अश्वगंधा के 30 फायदे, नुकसान, सेवन की विधि। Side Effects and Benefits of Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा का इस्तेमाल हमारे समाज में सदिया से किया जा रहा है। पर ज्यादातर लोगों को लगता है कि अश्वगंधा के फायदे केवल यौन संबंध के लिए ही होते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। Ashwagandha Ke Fayde इतने अधिक हैं कि आप शायद इसका अंदाजा भी ना लगा पाएं। इसलिए आज हम आपको Benefits and Side Effects of Ashwagandha in Hindi में बताएंगे। इसके अलावा अश्वगंधा के सेवन की विधि, कीमत, अश्वगंधा की पहचान और इसके पाउडर से जुड़ी तमाम जानकारियां साझा करेंगे। आज के समय में अश्वगंधा के गुणों को ना केवल आयुर्वेद मानता है बल्कि विज्ञान भी इसकी कई मायनों में पैरवी करता दिखाई देता है। इसका उपयोग सदियों से वजन घटाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कई अन्य चीजों में किया जा रहा है। चलिए आज विस्तार से जानते हैं अश्वगंधा खाने के फायदे और नुकसान के बारे में……………
क्या है अश्वगंधा, पहचान और इसके प्रकार – What is Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा का इस्तेमाल सदियों से जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है। अब तक आयुर्वेद में ऐसे कई दावे किए गए हैं जिनमें अश्वगंधा को कई भयंकर बीमारियों के उपचार के लिए कारगर माना गया है। अश्वगंधा का नाम घोड़े यानी अश्व की वजह से रखा गया है। ऐसा कहा जाता है कि अश्वगंधा की पत्तियों से घोड़े के मूत्र एवं पसीने की गंद आती है और इसी की वजह से इसका नाम अश्वगंधा पड़ा है। आयुर्वेदिक शोधकर्ताओं का मानना है कि अश्वगंधा के सेवन से अश्व जैसी ताकत और यौन शक्ति मिलती है। अश्वगंधा दो प्रकार के होते हैं।
छोटी अश्वगंधा
छोटी अश्वगंधा की झाड़ी छोटी होती है, जबकि इसके जड़े काफी बड़ी पाई जाती है जिसकी वजह से ही इसे छोटी अश्वगंधा कहा जाता है। इसकी पैदावार सबसे अधिक राजस्थान के नागौर में होती है और यंहा की जलवायु की वजह से यह और भी प्रभावित हो जाती है। छोटी अश्वगंधा को नागौरी अश्वगंधा भी कहा जाता है।
Main points
बड़ी अश्वगंधा
बड़ी अश्वगंधा को देशी भी कहा जाता है, इसकी जड़े पतली और बेहद छोटी होती हैं। जबकि इसकी झाड़ी बड़ी होती है। यह बाग- बगीचे और पहाड़ी स्थानों में सामान्य रूप में पाई जाती है। इसके भीतर से घोड़े की मूत्र की गंध आती है जिसके कारण इसका नाम भी अश्व से संबंधित है। कहा जाता है कि इसके सेवन से आदमी में घोड़े जैसा बल और यौन संबंध बनाने की ताकत आ जाती है।
अश्वगंधा की पहचान
अगर आप इसे खरीद कर या तोड़ कर ला रहे हैं तो इसके असली होने की पहचान है इसकी गंध। कहते हैं कि अश्वगंधा के पत्तों में से घोड़े के पसीने की और उसके मूत्र की गंध आती हैं और यही अश्वगंधा के असली होने की पहचान है।
अश्वगंधा के नाम अन्य भाषाओं में
अश्वगंधा को अलग अलग भाषाओं में अलग नामों से जाना जाता है। इसें अंग्रेजी में Winter Cherry और Poisonous Gooseberry कहते हैं। हिन्दी में इसे असगंध, पुनीर, नागोरी असगंध और अश्वगंधा के नाम से जाना जाता है। वहीं पंजाबी में असगंध, उर्दु में असगंध नागौरी, और संस्कृत में वराह कर्णी, वरदा, बलदा, कुष्ठ गंधिनी, अश्वगंधा कहा जाता है। इसके जितने अधिक नाम है उससे अधिक अश्वगंधा खाने के फायदे हैं।
अश्वगंधा के औषधीय गुण
- अश्वगंधा को शरीर के हर भाग के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने वाले गुण होते हैं। इसके अलावा इसके लाभ मस्तिष्क पर भी देखे गए हैं।
