सूर्य नमस्कार के 15 फायदे, नुकसान और तरीके। All About Surya Namaskar in Hindi
क्या आपने सूर्य नमस्कार योगासन के बारे में सुना है? क्या आप जानते हैं कि सूर्य नमस्कार को सर्वश्रेष्ठ योगासन के नाम से भी जाना जाता है। हमारा मतलब है कि सूर्य नमस्कार योग को दुनिया का सबसे फ़ायदेमंद आसन माना जाता है। इसलिए आज हम आपको SuryaNamaskar Ke Fayde, Steps, Nuksan से जुड़ी तमाम बाते बताएंगे। अगर आप बहुत कम समय देकर खुद को फिट रखने की तरकीब ढूंढ रहे हैं तो आपके लिए सूर्य नमस्कार सबसे बेहतरीन योगासन है। सूर्य नमस्कार के फायदे इसलिए भी सबसे अधिक हैं क्योंकि यह योगासन 12 आसनों का मेल है। तो चलिए जानते हैं सूर्य नमस्कार के फायदे, नुकसान और विधि के बारे में।
क्या है सूर्य नमस्कार – What is Surya Namaskar in Hindi
सूर्य नमस्कार का अर्थ होता है सूरज को नमस्कार करना। ऐसा माना जाता है कि सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा श्रोत है। इसलिए प्राचीन समय में भी हिंदू धर्म से आने वाले ऋषि-मूनी प्रात उठते ही सूर्य की पूजा किया करते थे। सूर्य नमस्कार को English me Sun Salutation कहते हैं। सूर्य नमस्कार के जरिए आपको एक साथ 12 आसनों का फायदा पंहुचाता है।
सूर्य नमस्कार के पीछे का विज्ञान
हमारे देश के इतिहास और विज्ञान को जोड़ कर देखें तो पता चलता है कि सूर्य नमस्कार करने का क्या फायदा होता है। प्राचीन समय में तपस्वियों द्वारा कहा जाता था कि शरीर को चलाने वाले विभिन्न अंग, अलग अलग देवताओं के द्वारा संचालित होते हैं। जबकि विज्ञान के नज़रिए से पता चलता है कि शरीर के हर अंग को चलाने के लिए एक दिव्य प्रकाश होता है। इसी तरह हमारी नाभि के पीछे ही होता है मणिपुर चक्र। यह चक्र सूर्य से संबंधित और इसे मानव शरीर का केंद्र भी कहा जाता है।
Main points
योग और विज्ञान दोनो ही बताते हैं कि जो व्यक्ति सूर्य नमस्कार को रोजाना करता है तो इससे उसकी (Creativty) या रचनात्मकता और अंतर्ज्ञान बढ़ता है।
योग के जानकार बताते हैं कि आमतौर पर मणिपुर चक्र एक आंवले जितना बड़ा होता है। लेकिन जो भी लोग सूर्य नमस्कार का अभ्यास करते हैं, उनका चक्र इससे तीन या चार गुना बढ़ा हो जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि जितना बड़ा मणिपुर चक्र उतनी ही बेहद स्थिरता और अंतर्ज्ञान हो जाता है।
सूर्य नमस्कार मंत्र
सूर्य नमस्कार का एक मंत्र भी है जो हमे यह बताता है कि सूर्य नमस्कार करने से हमे क्या फायदा होता है।
सूर्य नमस्कार मंत्र
आदित्यस्य नमस्कारन् ये कुर्वन्ति दिने दिने।
आयुः प्रज्ञा बलम् वीर्यम् तेजस्तेशान् च जायते॥
अर्थ – Surya Namaskar Mantra का अर्थ है, कि जो भी लोग सूर्य को नमस्कार करते हैं, उनकी उम्र, प्रज्ञा, शक्ति, तेज और वीर्य बढ़ जाता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे – Benefits of Surya Namaskar in Hindi
यूं तो एक्सरसाइज या योग करने के फायदे ही होते हैं। लेकिन सूर्य नमस्कार इनमें सबसे खास हैं। सूर्य नमस्कार के जरिए ना केवल आपका मन एकाग्र होता है बल्कि आपकी रचनात्मकता भी बेहतर होती है। इसके अलावा सूर्य नमस्कार के अन्य भी कई फायदे हैं। चलिए जानते हैं Surya Namaskar Ke Fayde….
