आंत के रोग और राहत पाने के 10 तरीके। Gut Means in Hindi
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आंत के रोग और राहत पाने के 10 तरीके। Gut Means in Hindi

Main points

About Gut Means in Hindi. हमारे शरीर में बहुत से ऑर्गन और अंग हैं जो अलग – अलग काम करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर में दो मस्तिष्क होते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं Intestine (Gut) Meaning in Hindi यानी आंत की। गट को विज्ञान दूसरे मस्तिष्क ही मानता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गट को काम करने के लिए मस्तिष्क के निर्देश की आवश्यकता नहीं होती। आंत हमारे शरीर के उन ऑर्गन में से एक है, जिसके जरा से बिगड़ने पर हम बहुत बड़ी मुसीबतों में फंस जाते हैं। आप शायद यह भी ना जानते हों कि आंत एक नहीं बल्कि दो होती हैं। इनमें से एक गट आपके शरीर के अंदर सभी पोषक तत्वों अवशोषित करती है, तो वहीं दूसरी आंत पानी को अवशोषित करने का काम करती है।

आंत में व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखने का भी कार्य करती है। अगर आपको आंतों में इन्फेक्शन, आंतों में सूजन, गैस बनने जैसी समस्या है तो यह आपके लिए अधिक सावधान होने वाली बात है। क्योंकि आंत से जुड़ी छोटी छोटी समस्याएं शरीर को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं। ऐसे में अगर आप Intestine Means in Hindi यानी आंत से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं। या फिर आंत का ख्याल कैसे रखें और गट्स से जुड़ी बीमारियों के लक्षणों के बारे में किसी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो आप हमारे इस लेख पर अंत तक बने रहें। आइए जानते हैं सबसे पहले क्या है Gut (Intestine) Meaning in Hindi। 

आंत (Intestine) क्या है  – Gut means in Hindi आंत (Intestine) क्या है  - Gut means in Hindi 

आंत हर व्यक्ति के शरीर में दो होती हैं। यह यह हमारे शरीर में आहार नली का हिस्सा होती है, जो पेट से लेकर गुदे तक फैली हुई होती है। हम जो कुछ भी खाते पीते हैं, उसमें से विटामिन्स मिनरलस और पोषक तत्वों छोटी आंत के जरिए एब्सोर्ब होते हैं। वहीं बड़ी आंत के अंदर पानी अवशोषित होता है। आंत में किसी तरह की समस्या होने का असर हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है। यही कारण है कि गट्स को वैज्ञानिक दूसरा मस्तिष्क भी कहते हैं। गट हमारे मल त्यागने की प्रक्रिया को भी बेहतर सुचारू रूप से चलाने का कार्य करती है। आपने आज तक शायद बहुत से लोगों को कहते हुए भी सुना होगा कि यह मेरी Gut Feeling हैं या फिर आपने कहते सुना होगा कि क्या तुम में बिल्कुल भी गट्स नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे मस्तिष्क से लेकर निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी आंत अपना योगदान देती हैं। 

बड़ी आंत का काम – Work of Large Intestine Meaning in Hindi 

बड़ी गट हमारे शरीर में वेस्ट मटेरियल और भोजन के ऐसे पार्ट को मल में तब्दील करने का कार्य करता है जो पचा हुआ ना हो। साधारण शब्दों में अगर समझे तो बड़ी आंत पानी को अवशोषित करती है और वेस्ट मटेरियल को लिक्विड से मल में तब्दील कर देती है। इसके बाद यह वेस्ट मटेरियल मलाशय में चला जाता है। 