- ऐसी ढेरों रिसर्च हो चुकी हैं जो इसके लाभों की गाथा बताती हैं। एक रिपोर्ट में तो इसे पुरुषों के लिए अधिक लाभदायक बताया गया है। रिसर्च के मुताबिक अश्वगंधा के अंदर पाए जाने वाले गुण आदमी को घोड़े जैसी ताकत प्रदान करता है।
- इसके अलावा असगंध में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं जो शरीर में रेडिकल को बनने से रोक सकता है। इसके इस गुण की वजह से एजिंग एवं कई प्रकार की भयंकर बीमारियां भी दूर हो सकती है।
अश्वगंधा के फायदे – Benefits of Ashwagandha in Hindi
दोस्तो जैसे की हमने अब तक आपको अश्वगंधा की पहचान, और यह कितने प्रकार का होता है यह बताया है। अब जरा हम बात करेंगे कि यह किस बीमारी या अवस्था में सबसे अधिक लाभदायक है। हमारा यह दावा है कि अगर आप इस लेख को अंत तक पढ़ेंगे तो आप अपने आपको इसके सेवन करने से रोक नहीं पाएंगे। लेकिन अगर आप किसी तरह की बीमारी से ग्रसित हैं तो केवल असगंध पर ही निर्भर रहना आपको भारी पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं इसके असगंध खाने के लाभ के बारे में।
इम्यूनिटी में असगंध पाउडर के फायदे
अश्वगंधा पाउडर के लाभ इम्यूनिटी बढ़ाने में भी देखे जाते हैं। इसका सेवन हर उस व्यक्ति को करना चाहिए जो अक्सर मोसम के बदलाव के कारण भी बीमार पड़ जाता है। आपको बता दें कि अश्वगंधा में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होता है। इसके कारण शरीर चमत्कारी रूप से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता में असाधारण तरीके से बदलाव कर सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर को ना केवल रोगों से बचाने के लिए जरूरी है, बल्कि किसी बीमारी के हो जाने के बाद आप कितनी तेजी से ठीक होंगे, यह बात भी आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर ही निर्भर करेगी। पहले अश्वगंधा के इन गुणों की तारीफ केवल आयुर्वेद ही करता था, लेकिन अब इसकी पैरवी विज्ञान भी करता दिखाई देता है। इसलिए अगर आप भी अक्सर बीमार रहते हैं तो आप अश्वगंधा का सेवन शुरू कर दें।
तनाव में अश्वगंधा पाउडर के फायदे
आज कल के समय में तनाव होना बेहद आम बात हो गई हैं। लेकिन तनाव के कारण अक्सर कई भयंकर बीमारियां शरीर में जगह बना लेती हैं। ऐसे में तनाव को कम करने के लिए विशेषज्ञ अश्वगंधा पाउडर लेने की सलाह देते हैं। हाल ही में कई शोध हुए हैं जिनमें यह साबित हो चुका है कि अश्वगंधा में एंटी स्ट्रेस गुण मौजूद होते हैं जो व्यक्ति को तनाव से दूर रखने का काम करता है। अगर आपका कोई मित्र या रिश्तेदार आपके सामने तनाव को ठीक करने की बात पूछें तो आप उन्हे अश्वगंधा के बारे में जरूर बताएं। या फिर आप इस लेख को भी अपने लोगों तक पंहुचा सकते हैं।
कैंसर से बचने के लिए अश्वगंधा के लाभ
कैंसर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है जिसके इलाज का खर्च भी बहुत अधिक हैं। यानी अगर किसी आम आदमी को यह समस्या हो जाए तो उसे ठीक करना लगभग नामुमकिन हैं। क्योंकि इसका खर्च भी बहुत ही महंगा है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अश्वगंधा पाउडर का नियमित रूप से सेवन करें तो वह कैंसर से हमेशा बचा रहेगा। आपको बता दे कि हाल ही में एनसीबी ने अपने एक लेख में बताया था कि अश्वगंधा में एंटी -ट्यूमर गुण होते हैं। यह गुण शरीर में ट्यूमर को पनपने से रोकते हैं। यानी अगर आप अपने आपको कैंसर जैसी भयंकर बीमारी से बचाए रखना चाहते हैं तो इसमें असगंध आपकी मदद कर सकता है।
नोट – अश्वगंधा कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता यह केवल आपको कैंसर से बचा कर रखता है। अगर आपको या आपके किसी परिजन को यह बीमारी है तो इसके लिए इलाज करना ही जरूरी है।
डायबिटीज में अश्वगंधा खाने के फायदे