सिक्स सेन्स के लिए
अगर आप नियमित रूप से ध्यान लगाते हैं या फिर सूर्य नमस्कार करते हैं, तो इससे हमारा मणिपुर चक्र बादाम के आकार का हो जाता है। इसके बाद यह धीरे धीरे हथेली के आकार होने लगता है। योग गुरू इसे दूसरा मस्तिष्क भी कहते हैं। इस आसन से आपका ध्यान एकाग्र हो जाता है। एवं सिक्स सेन्स डेवलप होने लगता है।
तनाव दूर करने में सूर्य नमस्कार के लाभ
आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग कभी किसी बात को लेकर तनाव में आ जाते हैं, तो कभी किसी बात को। ऐसे में खुद को तनाव से दूर करने के लिए सूर्य नमस्कार किया जा सकता है। दरअसल जब आप सूर्य नमस्कार करते हैं तो आपको गहरी सांस लेनी होती है, इससे आप अंदर से रिलैक्स होते हैं दिमाग शांत होने लगता है। इसलिए कहा जा सकता है कि तनाव में सूर्य नमस्कार के फायदे होते हैं।
नींद ना आने की समस्या में फ़ायदेमंद
नींद ना आना एक ऐसी समस्या है जिसकी वजह से ना तो आपका दिमाग शांत होता है, और ना ही आपके अंदर ऊर्जा रहती है। इससे आपकी रोजाना के काम काज पर भी असर पड़ता है। ऐसे में सूर्य नमस्कार आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है। इसे रोजाना करने से आप बहुत रिलैक्स महसूस करते हैं जिससे आपको अच्छी नींद आने लगती है।
हड्डियों के लिए सूर्य नमस्कार के फायदे
बढ़ती उम्र और फिजिकल एक्टिविटी के कम होने का असर हमारी हड्डियों पर भी पड़ता है। इसके अलावा पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में सूर्य नमस्कार सुबह के समय करने से आपको सूरज के जरिए विटामिन डी प्राप्त होता है। यह आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है।
शरीर की मुद्रा करता है बेहतर
कई बार आपने लोगों के बॉडी पॉस्चर पर गौर किया होगा। कुछ लोग अधिक झुक कर चलते हैं, या झुक कर बैठते हैं। या फिर बहुत से काम काज की वजह से उनके शरीर की बनावट बेकार दिखने लगती है। वही इस समस्या से निपटने के लिए भी सूर्य नमस्कार किया जा सकता है। सूर्य नमस्कार के जरिए बॉडी अपने सही पॉस्चर पर आने लगती है।
पाचन क्रिया के लिए
ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी पाचन क्रिया खराब होती है। जिसकी वजह से ना केवल उनका वजन बढ़ता रहता है बल्कि उनका पेट हमेशा भारी पर रहता है। लेकिन सूर्य नमस्कार करने से शरीर में पाचन ठीक करने वाला रस अधिक बनने लगता है। इससे पाचन शक्ति बेहतर होती है और पेट के अंदर गैस नहीं बनती। इससे पेट हल्का भी रहता है।
वजन कम करने में Surya Namaskar Ke Fayde
बढ़ता वजन अक्सर कई नई समस्याओं को न्यौता देता है। ऐसे में अपने वजन को संतुलित करने या वजन कम करने में भी सूर्य नमस्कार के फायदे देखे गए हैं। दरअसल सूर्य नमस्कार आपकी पाचन क्रिया पर काम करता है और इसे करने से पूरे शरीर पर जोर आता है, जिसकी वजह से बहुत कैलोरीज बर्न होती हैं। इसी तरह सूर्य नमस्कार करने से वजन भी कम होता है।
शरीर होता है लचीला
अगर आप किसी प्रकार की कोई कसरत या फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते तो इसकी वजह से लचीला पन कम हो जाता है। अगर उम्र के 25 से ज्यादा हो जाए तो यह समस्या और गंभीर हो जाती है। ऐसे में शरीर को लचीला बनाए रखने के लिए आप सूर्य नमस्कार कर सकते हैं।
पाइल्स और कब्ज से राहत
पाइल्स और कब्ज ऐसी समस्याएं हैं जिसका लोग अक्सर मज़ाक तक बना देते हैं। लेकिन जो भी लोग इस समस्या से जूझते हैं, वह ही इसकी तकलीफ़ जानते हैं। कब्ज और पाइल्स से निपटने के लिए आप सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। यह पाचन क्रिया को सही करता है जिससे कब्ज की समस्या खत्म हो जाती है।
एकाग्रता बढ़ाने के लिए