छोटी आंत का काम – Work of Small Intestine (Gut Meaning) in Hindi  

छोटी आंत हमारे शरीर में लीवर, पैंक्रियाज, लिवर और आंत के पाचन रसों में ही भोजन को मिलाती है। इसके बाद इन रसों को मिलाकर पाचन के लिए आगे बढ़ा देती है। अब छोटी आंत की वॉल्स आपके शरीर में पचे हुए भोजन के पोषक तत्व और पानी को एब्सोर्ब करती है। इसके बाद बिना पचा हुआ भोजन और पानी आपकी बड़ी आंत में चला जाता है। जिसके बाद बड़ी आंत इन्हें मल में तब्दील करती है और मलाशय की ओर भेज देती है। 

गट से संबंधित रोग और विकार – Gut Disease Means in Hindi गट से संबंधित रोग और विकार - Gut Disease Means in Hindi 

दोस्तों अब तक आपने Intestine Meaning in Hindi में जान लिया है। अब आपके लिए यह जानना जरूरी है, कि आंत से जुड़े रोग कौन कौन से हैं। ऐसे में अगर आपको आंत से जुड़े किसी प्रकार के रोग हों तो आपको इसका उपचार तुरंत कराना चाहिए। वरना आंत के रोग में लापरवाही बरतने की वजह से इंटेस्टाइन ब्लास्ट भी हो जाती है। आइए जानते हैं Gut से जुड़े रोगों के बारे में।

आंतों के रोग

  • आंतों में सूजन या जठरांत्र शोथ भी कहा जाता है। यह गट की सबसे आम बीमारियों में से एक है।
  • आंतों में रुकावट होना, जिसे आंत्रावरोध भी कहा जाता है।
  • छोटी आंत की सूजन, इसे इलिटिस क्षुद्रांत्र की सूजन के नाम से भी जाना जाता है। 
  • बृहदांत्र शोथ यानी की बड़ी आंत की सूजन। 
  • अपेंडिक्स की समस्या भी आंत का ही रोग है। ऐसे में अगर आपको यह रोग है तो आपको इसका उपचार जल्दी से जल्दी करा लेना चाहिए। क्योंकि यह रोग बेहद घातक है और कई दूसरी समस्याओं को पैदा कर सकता है।
  • एब्डोमिनल कैविटी रोग भी आंत से संबंधित है। इसमें व्यक्ति हर्निया, फिस्टुला, रिट्रेक्टाइल मैसेंटैरीटीज आदि समस्याएं हो जाती हैं।
  • क्रोहन का रोग एक ऐसी समस्या है जो ट्रेक्ट में सूजन की वजह से पैदा होती है। इस बीमारी के दौरान व्यक्ति का वजन तेजी से घटता है। इसके अलावा थकान, डायरिया जैसी समस्या भी इसी आंत के रोग की वजह से होती है।

आंतों के विकार 

  • इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या होना बड़ी आंत का विकार है। इसमें व्यक्ति को पेट में दर्द, ऐंठन, पेट फूलना, गैस और कब्ज जैसी दिक्कत होने लगती है। यह बेहद आम समस्या है। लेकिन इसे हल्के में लेना बहुत भारी पड़ सकता है।
  • डायवर्ट क्लोसिस यह एक ऐसी समस्या है जो बड़ी आंत में होती है, लेकिन यह छोटी आंत को भी नुकसान पहुंचा सकती है। यह तब होती है जब सूजन की वजह से आंत की वॉल्स में पाउच बन जाते हैं। 
  • ट्विस्टेड बाउल इस समस्या में आंत मुड़ जाती है। जिसका पता समान रूप से नहीं चलता है। वही यह एक गंभीर समस्या भी है। क्योंकि अगर इसका उपचार समय पर ना कराया जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। 

आंत से जुड़ी बीमारी के लक्षण – Disease Symptoms of Gut in Hindi Means
आंत से जुड़ी बीमारी के लक्षण - Disease Symptoms of Gut in Hindi Means