डायबिटीज या मधुमेह ऐसी बीमारी हैं जिससे यह हो जाएं उसे अलग अलग कई बीमारियां अपने आप घेर लेती हैं। आज भारत में ही नहीं दुनियाभर में डायबिटीज के करोड़ों मरीज मौजूद हैं. लेकिन यह लोग शायद यह नहीं जानते कि अश्वगंधा के उपयोग से यह डायबिटीज से छुटकारा पा सकते हैं। साल 2009 में हुए एक रिसर्च के मुताबिक असगंध की जड़ो और पत्तियों में हाइपोग्लाइमिक गुण होता है जो ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में मदद करता है। इस रिसर्च में ऐसे डायबिटीज से जूझ रहे चूंहों को इसके डोज दिए गए थे। इन डोजेज के बाद उनकी हालत में काफी हद तक सुधार देखा गया था। अब शायद आप समझ गए होंगे कि आखिर क्यों अश्वगंधा को डायबिटीज में कारगर बताया जाता है।
कोलेस्ट्रॉल की समस्या में अश्वगंधा चूर्ण के लाभ
उम्र के साथ और बेकार खानपान की वजह से अक्सर लोगों को कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है। वहीं कभी कभी यह इतना अधिक हो जाता है जिससे हार्ट अटैक आने के चांस भी बढ़ने लगते हैं। लेकिन अश्वगंधा के सेवन से कोलेस्ट्रॉल की समस्या को कम किया जा सकता है। आपको बता दे कि असगंध के जरिए ना केवल टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम किया जा सकता है, ब्लकि गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाया भी जा सकता है। इसके अलावा एक रिसर्च में तो यह भी कहा गया है कि अगर एक महीने तक असगंध का सेवन किया जाए तो यह लिपिड लोविंग प्रभाव भी दिखा सकता है।
नींद ना आने पर अश्वगंधा पाउडर खाने के फायदे
आज कल के समय में लोग अपने जीवन की परेशानियों को लेकर इतना चिंता में रहते हैं कि उन्हे नींद तक नहीं आती। जिसका असर उनकी जिंदगी पर भी पड़ता है। लेकिन अगर ऐसा कोई व्यक्ति हो जिसे रात को नींद ना आती हो वह अश्वगंधा ले सकता है। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि जापान के डॉक्टर खुद इस बात पर मौहर लगा चुके हैं। डॉक्टरों को मुताबिक असगंध के पत्तों में डाएथलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक होता है जो गहरी नींद में सोने में मदद कर सकता है। इस लिहाज से यह कहना गलत नहीं होगा कि जिन लोगों को नींद नहीं आती वह अच्छी नींद के लिए अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं।
यौन क्षमता बेहतर बनाने के लिए अश्वगंधा पाउडर के फायदे
आज कल की प्रतिस्पर्धा भरे जीवन का असर आदमी की यौन क्षमता पर भी बहुत होता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह समस्या आज ही पनपी हो, या इसका कोई समाधान ना हो। सदियों से पुरुष यौन शक्ति को बेहतर करने के लिए अश्वगंधा का सेवन करते आ रहे हैं। एक रिसर्च में बताया गया है कि अश्वगंधा ना केवल आदमी की यौन शक्ति को बेहतर बनाता है बल्कि स्पर्म काउंट को भी बढ़ाने का काम करता है।
कम उम्र मे बाल सफेद होना
बालों का नेचुरल रंग सभी को पसंद होता है, लेकिन कई बार बहुत सी वजह के चलते यह कम उम्र में ही सफेद होने लगते हैं। जिससे व्यक्ति का आत्मविश्वास भी कम हो जाता है। लेकिन अश्वगंधा इस समस्या से निपटने के लिए काफी है। दरअसल अश्वगंधा के अंदर पाए जाने वाले पोषक तत्व मेलेनिन के उत्पादन को तेजी से बढ़ा देता है। मेलनिन एक तरह का पिगमेंट होता है जो बालों को साधारण तरह से काला रखने में मदद करता है।
डैंड्रफ की समस्या में अश्वगंधा के लाभ
सुनने में यह समस्या जितनी आम लगती है उतनी ही गंभीर होती है। डैंड्रफ होने की वजह स्ट्रेस भी हो सकता है या फिर कई तरह की अन्य बीमारियां भी डैंड्रफ को जन्म दे देती हैं। आमतौर पर लोगों को सिर में खुजली और लाल चकते हो जाते हैं जिसकी वजह से भी डैंड्रफ हो जाता है। लेकिन अश्वगंधा के नियमित सेवन से इस समस्या को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। यह डैंड्रफ पैदा होने वाली सभी वजह को खत्म करता है जिससे डैंड्रफ खुद ब खुद खत्म हो जाता है।
