anulom vilom pranayam ke fayde, अनुलोम विलोम प्राणायाम के 12 फायदे और करने का तरीका। Anulom Vilom Pranayam Benefits in Hindi
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अनुलोम विलोम प्राणायाम के 12 फायदे और करने का तरीका। Anulom Vilom Pranayam Benefits in Hindi

आपने सुना ही होगा कि योगा से होगा। यकीनन जो योग से हो सकता है वह तो शायद विज्ञान भी नहीं कर सकता। इसलिए आज हम आपको अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे के बारे में बताएंगे। आप में से बहुत लोगों ने Anulom Vilom Pranayam Ke Fayde के बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन असल में अनुलोम विलोम के कितने लाभ हैं उनके बारे में नहीं जानते होंगे। आप जानते हैं अनुलोम विलोम प्राणायाम को सही तरह से करने पर आप गंभीर से गंभीर बीमारियों से बचे रहते हैं। आज कोरोना के समय में अनुलोम विलोम करने से आप ना केवल अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं बल्कि कई बीमारियों को बड़ी आसानी से मात दे सकते हैं। तो चलिए जानते हैं अनुलोम विलोम के फायदे, नुकसान और इसे करने के तरीके के बारे में। 

क्या है अनुलोम विलोम प्राणायम – What is Anulom Vilom Pranayam in Hindi क्या है अनुलोम विलोम प्राणायम - What is Anulom Vilom Pranayam in Hindi

प्राणायाम एक योगासन है जो सदियों से भारत में किया जा रहा है। हिंदू धर्म के ग्रंथ गीता में भी प्राणायाम का जिक्र है। प्राणायाम के जरिए तनाव से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा यह मन की शांति के साथ दिमाग से जुड़ी बीमारियों के भी ठीक करने का दम रखता है। यही कारण है कि आज के समय में प्राणायाम भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में अपनाया जा रहा है। प्राणायाम में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध  अनुलोम विलोम ही है। 

अनुलोम का मतलब सीधा और विलोम का मतलब उल्टा होता है। अनुलोम विलोम में सीधे नाक के छिद्र से सांस ली जाती है और उल्टे नाक से छोड़ी जाती है। जबकि प्राणायाम शब्द लिया ही संस्कृत से गया है। इसमें प्राण का अर्थ होता है सांस और आयाम का अर्थ होता है लेना और छोड़ना। अब तो आप जान ही गए होंगे कि अनुलोम विलोम प्राणायाम क्या है। 

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अनुलोम विलोम प्राणायाम करने का तरीका – How To Do Anulom Vilom Pranayam in Hindi

दोस्तों अब तक आपने जाना कि अनुलोम विलोम प्राणायाम क्या है। अब हम आपको बताएंगे कि इसे करने का सही तरीका क्या है और इसे किस समय और कितनी देर तक किया जा सकता है। अनुलोम विलोम करने के तरीके जानने के बाद हम जानेंगे अनुलोम विलोम के लाभ के बारे में।

अनुलोम विलोम करने की सही विधि या तरीका और समय 

  • सबसे पहले आप एक आरामदायक आसन में जमीन पर बैठ जाएं। इसके लिए पद्मासन सबसे बेहतर होता है। लेकिन अगर आपको कोई परेशानी हो तो आप चौकड़ी मार कर या फिर कुर्सी पर भी बैठ कर अनुलोम विलोम कर सकते हैं। 
  • अब अपनी कमर को बिल्कुल सीधा रखें
  • अब आप अपने सीधे हाथ से अपने दाहिने नाक के छिद्र को अंगूठे की मदद से बंद कर दें और बाई छिद्र से आराम से और गहरी सांस लें।
  • इसके बाद अपनी एक उंगली से बांई नाक के छिद्र को बंद करें और दांई ओर से सांस आराम आराम से छोड़ दे। 
  • इसी तरह दूसरी ओर से भी करें। 
  • इस तरह आप अनुलोम विलोम प्राणायाम सही तरह से कर पाएंगे।
  • आप अनुलोम विलोम सुबह खाली पेट कर सकते हैं। इसके लिए 10 से 20 मिनट तक समय काफी होगा।

अनुलोम विलो प्राणायम के फायदे – Anulom Vilom Pranayam Benefits in Hindiअनुलोम विलो प्राणायम के फायदे - Anulom Vilom Pranayam Benefits in Hindi

दोस्तों जैसे कि हमने आपको ऊपर भी बताया था कि अनुलोम विलोम के फायदे बहुत से हैं। बल्कि इतने हैं कि इन्हे जानकर आप हैरान रह जाएंगे और रोजाना इसे करना शुरू कर देंगे। अब हम आपको अनुलोम विलोम के फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे इसलिए हमारे इस लेख पर अंत तक बने रहें। 