दोस्तों अब तक आपने जाना कि गट हमारे शरीर में कितने महत्वपूर्ण काम करती है। ऐसे में आंत से जुड़ी हुई बहुत सी बीमारियां भी हैं जिन्हें बहुत गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। क्योंकि अगर आपने आंत से जुड़ी बीमारियों को गंभीरता से नहीं लिया तो यह आपकी इम्यूनिटी से लेकर जान तक ले सकती हैं। आमतौर पर आंत से जुड़ी साधारण बीमारी पेट दर्द, कब्ज होती है। लेकिन कई बार साधारण सी दिखने वाली आंत की यह बीमारी आपकी जान भी ले सकती है। इसलिए चलिए जानते हैं Gut Disease Symptoms means in Hindi के बारे में।

आंत से जुड़ी बीमारियों के लक्षण

  1.  कब्ज की समस्या लंबे समय तक बने रहना आंत से जुड़ी हुई एक बीमारी का लक्षण है।
  2. अगर आपका आपका पेट फूला हुआ लगता है या ट भारी लगता है तो यह आंत की बीमारी का लक्षण है।
  3. अगर आपको पेट में जलन, दर्द, और मरोड़ महसूस होती है तो यह आंत से जुड़ी हुई समस्या है।
  4. मल के साथ खून आना यह भी गट से जुड़ी हुई समस्या है।
  5. अगर आपका वजन तेजी से घट रहा है तो यह भी आंत की एक समस्या है।
  6. अगर आपको भूख कम लगती है तो यह आंत से जुड़ी एक समस्या हो सकती है।
  7. क्या आपको गैस की समस्या हर दूसरे दिन बनी रहती है तो यह भी आंत की बीमारी के लक्षण है। 
  8. ऐसे लोग जिनके मुंह या शरीर से दुर्गंध आती हो, तो बता दें कि यह भी आंत से जुड़ी बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। 
  9. अगर आपकी इम्यूनिटी बेहद कमजोर है तो यह आंत के इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है।

हेल्दी गट्स (आंत) रखने के तरीके  –  Ways to Keep Gut Healthy in Hindiहेल्दी गट्स (आंत) रखने के तरीके  -  Ways to Keep Gut Healthy in Hindi

दोस्तों अब तक आपने आंत से जुड़े हुए रोगों के बारे में बहुत सी जानकारी हासिल की है। अब बात करते हैं कि आप आंत को सुरक्षित रखने के उपाय के बारे में। हम आपको ऐसी कुछ खाद्य सामग्रियों और अन्य उपाय के बारे में बताएंगे, जो आपकी आंत को पूरी तरह बीमारियों से बचाकर भी रखेगी और आंत को तंदुरुस्त भी बनाएगी।

पानी से हेल्दी गट्स 

दोस्तों अगर आपको अपनी आंत या गट्स को पूरी तरह हेल्दी रखना है, तो इसके लिए आपको खुद को हाइड्रेट रखना होगा। रोजाना अगर आप 8 से 10 गिलास तक पानी पीते हैं तो इससे आपकी आंत तंदुरुस्त रहती है और अपने काम सही प्रकार करती रहती है। 

आम का सेवन आंत के लिए

दोस्तों आम खाना किसे पसंद नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आंत को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए आप आम का सेवन कर सकते हैं। आपको बता दें कि आम के अंदर पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है। यह आपकी आंत को हेल्दी करने का काम करता है।

फाइबर युक्त पदार्थ

अगर आप को अपनी आंत का ख्याल रखना है तो ध्यान रहे कि इसके लिए आपको फाइबर युक्त पदार्थ का सेवन करना होता है। फाइबर के लिए आप साबुत अनाज, नट्स और कई सब्जियों आदि का सेवन कर सकते हैं। यह आपकी आंत को दुरुस्त करने का काम करेगी।  लेकिन ध्यान रहे कि फाइबर का सेवन करें तो पानी का सेवन भी करते रहें। 

लहसुन से आंत का रखें ख्याल

लहसुन महज एक सब्जी नहीं, बल्कि एक जड़ी बूटी भी है। यह आपको बहुत सी दूसरी बीमारियों से बचाकर रखता है। यही नहीं इसके अंदर पाए जाने वाले  एंटीबैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं। यह आपकी आंत के अंदर स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं और खराब बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि आंत को स्वस्थ रखने के लिए लहसुन का सेवन किया जा सकता है। 