बालों के लिए फायदेमंद है अश्वगंधा पाउडर
अब तक आपको शायद पता चल गया होगा कि इसके कितने फायदे हैं। लेकिन जनाब यह सूची थोड़ी और लंबी है। इसलिए बने रहें। बालों को मजबूत बनाए रखने और झड़ने से रोकने के लिए लोग बहुत से प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते दिखाई देते हैं। लेकिन केवल अश्वगंधा ही उनकी बालों से जुड़ी समस्या खत्म कर देगा वह यह नहीं जानते। जैसे की हमने आपको बताया ही था अश्वगंधा बालों के लिए कारगर है। दरअसल इसके सेवन से मेलेनिन बढ़ाया जा सकता है, जिसकी वजह से बालों का रंग भी बना रहता है और मजबूत भी रहते हैं।
चोट भरने में असगंध पाउडर के लाभ
अगर आप ऐसा सोच रहे हैं कि इसे सीधा घाव पर चोट पर लगा कर इसे भरा जा सकता है, तो आप कुछ हद तक सही भी हैं। लेकिन यह पूरी तरह चोट को भरने का काम नहीं करता। दरअसल इसमें एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव घाव मे पनपने वाले जीवाणुओं को खत्म करके इंफेक्शन को रोक सकता है। घाव की जगह पर इसका पेस्ट या तेल लगाया जा सकता है।
नोट- चोट के गहरा होने पर डॉक्टर को दिखानी ही पहला विकल्प होना चाहिए। इसलिए चोट या घाव पर इसका सीधा इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें ले।
कोर्टिसोल को कम करने में असगंध का उपयोग
आपने शायद कोर्टिसोल के बारे में पहली बार सुना होगा। इसलिए आपको बता दें कि यह होता क्या है। कोर्टिसोल एक प्रकार का हार्मोन होता है जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। इसके बढ़ जाने की वजह से शरीर में हार्मोन अस्थिर हो जाते हैं। जिससे शारीरिक बदलाव होने लगता है। इससे कभी मोटापा अधिक बढ़ जाता है तो कभी कुछ अन्य प्रकार की अन्य बीमारियां पनपने लगती हें। ऐसे में अश्वगंधा का उपयोग कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है। इसे कम करने के लिए आपको 3 से 6 ग्राम तक अश्वगंधा सप्लीमेंट लेना होता है। लेकिन इसके स्तर को कम करने के लिए सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
चिंता और थकावट के लिए अश्वगंधा पाउडर के लाभ
अश्वगंधा पाउडर चिंता और अवसाद को कम करने के लिए भी कारगर माना जाता है। आपको बता दें कि इसमें बायोएक्टिव कंपाउंड्स में एंक्सियोलिटिक और एंटी डिप्रेसेंट जैसे गुण होते हैं। जो तनाव और अवसाद को कम करने का काम करते हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च में बताया गया है कि अगर लगातार 5 दिन अश्वगंधा का सेवन किया जाए तो इसका असर भी चिंता कम करने वाली दवा जैसा होता है। अश्वगंधा दिमाग के ट्राइबुलिन के स्तर को नियंत्रित कर सकता है जो स्ट्रेस की वजह से बढ़ने लगता है।
मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में अश्वगंधा चूर्ण के फायदे
हमारा मस्तिष्क कई तरह के क्रिया करता है, जिसके लिए उसका स्वस्थ्य होना बेहद जरूरी है। मस्तिष्क ना केवल विचारों को पैदा करता है, बल्कि अनुभव से अनुमान लगाता है और हमारी इंद्रिया हमें कई तरह से रोजाना की गतिविधियों में मदद करती हैं। ऐसे में मस्तिष्क का स्वस्थ होना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में दिमाग को स्वस्थ रखने में अश्वगंधा कारगर साबित होता है। इसके अलावा इसमें विथनोलाइड्स कंपाउंड तंत्रिका विकास में मदद करता है।
अश्वगंधा के लाभ एजिंग से बचाने में