आज के समय में हर एक चीज आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसे में एकाग्रता बढ़ाने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। इसके जरिए आपका मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है। इसके अलावा आप सूर्य नमस्कार के जरिए आध्यात्म की ओर बढ़ने लगते हैं।
स्किन के लिए सूर्य नमस्कार के लाभ
सूर्य नमस्कार करने के फायदे आपको स्किन पर भी देखने को मिलते हैं। इस आसन को नियमित रूप से करने से खून का रिसाव शरीर में बेहतर होता है। इससे आपकी स्किन भी चमकदारो और मुलायम होने लगती है।
मासिक धर्म में
महिलाओं को पीरियड्स सही समय पर ना होने की वजह से बहुत सी समस्या हो सकती है। ऐसे में आप पीरियड्स के समय या रेगुलर करने के लिए सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जिन्हे इस आसन से लाभ हुआ है।
ब्लड सर्कुलेशन के लिए
सूर्य नमस्कार एक बहुत ही अच्छी फिजिकल एक्टविटी है। इसके जरिए आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने लगता है। इसके अलावा आप पूरे दिन ऊर्जा वान रहते हैं।
डिटॉक्स करने में मिलती है मदद
इस आसन के करने से आपके फेफड़े अधिक खुलते हैं और उनमे अधिक हवा भरती है। इससे अधिक मात्रा में खून तक ऑक्सीजन पंहुचता है, जिसकी वजह से शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरी ज़हरीली गैस बाहर कि ओर निकलने लगती हैं।
रीढ़ की हड्डी होती है मजबूत
इंसान के शरीर का बोझ रीढ़ की हड्डी उठाती है। ऐसे में जरूरी है कि यह पूरी तरह मजबूत रहे। अगर आपको भी अपनी रीढ़ की हड्डी मजबूत करनी है तो आप भी सूर्य नमस्कार करना शुरू कर दें।
सूर्य नमस्कार करने का तरीका – Steps of Surya Namaskar in Hindi
योग करने का फायदा तभी होता है जब आप इसे सही तरीके से करें। इसलिए अब हम आपको सूर्य नमस्कार के steps के बारे में बताएंगे। लेकिन इससे पहले आपको याद दिला दें कि सूर्य नमस्कार 12 आसनों से बन कर मिला है। इसलिए जरूरी है कि आप सूर्य नमस्कार आसन स्टेप्स को पूरी तरह फॉलो करें। दोस्तों अब सूर्य नमस्कार के स्टेप को जानने के लिए अंत तक पढ़े
सूर्य नमस्कार का पहला स्टेप प्रणामासन
यह सूर्य नमस्कार का पहला आसन है। प्रणामआसन करने के लिए आप सबसे पहले जमीन पर चद्दर या मैट बिछा कर खड़े हो जाएं। इस आसन में आपको अपने दोनो पैरों को मिलाकर खड़ा होना होगा। इसके बाद अपने दोनो हाथों को जोड़े और छाती के पास लगाएँ। इसी तरह जिस तरह नमस्ते या पूजा करते समय हाथ जोड़ते हैं।
दूसरा स्टेप में हस्तउत्तनासन
अब आप जिस अवस्था में हाथ जोड़ कर खड़े थे। उसे ऊपर की ओर ले जाएं। अब अपनो जुड़े हुए हाथों को ही जितना हो सके पीछे की ओर ले जाएं। ध्यान रहे इस दौरान आपकी कमर पीछे की ओर झुकी रहनी चाहिए।
Step 3 पादहस्तासन
अब आपको अपनी कमर को आगे की ओर झुकाते हुए हाथों से अपने पैर के पिछले हिस्से के एड़ियो को छूना होगा। इस दौरान आपका सिर घुटनो पर सटा होगा और घुटने पूरी तरह सीधे होंगे।
अश्व संचालनासन है सूर्य नमस्कार का चौथ स्टेप
अब अपने दोनों पैरों को पीछे में से एक पैर को पीछे की ओर ले जाएं। और हाथों को आगे कि ओर ले जाकर जमीन पर रखें। इस दौरान आपका एक पैर पीछे की ओर बिल्कुल सीधा होगा और दूसरा पैर आगे की ओर मुड़ा हुआ होगा। एवं अपना सिर ऊपर की ओर रखे और चेस्ट बाहर तथा कमर सीधी रखें।
दंडासन है पाचवा स्टेप
अब अपने दोनों पैरों की पीछे की तरफ सांस छोड़ते हुए ले जाएं। एवं अपने हाथों को इसी अवस्था में रहने दे। आपको डिप्स मारने वाली पोजिशन में रहना है। कमर मुड़े नहीं इस बात का खास ध्यान रखें।
अष्टांग नमस्कार छठवा स्टेप
अब आपको नीचे जमीन पर पेट के बल ही आना है। अपने माथें, हाथों, घुटनों और चेस्ट को जमीन से लगा कर रखनी है। इस दौरान सांस को रोक कर रखना होगा। ध्यान रहे कि आपका पेट का एरिया हवा में होगा।