अनुलोम विलोम के फायदे मन और मस्तिष्क को शांत रखने में

आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति बेचैनी और तनाव जैसी समस्याओं से घिरा हुआ है। हर व्यक्ति चाहता है कि उसे किसी भी तरह बस शांति मिल जाए। अगर आप भी इस तरह का कुछ ढूंढ रहे हैं तो यकीन मानिए इसका जवाब है अनुलोम विलोम प्राणायाम। रोज सुबह आप अगर अनुलोम विलोम करते हैं तो आपको यकीनन शांति का एक अलग ही एहसास होगा। 

डिटॉक्स के लिए अनुलोम विलोम

आज के वक्त में खराब खान और दिनचर्या की वजह से शरीर में कई तरह की जहरीली गैस या पदार्थ पैदा होने लगते हैं। जिसका असर ना केवल हमारी सेहत पर पड़ता है बल्कि हमारी त्वचा भी खराब होने लगती है। ऐसे में खुद को डिटॉक्स रखने के लिए आप अनुलोम विलोम प्राणायाम का सहारा ले सकते हो।

रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए प्राणायाम 

बदलते मौसम की मार और बेकार खानपान की वजह से अक्सर लोग बहुत अधिक बीमार पड़ने लगते हैं। रोजाना बीमार होने के कारण वह जिंदगी की भागदौड़ में अक्सर पिछड़ने लगते हैं। ऐसे में उन लोगों के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम करना बेहद जरूरी है। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होगी। यानी वह अधिक बीमार नहीं पड़ेंगे और अगर वह बीमार हो भी जाते हैं तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होने की वजह से जल्दी ही ठीक भी हो जाते हैं। 

त्वचा पर चमक के लिए प्राणायाम

अनुलोम विलोम किसी चमत्कार से कम नहीं है। जो लोग अपनी त्वचा को हमेशा चमकदार बनाए रखने में दिलचस्पी लेते हैं उनके लिए तो यह बेहद जरूरी है। जैसे कि हमने आपको ऊपर भी बताया कि यह बॉडी को डिटॉक्स करने का काम करती है, इसकी इसी खासियत की वजह से यह त्वचा को भी लाभ पंहुचाती है। हालांकि इस पर अभी ऐसा कोई शोध नहीं हुआ है जो यह साबित करे कि यह त्वचा के लिए फायदेमंद है। लेकिन इसके कारण होने वाली प्रक्रिया तो यही बताती है कि अनुलोम विलोम के जरिए त्वचा का भी ख्याल रखा जा सकता है।

रक्त संचार के लिए अनुलोम विलोम करने के लाभ

रक्त संचार की समस्या बेहद आम और खतरनाक है। लेकिन अनुलोम विलोम करने के लाभ अक्सर रक्त संचार में भी देखे जाते हैं। अनुलोम विलोम के जरिए सिस्टोलिक रक्तचाप और डायस्टोलिक रक्तचाप को भी संतुलित किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे इसका लाभ आपको तभी प्राप्त होगा जब आप इसे नियमित रूप से रोजाना करेंगे। क्योंकि दोस्तों कोई भी चीज एक ही दिन में असर नहीं दिखाती।

वजन कम करने में अनुलोम विलोम प्राणायाम के लाभ

वजन बढ़ना एक गंभीर समस्या मानी जाती है। बढ़ता वजन व्यक्ति को भीतरी रूप से भी बीमार बनाने लगता है। इसके अलावा वजन बढ़ने के कारण व्यक्ति जल्दी थक जाता है और तनाव में रहने लगता है। ऐसे में रोजाना अनुलोम विलोम करना बेहद फायदेमंद हो सकता है। तो अब सोचना कैसा दोस्तो वजन कम करने के लिए आपको केवल एक छोटा सा और आसान योगासन करना है और आपका वजन कम होने लगेगा।

कब्ज दूर करता है प्राणायाम

पेट से संबंधित समस्याएं व्यक्ति को बेहद परेशान कर देती हैं। ऐसे में अनुलोम विलोम की पैरवी विज्ञान भी करता दिखाई देता है। हाल ही में हुए कई शोध कई मुताबिक प्राणायाम के जरिए कब्ज जैसी भयंकर समस्या से भी निजात हासिल की जा सकती है। लेकिन इसका लाभ तभी होगा जब आप इसे करने की सही प्रक्रिया को समझ जाएंगे। ऐसे में आपको केवल एक छोटा सा काम करना होगा आपको केवल एक अनुभवी योगा इंस्ट्रक्टर की मदद लेनी होगी।