अश्वगंधा के औषधीय गुणों में हमने आपको बताया ही था कि इसके अंदर एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं। इसके इन्हीं गुणों की वजह से यह स्किन के लिए भी अधिक फायदेमंद हो सकता है। इसके अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़कर बढ़ती उम्र के स्किन पर पड़ने वाले प्रभाव जैसे झुर्रियां, स्किन का लटकना को कम करती है। इसके अलावा सूरज की पराबैंगनी किरणों के कारण होने वाले कैंसर को रोकने में भी इसका फेस पैक असरदार रहता है। अगर आपके चेहरे पर आपकी उम्र का असर दिख रहा है तो आप इसका इस्तेमाल जरूर करें।
स्किन से संबंधित समस्या में अश्वगंधा चूर्ण के लाभ
स्किन से संबंधित कई तरह की समस्याएं कभी भी पैदा हो सकती हैं। इसमें स्किन पर सूजन आना या इरिटेशन होना शामिल है। वहीं अश्वगंधा के अंदर मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण इन समस्याओं से लड़ने में बेहद कारगर माने जाते हैं। आपको बता दे कि स्किन पर होने वाली समस्या का जिम्मेदार आम बैक्टीरिया स्टैफिलोकोकस ऑरियस है। इसी के कारण चेहरे में सूजन या इरिटेशन होने लगती है। ऐसे में आप असगंध का पेस्ट बनाकर स्किन पर लगा सकते हैं, इससे यह समस्या धीरे धीरे कम होने लगेगी।
थायराइड में लाभदायक हैं अश्वगंधा
थायराइड की समस्या आज के समय में बेहद आम हो गई है। लेकिन जितना इस समस्या के बारे में सुनना आम हो गया है उतनी ही यह खतरनाक भी है। दरअसल हम सभी के गले में तितली की तरह ही दिखने वाली ग्रंथि थायराइड ग्रंथि जरूरी हार्मोन बनाने का कार्य करती है। लेकिन जब यह करने में असमर्थ हो जाती है तो इससे हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं। जिसके कारण या तो वजन बढ़ने लगता है या फिर कम होने लगता है। इसके अलावा कई तरह की अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। शोधकर्ताओं ने कुछ समय पहले ही थायराइड की समस्या से पीड़ित कुछ चूंहों को नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन कराया था। जिसके बाद उनमें थायराइड कम होने लगा। लेकिन आपको अगर थायराइड की समस्या हो तो सीधा इसे लेने के बजाय आप पहले डॉक्टर की सलाह लें।
आंखों की समस्या के लिए अश्वगंधा पाउडर खाने के लाभ
आंखों की बीमारियां आज के समय में लोगों को किसी भी उम्र में होने लगी है। जिसकी वजह से कई बार तो लोगों की देखने की क्षमता कम होती है तो कई बार वह पूरी तरह अंधे तक हो जाते हैं। आज के वक्त में लोगों को सबसे ज्यादा जो समस्या परेशान कर रही है वह है मोतियाबिंद। इसी के कारण हजारों लोग हर साल अपनी आंखे खो देते हैं। लेकिन अब इस समस्या को आसानी से खत्म करने का रास्ता वैज्ञानिकों ने खोज लिया है। दरअसल कुछ समय पहले वैज्ञानिकों ने अश्वगंधा को लेकर रिसर्च की थी। इस रिसर्च में पाया गया कि अश्वगंधा मोतियाबिंद की समस्या में बहुत लाभकारी होता है। अगर आपको मोतियाबिंद की समस्या है तो आप डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन नियमित रूप से कर सकती हैं।
अर्थराइटिस में अश्वगंधा पाउडर है लाभदायक
अर्थराइटिस एक गंभीर समस्या है इस समस्या से जूझ रहे लोगों का चलना बैठना तक भारी होने लगता है। यह समस्या ज्वाइंट्स या हड्डियों में होती है। इसमें भयंकर दर्द तो होता ही है साथ ही जिस जगह पर यह होता है उस जगह की हड्डियों का बल प्रयोग करने में भी दिक्कत आती है। इसी समस्या पर बनारस में स्थित विश्व हिंदू विश्वविद्यालय की ओर से एक शोध किया गया था। इस शोध में बताया गया था कि अश्वगंधा में एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों की वजह से अर्थराइटिस की समस्या कम हो सकती है। साथ ही अगर इसका नियमित सेवन किया जाए तो इसके गुण अर्थराइटिस को रोक सकते हैं।
याददाश्त तेज करने में अश्वगंधा खाने के फायदे