सूर्य नमस्कार सांतवा स्टेप है भुजंगासन
इसके बाद अपने सिर को ऊपर की ओर उठाते हुए पीछे की ओर ले जाना है। इस दौरान आपकी सिर ऊपर की तरफ एवं पीछे होना चाहिए।
पर्वतासन शवासन स्टेप आंठवा
इस आसन को अधामुखासन के नाम से भी जाना जाता है। इसके लिए आपको अपना आकार पहाड़ की तरह करना होगा। इसके लिए अपने पैरों को पीछे और हाथों को आगे ले जाएं। अब अपने हिप्स वाले एरिया को ऊपर की ओर लेजाना होगा। ध्यान रहे इसमें आपके हाथ आगे कि तरफ सीधे होंगे। एवं पैर पीछे की तरफ होंगे। कुल मिलाकर आपको अपने शरीर से खुला हुआ त्रिकोण एंगल बनाना है।
Step 9 अश्व संचालनासन
अब आप धीरे धीरे और गहरी सांस ले और पैरों को पीछे की ओर ले जाएं। अब अपने एक पैर को आगे की तरफ लाएं और आसमान की ओर देखें। ध्यान रहे हाथ जमीन पर और निगाह ऊपर की तरफ होनी चाहिए। ( इस स्टेप में आपको अपने उस पैर को आगे लाना है, जिसे आपने चौथे स्टेप में सीधा रखा था।)
स्टेप नंबर 10 पादहस्तासन
अब अपने कमर को आगे की ओर मोड़ते हुए घुटने पर सिर लगाएँ। तथा एड़ियो को अपने हाथ से छूकर रखें।
स्टेप नंबर 11 हस्तउत्तनासन
अब पहले की अवस्था में खड़े होकर अपने हाथों को पहले ऊपर की तरफ और फिर पीछे की तरफ जोड़ कर ही ले जाएं। इस दौरान पैरों को खोल कर खड़ा होना होगा। यह ठीक उल्टे आधे चाँद जैसा पोज होगा।
12 स्टेप नंबर प्रणामासन
अब आप वापिस सबसे पहले वाले आसन में आ जाएं। अपने हाथों को जोड़ कर रखें और पैरों को मिला कर रखें।
इस तरह सूर्य नमस्कार के 12 स्टेप पूरे हो गए हैं।
सूर्य नमस्कार से जुड़ी सावधानियां एवं नुकसान
दोस्तों जिस तरह किसी चीज के फायदे होते हैं, उसी तरह नुकसान भी होते हैं। लेकिन सूर्य नमस्कार के मामले में नुकसान तभी देगा, जब आप किसी अवस्था में हो। यानी किसी बीमारी या कुछ शारीरिक स्थिति खराब होने पर ही यह आपको नुकसान पंहुचा सकता है। इसलिए इन अवस्थाओं में सूर्य नमस्कार ना करें।
यह लोग ना करें सूर्य नमस्कार वरना होगा नुकसान
- ऐसी महिलाएं जो गर्भावस्था के तीन महीने पार कर चुकी हों वह इस आसन को ना करें। अगर वह करती हैं तो केवल डॉक्टर से पूछ कर ही इस आसन को करें।
- हार्निया और हाई ब्लड प्रेशऱ के मरीज इस आसन को करने की गलती ना करें। अगर वह करना चाहते हैं तो किसी विशेषज्ञ की सलाह पर ही इसे करें।
- अगर आपको पहले से ही पीठ दर्द की समस्या है तो भी आपको यह आसन नहीं करना चाहिए। इससे आपका पीठ दर्द और अधिक बढ़ जाएगा।
- अगर किसी महिला को पीरियड्स हो रहे हैं तो वह उस समय यह आसन ना करें। इससे उन्हे नुकसान हो सकता है।
निष्कर्ष – Conclusion
दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको Benefits of Surya Namaskar, Steps of Surya Namaskar और Surya Namaskar Mantra से जुड़ी तमाम बाते बता दी हैं। इसके अलावा हमने आपको यह भी बताया कि सूर्य नमस्कार किन लोगों को नहीं करना चाहिए। अब अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपनो दोस्तो के साथ शेयर जरूर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
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क्या सूर्य नमस्कार का मंत्र भी है?
हां, इस योगासन का एक मंत्र भी है।
-
क्या गर्भवती महिला इस आसन को कर सकती है?
नहीं, लेकिन इस बारे में आप डॉक्टर से राय लेकर फैसल कर सकते हैं।
-
क्या पीठ दर्द में यह आसन करना चाहिए?
नहीं, पीट दर्द में यह आसन नहीं करना चाहिए।
-
क्या सूर्या नमस्कार सुबह ही फायदेमंद रहता है?
हां, इसके अधिक फायदे आपको सुबह करने पर ही होते हैं।
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