मधुमेह में करें अनुलोम विलोम

मधुमेह या डायबिटीज एक गंभीर समस्या है। इस बीमारी की वजह से शरीर में कई तरह की अन्य बीमारियां भी पैदा हो जाती हैं। ऐसे में मधुमेह के मरीजों को अनुलोम विलोम करने का लाभ हो सकता है। हाल ही में हुआ एक शोध बताता है कि रोजाना सही तरह से अनुलोम विलोम करने से रक्त में शर्करा का स्तर कम हो जाता है। इसलिए डायबिटीज 2 के मरीज रोजाना इसका अभ्यास कर सकते हैं। 

फोकस बढ़ाने के लिए 

फोकस की समस्या सबसे अधिक अगर किसी को होती है तो वह होते हैं छात्र। पढ़ते लिखते समय या फिर खेलते समय भी फोकस बने रहना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में अगर आप अनुलोम विलोम करते हैं तो इससे आपका फोकस भी बेहतर होने लगता है। दरअसल अनुलोम विलोम प्राणायाम की प्रक्रिया के जरिए नर्वस सिस्टम को नियंत्रित के साथ साथ मस्तिष्क की न्यूरोनल गतिविधियों में भी सुधार हो सकता है। अनुलोम विलोम की  इस क्रिया की वजह से ही एकाग्रता बढ़ाने लगती है। 

हृदय स्वास्थ्य के लिए 

हृदय से जुड़ी बीमारी आज के समय में किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती है। पहले यह समस्या केवल एक उम्र के बाद ही होती थी। लेकिन खराब जीवनशैली की वजह से आज यह समस्या छोटी उम्र में भी होने लगी है। वहीं अनुलोम विलोम हृदय के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है। दरअसल अनुलोम विलोम से हृदय की गति और उसमें आए परिवर्तन को भी नियंत्रित किया जा सकता है

माइग्रेन की समस्या

माइग्रेन में अनुलोम विलोम के फायदे हैं। माइग्रेन के अंदर व्यक्ति को बहुत ही जोर का सिर दर्द होने लगता है। यह दर्द कभी आधे सिर में होता है तो कभी पूरे सिर में। माइग्रेन की एक वजह चिंता या  तनाव भी हो सकता है। लेकिन प्राणायाम ऐसे में बहुत लाभदायक हो सकता है।  ऐसे कई शोध हो चुके हैं  जो बताते हैं कि अनुलोम विलोम करने से तनाव या चिंता कम होती है जिससे माइग्रेन भी कम होने लगता है।

गठिया की समस्या

अनुलोम विलोम प्राणायाम हड्डियों के लिए भी लाभदायक है। गठिया एक ऐसी समस्या होती है जिसमें व्यक्ति के जोड़ों में असहनीय दर्द होता है और इसके अलावा जिस भी भाग में यह दर्द पैदा होता है वहां से बल लगाने की क्षमता कम होने लगती है। वहीं अनुलोम विलोम हृदय और डायबिटीज 2 के अलावा अर्थराइटिस में भी फायदेमंद हो सकता है। ऐसा हम नहीं हाल ही में हुए कई शोध बताते हें। 

अनुलोम विलोम के लिए कुछ अन्य टिप्स – Tips For Anulom Vilom

दोस्तों अब तक आपने जाना कि अनुलोम विलोम के कितने फायदे हैं। अब हम आपको कुछ सावधानियां और अन्य टिप्स बता रहे हैं जिन्हें फॉलो करने से आपको अत्यधिक फायदा होगा। 

अनुलोम विलोम करने के टिप्स

  • सुबह खाली पेट अनुलोम विलोम करने अधिक फायदेमंद हो सकता है। 
  • भोजन के तुरंत बाद इसे ना करें। इससे आपको नुकसान भी हो सकते हैं।
  • अनुलोम विलोम करने से पहले अपनी बैठने की पोजीशन को ठीक रखें। 
  • अगर आपको किसी तरह की कोई बीमारी या समस्या है तो आप इसे केवल विशेषज्ञ की सलाह पर ही करें। 

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तो आपने जान लिया है कि आखिर किस तरह अनुलोम विलोम प्राणायाम किया जाता है। इसके अलावा आपने इसके फायदे भी जान लिए हैं। अगर आप इससे संबंधित कुछ सवाल करना चाहते हैं तो कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. क्या अनुलोम विलोम खाने के बाद कर सकते हैं?

    नहीं, खाने के तुरंत बाद अनुलोम विलोम करना नुकसान पंहुचा सकता है।

  2. इसे करने का सही समय सुबह है या शाम को?

    आप इस योगासन को सुबह खाली पेट ही करें तो ही यह आपको अधिक लाभदायक होगा।

  3. क्या अनुलोम विलोम के जरिए किसी बीमारी का उपचार हो सकता है?

    इस मामले में कुछ भी कह पाना संभव नहीं है। हालांकि कई बीमारियों में यह आराम पंहुचाता है।

  4. कितनी देर प्राणायाम करना सही होगा?

    आप रोजाना 10 से 20 मिनट तक अनुलोम विलोम कर सकते हैं।

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