आज के समय में खराब दिनचर्या और लाइफस्टाइल का असर हमारे मस्तिष्क पर भी बहुत अधिक पड़ता है। इसमें सबसे डराने वाली बात यह है कि हम अपने मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए किसी तरह के काम या डाइट नहीं लेते। जिसकी वजह से वक्त के साथ याददाश्त कमजोर होने लगती है इसके अलावा मस्तिष्क कार्य प्रणाली भी धीरे कार्य करती है। ऐसे में कई शोध हुए हैं जिनमें बताया गया है कि याददाश्त को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए।
मांसपेशियां करता है मजबूत
दोस्तों जिस तरह हड्डियों को मजबूत रखना जरूरी है, उसी तरह मांसपेशियों को भी मजबूत रखना जरूरी है। लेकिन कैसा हो अगर यह दोनो ही काम एक ही खाद्य पदार्थ कर दे तो। जी हां। अश्वगंधा ना केवल आपकी हड्डियों को मजबूत बनाता है बल्कि यह आपकी मांसेपेशियों पर भी उतना ही कारगर रहता है। इसके रोजाना सेवन करने से दिमाग और मांसेपेशियों के बीच बेहतर तालमेल बना रहता है। यही नहीं जिम या अखाड़ो में जाने वालें लोग अक्सर इसका सेवन करते दिखाई देते हैं। इससे मसल्स ग्रोथ करने में भी मदद मिलती है।
संक्रमण से बचने के लिए अश्वगंधा खाएं
दोस्तो साल 2020 में कोरोना संक्रमण ने तबाही मचाई यह तो हम सभी जानते हैं। लेकिन इसके अलावा भी कई बीमारियां और भी हैं जिनका संक्रमण लोगों को बहुत आसानी से जकड़ लेता है। लेकिन इसके अंदर पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण फेफड़ों से जुड़े कई तरह के संक्रमण से आपकी रक्षा करता है। अगर आप भी किसी तरह के संक्रमण से बचना चाहते हैं तो नियमित रूप से अश्वगंधा के पत्ते और जड़ों का सेवन करें। इसकी जड़ो और पत्तो के गुण साल्मोनेला और ई, कॉली नामक बैक्टीरिया को भी खत्म कर सकता है। इसलिए इसका सेवन रोजाना करें।
दिल के रोग से अश्वगंधा है लाभदायक
अब तक आपको यह तो समझ आ गया होगा कि अश्वगंधा के लाभ कितने अधिक हैं। लेकिन यह सूची यंहा खत्म नहीं होगी बल्कि यह थोड़ी और लंबी जाएगी। आज के समय में हृदय से जुड़ी बीमारियां लोगों को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रही है। जिसकी वजह से बहुत से लोग जान तक गंवा बैठते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अश्वगंधा आपके दिल को भी स्वस्थ बनाए रखता है। इसके अंदर पाए जाने वाले कुछ औषधीय गुण दिल को स्वस्थ रखने का कार्य करते हैं।ऐसे में कहा जा सकता है कि दिल को स्वस्थ बनाए रखे के लिए इसका सेवन करना चाहिए।
वजन कम करने के लिए अश्वगंधा
वजन बढ़ना कितनी बड़ी समस्या है यह केवल वही लोग जानते हैं जो इस समस्या से जूझ रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह स्टेज केवल कुछ ही लोगों की जिंदगी में आती है। बल्कि एक समय के बाद उम्र के साथ वजन बढ़ने लगता है और समय पर इसे ना रोका जाए तो यह कई अन्य समस्याओं एंव बीमारियों को आमंत्रित कर देता है। ऐसे में अश्वगंधा के सेवन से वजन भी कम किया जा सकता है। दरअसल अश्वगंधा के अंदर ऐसे गुण होते हैं जो तनाव को कम करते हैं। वही ज्यादातर लोगों में देखा गया है कि उन्हे वजन बढ़ने की समस्या केवल तनाव की वजह से होती है। इस तरह यह तनाव को भी कत करता है वजन को भी बढ़ने से रोकता है।
टीबी की बीमारी में अश्वगंधा पाउडर के लाभ
टीबी एक ऐसी समस्या है जिसमें आदमी के फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं। इससे भी खतरनाक बात यह है कि इसका कोई निश्चित इलाज नहीं है। यानी आपको कुछ दवाईयों और अच्छा भोजन ही करना होगा, तभी यह समस्या खत्म होगी। लेकिन अश्वगंधा के अंदर मौजूद गुण इस समस्या से ना केवल लड़ने में सक्षम हैं बल्कि यह टीबी के वायरस को पैदा होने से भी रोकता है।
सीने के दर्द में अश्वगंधा का करें सेवन
