा कि आप किसी मुकाम पर हैं या क्या काम करते हैं। फर्क इस बात से पड़ेगा कि क्या आपका शरीर बीमारियों से लड़ने के काबिल है या नहीं। अगर नहीं है तो इसे काबिल बनाएं बेहतर डाइट के जरिए और एक्सरसाज या योग के जरिए। यही तरीके हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को बरकरार रखेगी।
पूंजीपतियों का योगदान
यूं तो वामपंथी और चरमपंथी सोच के लोग अक्सर पुंजपतियों को लेकर कोसते दिखाई देते हैं। लेकिन इस साल टाटा, और रिलायंस जैसी कंपनियों के मालिकों ने दिल खोल कर दान दिया। इस दान के जरिए लाखों लोगो को भोजन और जरूरी सहायता मुहैया कराई गई।
फाइनेंसिअली मजबूत रहें
इस साल ने हमे यह भी सिखाया कि आप फाइनेंसिअली मजबूत बने रहें। इससे ना आप केवल अपने परिवार का ध्यान रख सकेंगे। बल्कि जरूरत पड़ने पर बेसहारा लोगों और अपने रिश्तेदारों के भी काम आ सकेंगे।
प्राकृतिक धरोहर को नुकसान ना पहुंचाएं
हम सभी जानते हैं कि जाने अंजाने हम प्राकृति श्रोतों को नुकसान पंहुचाते हैं। इसमें चाहें वायु प्रदूषण हों या फिर जल प्रदूषण या फिर भूमि प्रदूषण। इन सभी में हम बहुत आगे आ गए हैं। इसलिए अब आप नेजर की रक्षा और देख रेख के लिए थोड़ा समय निकालें। जिस तरह आपके लिए जिंदगी की बाकी चीजें जरूरी हैं उसी तरह नेचर का सुरक्षित रहना भी जरूरी है।
वैजिटेरिअन बने
इस बात की अब तक यूं तो कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन माना तो यही जा रहा है कि कोरोना वायरस चमगादड़ के सूप की वजह से ही फैला है। ऐसे में आप किसी भी प्रकार के जीव का सेवन करते हैं, तो इस बात का पूरा चांस है कि आपको उस जीव की बीमारियाँ भी लग जाएं। ऐसे में दशकों से एक मुहिम चलाई जा रही है जिस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। वह है वैजिटेरिअन बनने कि या वेगन बनने की। अब आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप अपने भोजन में क्या चुनते हैं।
बेफिजूल खर्च बंद
कोरोना के दौरान ऐसी बहुत सी कंपनियां थी जिन्होंने घर बैठे ही काम करने की छूट दे दी थी। ऐसे में एक तरफ जंहा लोग घर बैठ कर काम कर रहे थे, तो दूसरी तरफ वह बेफिजूल के खर्च से भी बच रहे थे। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने लॉकडाउन के समय में इतना पैसा बचाया जो शायद वह किसी दूसरे साल में नहीं बचा पाए।
वर्क फ्रॉम होम हिट है
जैसे कि हम जानते हैं कि कंपनियों द्वारा घर से काम करने की छूट के कारण एक तरफ जंहा कर्मचारियों को लाभ हुआ, तो दूसरी ओर कंपनी ने भी अच्छा मुनाफा बनाया। कंपनी की जगह का खर्च, इंटरनेट का खर्च, कैब सर्विस का खर्च, खाने का खर्च, सफाई का खर्च आदि खर्च बचने लगे। इसी की वजह से बहुत सी कंपनियों ने अब वर्क फ्रॉम होम पर्मानेन्ट कर दिया।
योग का महत्व
कोरोना के इस महामारी के दौरान लोगों ने अपने आप को सेहतमंद बनाए रखने के लिए योग की ओर रूख कर लिया। बाजार में तेजी से योग से जुड़े मैट्स आदि चीजे बिकने लगी।
ऑनलाइन दुनिया
इस साल एक तरफ जंहा कोरोना की महामारी ने पैर पसारे वही दूसरी तरफ ऑनलाइन एजुकेशन ने जोर पकड़ लिया। इस साल ऑनलाइन ट्यूशन के जरिए टीचर्स की कमाई 400 प्रतिशत बढ़ गई। इसके अलावा हर जगह लोगों ने ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प का चुनाव करना शुरू कर दिया।