एक्सरसाइज से गट रहेगी हेल्दी

अगर आप एक बेकार जीवन शैली का पालन करते हैं तो यह आपके लिए एक बड़ी समस्या पैदा कर सकती है। ऐसे में अपनी आंत का ख्याल रखने के लिए आप रोजाना 30 से 40 मिनट तक एक्सरसाइज करते रहें। इससे आपकी आंत , शरीर और मस्तिष्क स्वस्थ रहेंगे। एक्सरसाइज का फायदा आपकी पाचन क्रिया, मेटाबॉलिज्म, और इम्यूनिटी पर भी देखने को मिलता है।

डेयरी उत्पाद 

अगर आपको अपनी आंत को स्वस्थ रखना है तो आप अधिक से अधिक मात्रा में डेयरी उत्पादों का सेवन करें। दरअसल डेयरी उत्पादों के अंदर प्रोबायोटिक्स गुण होते हैं। यह गुण आपकी आंत के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने का कार्य करते हैं। साथ ही यह आपको आंत से जुड़ी हुई बहुत सी बीमारियों से भी बचाने का काम करते हैं। 

चॉकलेट से आंत तंदुरुस्त 

चॉकलेट खाना पसंद करते हैं तो बता दें कि यह आपके लिए और आपकी आंत के लिए एक जबरदस्त या यूं कहें कि सुपर फूड है। दरअसल चॉकलेट के अंदर कार्बनिक केमिकल होता है, जो आपकी आंत के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करता है। इससे आपकी आंत तंदुरुस्त रहती है और आप आंत की बीमारियों का शिकार नहीं होते।

नारियल तेल 

नारियल तेल का उपयोग भी आपकी आंत के लिए लाभदायक हो सकता है। आपको बता दें कि नारियल तेल के अंदर एंटीवायरस, जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो आपकी आंत में खराब बैक्टीरिया को मारने के लिए जाने जाते हैं। साथ ही यह एसिडिटी की समस्या को भी कम करने की क्षमता रखते हैं। 

लीन मीट से आंत की देखभाल

अगर आप नॉन वेज खा सकते हैं तो आप लीन मीट का सेवन कर सकते हैं। लीन मीट के अंदर कई प्रोटीन, विटामिन, और दूसरे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह पोषक तत्व आपकी सेहत पर सकारात्मक प्रभाव दिखाने का कार्य करते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि आंत की देखभाल करने के लिए आप लीन मीट का सेवन कर सकते हैं। 

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको Gut Means in Hindi में बता दिया है। अब अगर आप अपनी आंतों का ख्याल रखना चाहते हैं तो आप बताए गई डाइट और उपाय अपना सकते हैं। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या आंत में इन्फेक्शन का असर इम्यूनिटी पर पड़ता है?

हां, आंत के इन्फेक्शन का असर इम्यूनिटी पर भी पड़ता है। इसकी वजह से आप बीमार हो जाते हैं।

क्या लंबे समय तक कब्ज रहना आंत की खराब स्थिति दर्शाता है?

हां, अगर आपको लंबे समय तक कब्ज की समस्या है तो यह बताता है कि आपकी आंत की स्थिति बेहद खराब है।

क्या छोटी आंत और बड़ी आंत के काम अलग – अलग होते हैं?

हां, छोटी आंत जहां पाचन से जुड़े और विटामिन मिनरल्स को एब्सोर्ब करने का काम करती है। वहीं बड़ी आंत आपके वेस्ट मटिरियल को मलाशय तक पहुंचाती है।

क्या आंत को सुरक्षित रखने के लिए डेयरी उत्पाद का सेवन सही रहता है?

हां, आंत के लिए डेयरी उत्पाद का सेवन लाभदायक रहता है।

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