आमतौर पर कुछ बुरा खाने या सर्दी के कारण सीने में दर्द की समस्या पैदा हो जाती है। इस समस्या के कारण बहुत से लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। लेकिन यह लोग यह नहीं जानते कि महज अश्वगंधा चूर्ण को पानी में डालकर पीने से इस समस्या से निजात मिल सकती है।
मर्दो के प्राइवेट पार्ट की कमजोरी करता है दूर
यौन संबंध बनाने के लिए जरूरी है कि आपका प्राइवेट पार्ट पूरी तरह मजबूत रहें। लेकिन कई बार अधिक हस्तमैथुन करने से या फिर बेकार खानपान के चलते प्राइवेट पार्ट उतना स्ट्रोंग नही हो पाता। लेकिन अश्वगंधा चूर्ण का उपयोग करके इसे मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए केवल आपको इसका नियमित रूप से सेवन करना होगा।
अश्वगंधा के सेवन की विधि – How To Use Ashwagandha in Hindi
दोस्तो अब तक आपने जाना कि यह किन समस्याओं में इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन अब यह जानना है कि इसे इस्तेमाल कैसे करना है और किस मात्रा में करना है। क्योंकि कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि लोग जल्दी लाभ पाने की चाह में इसका अधिक सेवन करने लगते हैं। जिसके नुकसान भी उन्हे झेलने पड़ते हैं। तो चलिए जानते हैं Ashwagandha Uses in Hindi
अश्वगंधा के सेवन की विधि
दोस्तों क्योंकि यह एक जड़ी बूटी की तरह है और इसका इस्तेमाल दवाइयों के अंदर भी किया जाता है। ऐसे में अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो आप इसके बारे में सलाह डॉक्टर से ही लें। आपको आस पास ऐसे बहुत से लोग मिल जाएंगे जो इसकी डोज और इस्तेमाल के तरीके बताएंगे। लेकिन हम चाहेंगे कि आप इसका इस्तेमाल केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
अश्वगंधा पाउडर का इस्तेमाल
ऐसी ढेरों साइट हैं जो अश्वगंधा पाउडर ना केवल बेच रही हैं बल्कि इसके कैप्सूल भी बेच रही हैं। लेकिन आप इसे डॉक्टर की सलाह पर ही लें। वरना आपको इसके नुकसान भी हो सकते हैं।
असगंध और दूध का सेवन
ज्यादातर लोग असगंध के सेवन की सलाह केवल दूध के साथ ही देते हैं। उनका मानना है कि दूध के साथ अश्वगंधा अधिक लाभदायक होता है।
अश्वगंधा इस तरह चुने और सुरक्षित रखें
अगर आप अश्वगंधा का सेवन रोजाना करना चाहते हैं और जल्द ही इसे खत्म कर देंगे तो आप इसका पाउडर खरीद सकते हैं। लेकिन अगर आप इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखना चाहते हैं तो आप केवल इसकी जड़ो को ही खरीदें।
अश्वगंधा खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- अगर आप पाउडर खरीद रहें है तो आप बैद्यनाथ, पतंजलि का पाउडर खरीदें। यह ब्रांड इसकी गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखते हैं।
- इसे खरीदते समय ही देखें की यह असली है या नहीं। अश्वगंधा की पहचान का तरीका हमने आपको ऊपर बता दिया है।
- फंगस लगे अश्वगंधा को ना खरीदें।
- गीली अश्वगंधा की जड़ों को खरीदने की गलती ना करें।
- एयर टाइट कंटेनर में ही बंद करके रखें।
- अगर एक ही महीने में आपको इसका उपयोग करना हो तो केवल तभी आप इसका पाउडर खरीदें वरना इसकी जड़ो को ही खरीदें।
अश्वगंधा पाउडर कीमत- Ashwagandha Powder Price in Hindi
अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो आप अश्वगंधा पाउडर या जड़ों को बाजार से खरीद सकते हैं। जड़ों की कीमत थोड़ी अधिक हो सकती हैं, क्योंकि इसका पाउडर बनाया जा सकता है। जबकि इसके पाउडर की कीमत 50 रूपए से लेकर 1400 रूपए तक जाती है।
असगंध पाउडर बनाने का तरीका
- सबसे पहले आप असगंध की कुछ जड़ो को लें ले।
- अब इन जड़ो को एक या दो दिन धूप में अच्छे से सूखने दें।
- सूखने के बाद अगर यह अधिक बड़ी हों तो इनके कुछ छोटे टुकड़े कर लें।
- अब इन्हे मिक्सी में डालें और पीस लें।
- जब यह बिलकुल बारीक हो जाएं तो आप इन्हे किसी ऐसे डिब्बे में डालकर रख दें जिनमें हवा ना जाती हो।
- अब आप इसके सेवन तय मात्रा में कर सकते हैं।
अश्वगंधा की खुराक की मात्रा – Ashwagandha Dosage in Hindi
अश्वगंधा को नियमित रूप से सेवन करने से पहले आप यह जरूर जान लें कि आप कितनी मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं। आप तीन से छह ग्राम तक का सेवन एक दिन में किया जा सकता है। हालांकि यह तय मात्रा अधिक या कम हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करती है कि व्यक्ति का शरीर उस मात्रा में इसे पचा पा रहा है या नहीं।
इसके अलावा अगर आप अश्वगंधा से जुड़े किसी तरह के सप्लीमेंट ले रहे हैं तो इसके बॉक्स पर डोज किस मात्रा में ले यह देख लें। अगर आप अभी भी तय नहीं कर पा रहे तो डॉक्टर की सलाह के बाद अश्वगंधा की मात्रा तय करें।
असगंध के सेवन से पहले सावधानियां
अब अगर आप इसका सेवन शुरू कर रहें हैं तो आप इससे जुड़ी सावधानिया भी जान लें। ताकि आप इसे सही तरह ले सकें और इसका आपकी सेहत पर फायदा हो नुकसान नहीं।
सावधानियां
- अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। इसलिए इसका सेवन अधिक मात्रा मे बिल्कुल ना करें।
- किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही उसकी मात्रा और सेवन शुरू करें।
- अगर आपको आंत संबंधी किसी तरह की समस्या है तो इसका सेवन बिलकुल ना करें।
अश्वगंधा के नुकसान – Ashwagandha Side Effects in Hindi
दोस्तों जिस तरह किसी चीज के फायदे होते हैं उसी तरह उसके नुकसान भी होते हैं। अश्वगंधा के भी कुछ ऐसे नुकसान है जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। तो चलिए जानते हैं Ashwagandha Side Effects in Hindi
अश्वगंधा के सेवन से होने वाले नुकसान की सूची
- गर्भावस्था के दौरान इसके अधिक सेवन से गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आप गर्भावस्था में हैं तो इसका सेवन ना ही करें। वरना परिणाम बुरा हो सकता है।
- केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में अवसाद पैदा होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में अगर आप असगंध के साथ साथ शराब या अन्य नशीली चीजों का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- अगर आप असगंध का अधिक सेवन करते हैं तो इससे आपको दस्त उल्टी या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी समस्या हो सकती है।
निष्कर्ष – Conclusion
दोस्तो हमने अपने इस लेख में आपको अश्वगंधा से जुड़ी तमाम जानकारी प्रदान कर दी है। लेकिन अगर कोई बात है जो हमने आप तक नहीं पंहुचाई तो आप हमे नीचे कमेंट करके बात सकते हैं। इसके अलावा आज ही डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन शुरू कर दें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
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असगंध की तासीर कैसी होती है?
असगंध की तासीर गर्म होती है।
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क्या अश्वगंधा का उपयोग दूध के साथ किया जा सकता है?
हां, इसका सेवन दूध के साथ किया जा सकता है।
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अश्वगंधा असली पहचान क्या है?
इसकी असली पहचान है इसकी गंद, अश्वगंधा की जड़ो और पत्तियों में से घोड़े के पसीने की और मूत्र की गंद आती है।
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क्या इससे संबंधित सप्लीमेंट्स भी मिलते हैं?
हां, इससे संबंधित बाजार में बहुत से सप्लीमेंट्स मिलते हैं।